IPL 2023 की शुरुआत 31 मार्च से हो रही है। पहला मैच गुजरात टाइटंस और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच खेला जाएगा। लेकिन इससे पहले ही काइल जैमीसन, विल जैक्स और ऋषभ पंत चोटिल होने की वजह से आईपीएल 2023 से बाहर हो चुके हैं। वहीं, जसप्रीत बुमराह और श्रेयस अय्यर भी चोटिल हैं और उनका भी आईपीएल में खेलना मुश्किल नजर आ रहा है। ऐसे में सभी आईपीएल टीमें चोटिल खिलाड़ियों की परेशानी से जूझ रही हैं। सभी फ्रेंचाइजियों के सामने ये बड़ी समस्या है। सभी टीमें इससे किस तरह से निपटती हैं ये देखने वाली बात होगी?
चोटिल हैं ये खिलाड़ी
चोट लगना एक खिलाड़ी के करियर का हिस्सा है और हर खिलाड़ी को इसका शिकार होने का डर होता है। कोलकाता नाइट राइडर्स के कप्तान श्रेयस अय्यर के कम से कम आधे आईपीएल में खेलने की उम्मीद नहीं है। वहीं, गुजरात टाइटंस से कोलकाता नाइट राइडर्स में ट्रेडिंग करने वाले फर्ग्यूसन को हैमस्ट्रिंग की चोट से जूझ रहे हैं। दूसरी तरफ से पिछले साल दिसंबर में कार एक्सीडेंट में ऋषभ पंत चोटिल हो गए थे, अब उन्होंने बैसाखियों के सहारे चलना शुरू कर दिया है, लेकिन वह पूरी तरह से फिट नहीं हो पाए हैं।
चेन्नई सुपर किंग्स को लगा तगड़ा झटका
चेन्नई सुपर किंग्स ने काइल जैमीसन (पीठ की चोट) की जगह सिसंडा मगाला को टीम में शामिल किया है। माइकल ब्रेसवेल विल जैक्स (मांसपेशियों की चोट) के विकल्प के रूप में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम में एंट्री की है। इसके अलावा, मुंबई इंडियंस को तगड़ा झटका लगा है। जब ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज झाय रिचर्डसन को हैमस्ट्रिंग की समस्या है और उनकी सर्जरी हुई है।
फ्रेंचाइजियों के सामने है बड़ी समस्या
आईपीएल 2023 की शुरूआत से पहले खिलाड़ियों की चोटों से निपटना फ्रेंचाइजी के लिए एक बड़ा मुद्दा नहीं है क्योंकि वे दूसरे खिलाड़ियों को जोड़ सकते हैं। उनके लिए प्रमुख चिंता का विषय टूर्नामेंट के दौरान खिलाड़ियों को लगी चोटें हैं। टूर्नामेंट लगभग दो महीने (31 मार्च से 28 मई तक) तक चलेगा और होम अवे फॉर्मेट के कारण खिलाड़ियों को खूब ट्रेवल करना होगा, जिससे चोटों की समस्या बढ़ सकती है।
लेकिन यह बड़ी चोटें हैं जो न केवल खिलाड़ियों और उनकी आईपीएल फ्रेंचाइजी बल्कि उनके नेशनल टीम की टेंशन भी बढ़ा सकती हैं, क्योंकि खिलाड़ियों को चोट लगने का मतलब होगा कि वे अपने देश के लिए नहीं खेलेंगे। यह न केवल उनकी टी20 फ्रेंचाइजी बल्कि नेशनल टीम के संयोजन को भी खराब कर सकता है।
भारत में होना वनडे वर्ल्ड कप
इस साल अक्टूबर-नवंबर में भारत में होने वाले 50 ओवरों के विश्व कप के साथ, टीमें प्रमुख खिलाड़ियों को चोटिल होने का जोखिम नहीं उठा सकती हैं क्योंकि इससे विश्व कप के लिए उनकी तैयारी प्रभावित होगी और टीम का संतुलन भी बिगड़ जाएगा। पूरा टूर्नामेंट खेलने या यहां तक कि विश्व कप से पहले मैच खेलने का मौका चूकने से भी खिलाड़ियों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ेगा।