What is Slow over rate Penalties :आरसीबी के कप्तान विराट कोहली, सीएसके के कप्तान एमएस धोनी, दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान डेविड वार्नर हो या फिर कोई और कप्तान। इस बार आप हर दूसरे तीसरे मैच के बाद ये जरूर सुनते होंगे कि फलां मैच के बाद उस कप्तान पर जुर्माना लगाया गया है। ये सब हो रहा है स्लो ओवर रेट पेनाल्टी के कारण। यानी गेंदबाजी करने वाली टीम तय समय पर अपने कोटे के ओवर पूरे नहीं कर पाती है और इसके बाद खामियाजा भुगतना पड़ता है कप्तान को। कभी 12 लाख रुपये और कभी 24 लाख रुपये का जुर्माना कप्तानों को देना पड़ता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये नियम है क्या और कितने समय के भीतर किसी भी टीम को अपने ओवर पूरे करने होते हैं। तो चलिए जरा इस पूरे मामले को जरा विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं।
आईपीएल 2023 में टीमों को 90 मिनट के भीतर पूरे करने होते हैं 20 ओवर
जब भी कोई टीम गेंदबाजी के लिए मैदान में उतरती है तो नियम के अनुसार 90 मिनट के भीतर भीतर उसे अपने पूरे 20 ओवर खत्म करने होते हैं। बीच में जो दो बार ढाई मिनट का स्ट्रेटिजिक टाइम आउट होता है, उसे इस 90 मिनट में नहीं गिना जाता है। यानी यहां हो गए कुल मिलाकर 95 मिनट। इसके अलावा कप्तान और बल्लेबाज बीच बीच में डीआरएस की भी मांग करते हैं। पहले तो केवल आउट पर ही डीआरएस की मांग की जा सकती थी, लेकिन अब गेंदबाज और बल्लेबाज वाइड और नो बॉल पर भी डीआरएस की मांग कर देते हैं। अगर आप ये सोचते और समझते हैं कि इसकी वजह से ओवर देरी से समाप्त हो रहे हैं तो आप गलत हैं। जब डीआरएस की मांग की जाती है और उसके बाद जब तक अंपायर का आखिरी निर्णय आता है, तब तक के लिए जाते हुए समय को रोके रखा जाता है। यानी उन 90 मिनट में से इसे निकाल दिया जाता है।
तीन बार स्लो ओवर रेट का दोषी पाए जाने पर चली जाती है एक मैच के लिए कप्तानी
गेंदबाजी करने वाली टीम अगर 90 मिनट के भीतर अपने पूरे 20 ओवर समाप्त नहीं कर देती है तो कप्तान पर पहली बार 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। लेकिन ये जुर्माना कप्तान पर लगाया जाता है। लेकिन अगर कोई कप्तान और टीम दूसरी बार यही काम करती है, यानी फिर से 90 मिनट के अंदर पूरे ओवर नहीं कर पाती है तो ये जुर्माना बढ़ाकर 24 लाख रुपये यानी दोगुना कर दिया जाता है। लेकिन अगर तीसरी बार फिर से कोई टीम ऐसा करती है और स्लो ओवर रेट के मामले में फंसती है तो उस पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है और खास बात ये भी है कि कप्तान पर एक मैच के लिए प्रतिबंध भी लगा दिया जाता है, यानी फिर वही खिलाड़ी अपनी टीम की कप्तानी नहीं कर सकता, कोई दूसरा खिलाड़ी कप्तानी करेगा।