केएल राहुल का समय अच्छा नहीं चल रहा है। इंटरनेशनल क्रिकेट में लगातार फेल हो रहे हैं। पिछले IPL सीजन में उनकी टीम लखनऊ सुपर जाइंट्स (एलएसजी) का प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा। अब IPL रिटेंशन की डेडलाइन में एक दिन का समय बचा है और उनके रिटेन होंने की संभावना बेहद कम नजर आ रही है। ऐसा माना जा रहा है कि केएल राहुल को खराब कप्तानी और T20 क्रिकेट के साथ तालमेल नहीं बिठाने का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
आगामी IPL मेगा ऑक्शन से पहले LSG में निकोलस पूरन के साथ तेज गेंदबाज मयंक यादव, लेग स्पिनर रवि बिश्नोई और आयुष बडोनी के रिटेन होने की सबसे ज्यादा संभावना है। हालांकि केएल राहुल के नाम पर मुहर लगने की संभावना बेहद कम है। एलएसजी में घटनाक्रम पर नजर रखने वाले एक सूत्र ने बुधवार को पीटीआई को बताया कि एलएसजी ने सिर्फ पिछले तीन वर्षों के प्रदर्शन पर गौर किया है और खास तौर पर राहुल की खुद की बल्लेबाजी शैली और स्ट्राइक रेट को ही ध्यान में रखा जो किसी भी निर्णय पर पहुंचने के लिए महत्वपूर्ण कारक हैं।
सवालों के घेरे में केएल का स्ट्राइक रेट
उन्होंने कहा कि एलएसजी के साथ तीन साल के दौरान राहुल का स्ट्राइक रेट 136.13 (616 रन), 113.23 (274) और 135.38 (520) रहा है। आज के T20 युग में जब भारतीय टीम को भी अपनी रणनीति बदलनी पड़ी तो ये आंकड़े स्वीकार्य नहीं थे। इसकी तुलना में आम तौर पर अंतिम 10 ओवर में बल्लेबाजी करने वाले पूरन का 2022 में स्ट्राइक रेट 144.34 था और अगले दो सत्र में 172.95 और 178.21 के साथ बहुत प्रभावशाली रहा।
सूत्र ने कहा कि अगर आप 2024 में देखें तो राहुल के 520 रन टीम को क्वालीफाई करने में मदद नहीं करेंगे। हमारी पावरप्ले बल्लेबाजी के कारण अधिकांश मैच जीते और हारे गए। दूसरी ओर पूरन टीम के एक लोकप्रिय सदस्य हैं और टीम में नेतृत्वकर्ताओं में से एक हैं जिन्होंने वेस्टइंडीज की कप्तानी भी की है। जहां तक मयंक यादव का सवाल है तो वह देश में 150 किमी प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से गेंदबाजी करने वाले एकमात्र गेंदबाज हैं और एलएसजी ने उस समय उन पर निवेश किया था जब वह कोई खास खिलाड़ी नहीं थे।
(Inputs- PTI)
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