IPL 2023, Rajasthan Royals: राजस्थान रॉयल्स (RR) की टीम पिछले साल संजू सैमसन की कप्तानी में अपना दूसरा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) खिताब जीतने के करीब पहुंची थी। लेकिन फाइनल मुकाबले में गुजरात टाइटंस ने टीम के मंसूबों पर पानी फेर दिया था। हार्दिक पंड्या की टीम ने डेब्यू सीजन में ही ट्रॉफी अपने नाम करते हुए राजस्थान के 14 साल के इंतजार को और लंबा कर दिया था। आपको बता दें कि राजस्थान रॉयल्स ने भी 2008 में डेब्यू सीजन यानी आईपीएल के ही पहले साल में खिताब जीत लिया था। अब 15 साल बाद एक बार फिर से टीम अपना अभियान शुरू करेगी।
31 मार्च से आईपीएल के 16वें सीजन का आगाज होने जा रहा है। राजस्थान रॉयल्स की टीम 2 अप्रैल को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ अपना अभियान शुरू करेगी। टीम अपने सात मुकाबले घर से बाहर खेलेगी। उसके बाद बाकी सात मुकाबलों में से टीम पांच अपने घर पर जयपुर में खेलेगी और दो मुकाबले टीम को गुवाहाटी में भी खेलने हैं। संजू सैमसन की अगुआई वाली यह टीम काफी बैलेंस है। चाहें तेज गेंदबाजी की बात करें, स्पिन विभाग की बात करें या फिर बल्लेबाजी की। इस टीम के पास बहुत बड़े नाम नहीं हैं लेकिन जो भी खिलाड़ी हैं वह काफी जुझारू हैं।
क्या हैं राजस्थान रॉयल्स की मजबूती?
टीम की मजबूती है उसका बल्लेबाजी लाइन-अप, जिसमें यशस्वी जायसवाल और जोस बटलर की सलामी जोड़ी बेहद खतरनाक है। इंग्लैंड टी20 कप्तान बटलर 2023 सत्र तक लगातार रन बना रहे हैं और पिछले साल के ऑरेंज कैप विनर हैं। जायसवाल भी शानदार फॉर्म में हैं। उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में लगभग 80 की औसत से 396 रन बनाए, वहीं सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में 141.48 के शानदार स्ट्राइक रेट से 266 रन बनाए। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने बांग्लादेश ए के खिलाफ भारत ए के लिए शतक भी लगाया।
टीम के मध्य क्रम में देवदत्त पडिक्कल, शिमरोन हेटमायर और प्रतिभाशाली रियान पराग के साथ कप्तान संजू सैमसन शामिल हैं। वहीं अब जो रूट भी टीम के स्क्वॉड का हिस्सा हैं। इसके बाद गेंदबाजी की बात करें तो रविचंद्रन अश्विन और युजवेंद्र चहल की अनुभवी जोड़ी के साथ ऑस्ट्रेलियाई एडम जम्पा की मौजूदगी से स्पिन विभाग भी मजबूत दिखने लगा है। तेज गेंदबाजी में प्रसिद्ध कृष्णा जरूर चोट के चलते पूरे सीजन से बाहर हैं लेकिन कुलदीप सेन, ट्रेंट बोल्ट, ओबेड मैकॉय, नवदीप सैनी जैसे तेज गेंदबाज हैं जो उनकी कमी खलने नहीं देंगे। इस टीम की साइड टूर्नामेंट की सबसे बैलेंस साइड में से एक है।
क्या हैं टीम की कमजोरियां?
अब अगर कमजोरी की बात करें तो टीम का मिडिल ऑर्डर थोड़ा कमजोर है। संजू सैमसन और हेटमायर के अलावा कोई भी भरोसेमंद खिलाड़ी नहीं है। हालांकि मिनी ऑक्शन में टीम ने इंग्लैंड के जो रूट, वेस्टइंडीज के जेसन होल्डर और साउथ अफ्रीका के डोनोवन फेरेरा को खरीदा था जो ट्रंप कार्ड साबित हो सकते हैं। इसके अलावा तेज गेंदबाजी का समीकरण तैयार करना थोड़ा सिरदर्द बन सकता है। चार विदेशी ही खेलेंगे जिसमें मैकॉय/होल्डर, बटलर, हेटमायर और बोल्ट के होने पर फेरेरा, रूट और जाम्पा नहीं खेल पाएंगे। अगर मध्यक्रम मजबूत करके जो रूट को खिलाया जाता है तो होल्डर या मैकॉय को बाहर होना पड़ सकता है। ऐसे में तेज गेंदबाजी का समीकरण प्रसिद्ध कृष्णा के चोटिल होने से थोड़ा बिगड़ गया है और इस पर टीम को काम करना होगा। लेकिन टीम के पास ऑप्शन काफी हैं ऐसे में मध्यक्रम के अलावा टीम की कोई खास कमजोरी नहीं नजर आती है।
वहीं राजस्थान रॉयल्स के पिछले रिकॉर्ड को देखें तो 2009 से 2021 तक टीम का प्रदर्शन इतना अच्छा नहीं रहा है। 2008 में पहला सीजन टीम जीती थी और 2022 में रनर अप रही थी। इसके अलावा इस टीम के नाम असफलताओं का इतिहास रहा है। टीम ने 2008 में दिवंगत शेन वॉर्न की कप्तानी में खिताब जीता था लेकिन इसके बाद पिछले साल तक यह सफर निराशाजनक रहा। पिछले साल हालांकि, टीम उपविजेता रही। टूर्नामेंट के इतिहास में टीम ने केवल तीन बार प्लेऑफ में जगह बनाई है और दो साल के लिए निलंबित भी रही थी। जो हुआ उसे भुलाकर टीम आगामी सत्र में कोच कुमार संगकारा के नेतृत्व और संजू सैमसन की अगुआई वाली टीम निरंतर अच्छे प्रदर्शन से सफलता हासिल करना चाहेगी।
राजस्थान रॉयल्स का पूरा स्क्वॉड
संजू सैमसन (कप्तान), जोस बटलर, शिमरोन हेटमायर, ट्रेंट बोल्ट, देवदत्त पडिक्कल, युजवेंद्र चहल, जेसन होल्डर, आर. अश्विन, यशस्वी जायसवाल, रियान पराग, नवदीप सैनी, एडम जाम्पा, जो रूट, ओबेड मैककॉय, डोनोवन फरेरा, केएम आसिफ, केसी करियप्पा, कुलदीप सेन, ध्रुव जुरेल, कुलदिप यादव, अब्दुल बसिथ, कुनाल सिंह राठौर, मुरुगन अश्विन, आकाश वशिष्ठ।
(प्रसिद्ध कृष्णा पूरे सीजन से बाहर हैं)