IPL 2023 RCB vs MI : बेचारे आरसीबी फैंस। साल 2008 से लेकर अब तक 15 साल गुजर गए। गंगा में कितना पानी बह गया। जो बच्चे 2008 में जन्म लिए होंगे, वो अब बालिग होने वाले हैं। कुछ ही साल में भारत सरकार उन्हें वोट देने का अधिकार दे देगी, लेकिन आरसीबी फैंस का आईपीएल का कप जीतने का सपना पूरा नहीं हो पाया है। लेकिन एक बात तो है, फैंस हों तो आरसीबी जैसे, नहीं तो न ही हों। फैंस के बिना काम चल जाएगा, लेकिन ऐसे फैंस का क्या फायदा कि जो टीम जीत रही हो, उसी के साथ हो लिए। इस बार मंगलवार शाम सात बजे तक उम्मीदें जिंदा थी। इस बार तो ऐसा भी लग रहा था कि विराट कोहली नहीं तो फॉफ डुप्लेसी ही सही, कम से कम कप आना चाहिए। हर बार यही कहकर बेइज्जत किया जाता है कि आरसीबी के पास एक भी कप नहीं है। आखिर कब तक, कब तक इस तरह के ताने सुनेंगे। आखिर कब तक सहेंगे। लेकिन रात होते होते इन उम्मीदों पर भी पानी फिरता हुआ नजर आने लगा था। मुंबई इंडियंस और आरसीबी करीब करीब एक ही जगह पर खड़े थे। लेकिन रोहित शर्मा ने मुंबई इंडियंस को जिता कर अपने फैंस को मुस्काराने की वजह दे दी, वहीं विराट कोहली और आरसीबी के फैंस एक बार फिर निराशा के समंदर में चले गए और आंसू बहाते बहाते कब सो गए इसका भी पता नहीं चला।
आरसीबी करीब करीब प्लेऑफ की रेस से बाहर हो चुकी है, दिल है कि मानता नहीं
आरसीबी एक बार फिर से प्लेऑफ की रेस से बाहर होते हुए नजर आ रही है। अब आरसीबी फैंस ये बातें सुनकर और पढ़कर निराश और नाराज दोनों हो सकते हैं। कहा जा सकता है कि जब दिल्ली कैपिटल्स और सनराइजर्स हैदराबाद अभी तक बाहर नहीं हुए तो आरसीबी कैसे बाहर हो जाएगी। आरसीबी को बाहर करने की बात आरसीबी का कोई कट्टर दुश्मन ही कर सकता है। लेकिन जरा सच्चाई से भी रूबरू हो जाइए। किसने कहा कि डीसी और एसआरएच अभी प्लेऑफ में जा सकती हैं। कितने मासूम होंगे, वो लोग जो ये सोच रहे होंगे कि जो टीमें दस में से चार ही मैच जीत पाई हैं, वो बचे हुए चार में से चार मैच जीत जाएंगी। मासूम तो होंगे ही साथ ही हिम्मत वाले भी होंगे, जो अभी तक हारे नहीं हैं और फिंगर्स क्रॉस करके बैठे हैं। इतना कॉफिडेंस तो खुद एडम मार्करम और डेविड वार्नर को भी नहीं होगा, जितना इनके फैंस का है। खैर विषय से भटकते नहीं हैं, बात आरसीबी की हो रही है तो आरसीबी पर ही पूरा फोकस रखेंगे। आरसीबी की नैया मुंबई इंडियंस ने ऐसी डुबाई कि अब वहां से उबर पाना आसां नहीं होगा। लेकिन हर आरसीबी फैन के मन में एक सवाल तो जरूर कौंध रहा होगा कि आरसीबी मैच आखिर हारी कहां।
KFG में से F और G का आया तूफान, फिर स्कोर नहीं जा पाया 200 पार
विराट कोहली भले मुंबई में ही रहते हों, लेकिन मंगलवार को यहां का वानखेड़े स्टेडियम में उन्हें रास नहीं आया। लेकिन कोहली आखिर सोच कर क्या आए थे। क्या सोच कर आए थे, रन बनाएंगे, चौके छक्के लगाएंगे, बड़ी पारी खेलेंगे, टीम का जिताएंगे, लेकिन इसमें से एक भी काम नहीं हो पाया। भाई साहब चार गेंद पर एक ही रन बनाकर आउट हो गए। जब कोहली ने नहीं टिक पाए तो नए नवेले अनुज रावत से क्या होगा, वैसे भी अनुज का तो मतलब ही छोटा होता है। लेकिन फिर आया फॉफ डुप्लेसी और ग्लेन मैक्सवेल का तूफान। तूफान क्या इसे सुनामी कहिए। दोनों तरफ से ताबड़तोड़। हाल ये हो गया कि पावर प्ले यानी छह ओवर पूरे होते होते स्कोर 50 को पार कर गया और दो विकेट पर 56 रन थे। लगा कि अब स्पीड कुछ धीमी होगी, लेकिन मैक्सवेल की गाड़ी में न तो ब्रेक थे और ना ही क्लिच, केवल एक्सीलेंटर था, जिसे मैक्सवेल दबाए रहे। दस ओवर यानी आधी पारी में टीम का स्कोर शतक के पार हो गया, यानी 104 रन बन गए और विकेट गिरे केवल दो। 15 ओवर खत्म होते होते टीम का स्कोर 150 के पार हो गया। लगा कि अब बचे हुए 5 ओवर में टीम कम से कम 60 से 70 रन और बनाएगी, लेकिन हुआ इसके उलट। टीम 20 ओवर में 200 का आंकड़ा पार नहीं कर पाई और 199 ही बने। बस यहीं पर खेल हो गया।
मुंबई इंडियंस ने अपनी मजबूती को किया मजबूत
दरअसल मुंबई इंडियंस अब लगता कि ये बात समझ चुकी है कि उनकी बॉलिंग कमजोर है, इसलिए उसे किनारे रख अब टीम का फोकस अपनी मजबूती को और मजबूत करने का है। यानी टीम ने ये मान लिया है कि उनकी गेंदबाजी पर 200 रन तो बन ही जाएंगे, ऐसे में बड़े स्कोर का पीछा कैसे करना है, इस पर काम किया और नतीजा सामने है। वैसे तो एमआई की टीम हो सकता है कि इस स्कोर को 19 या फिर 20 ओवर में चेज करती, लेकिन उसे लगा कि यही तो मौका है। दो अंक तो कब्जे में हो ही गए हैं, अब बड़ी जीत दर्ज करके नेट रन रेट भी बढ़ाया जाए। वो तो कहो सूर्या आउट हो गए नहीं तो ये स्कोर और भी जल्दी चेज हो जाता। अब आरसीबी की टीम दस अंकों के साथ सातवें नंबर पर विराजमान है। लेकिन मुश्किल ये कि आरसीबी अपने घर यानी बेंगलोर में केवल एक ही मैच खेलने का मौका मिलेगा। जो तीन मैच टीम के बाकी हैं, वो किसी छोटी मोटी टीम से नहीं, बल्कि अंक तालिका में उनसे ऊपर चली रही टीमों से है। टीम अब जयपुर केर सवाई मानसिंह स्टेडियम में 14 मई यानी संडे को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ उतरेगी। इसके बाद 18 मई को हैदराबाद में सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ खेलेगी। वहीं आखिरी मुकाबला अपने घर पर गुजरात टाइटंस से खेलेगी, ये मुकाबला 21 मई को होगा। इसमें से एक मैच भले हल्का हो, लेकिन जीटी और राजस्थान को हल्के में नहीं लिया जा सकता। देखना होगा कि आने वाले दिनों में ऊंट किस करवट बैठेगा और आरसीबी के फैंस को कुछ मुस्कराने का मौका मिलेगा या फिर निराशा ही निराशा रहेगी।