IPL 2023: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 16वें संस्करण का आगाज 31 मार्च से होने जा रहा है। इस बार प्लेऑफ और फाइनल समेत कुल 74 मुकाबले खेले जाएंगे। 52 दिनों तक यह टूर्नामेंट 10 टीमों के बीच चलेगा और फाइनल मुकाबला 28 मई को खेला जाएगा। इस आईपीएल सीजन में काफी कुछ नया और खास होने वाला है। जैसा कि हर किसी को पता है कि इस बार आईपीएल में इम्पैक्ट प्लेयर रूल लागू हो रहा है। इसके तहत टीमों के कप्तान 4 खिलाड़ी को सब्सटीट्यूट के तौर पर रखेंगे जिनमें से किसी एक को मैच के बीच में किसी से रिप्लेस किया जा सकता है। यह नियम विदेशी खिलाड़ियों पर तब ही लागू होगा जब पहले से प्लेइंग 11 में 4 से कम विदेशी प्लेयर होंगे। इसके अलावा हाल ही में टॉस के बाद प्लेइंग 11 का ऐलान करने का रूल सामने आया था। इन दो के अलावा एक और ऐसा नियम है जो आईपीएल के आगामी सीजन में एक्शन में आएगा।
आपको बता दें कि यह नियम है रिव्यू सिस्टम यानी DRS से जुड़ा हुआ। आपको बता दें कि आईपीएल में प्रत्येक टीम को एक पारी में दो डीआरएस दिए जाते हैं। अभी तक डीआरएस सिर्फ आउट या नॉटआउट के फैसले के खिलाफ लिया जाता है। पर अब इस नियम का दायरा बढ़ा दिया गया है। जैसा कि सब जानते हैं कि टी20 क्रिकेट फटाफट खेल का होता है। इसमें एक-एक रन भी काफी अहम होता है। पिछले दिनों में कई बार देखा गया है कि फील्ड अंपायर्स के कुछ फैसले किसी एक टीम पर भारी पड़ जाते हैं। आउट या नॉटआउट के अलावा कुछ और भी ऐसे फैसले होते हैं जो मैच के अंत में एक-एक रन को जरूरी बना देते हैं। उसी को ध्यान में रखते हुए डीआरएस का नियम बदला गया है।
क्या है DRS का नया नियम?
डीआरएस के बदले हुए नियम की बात करें तो अभी तक सिर्फ आउट या नॉटआउट पर ही फैसला रिव्यू के लिए जाता था। लेकिन अब अगर फील्ड अंपायर द्वारा कोई संदिग्ध वाइड या नो बॉल दी जा रही है तो इस पर भी कप्तान रिव्यू कर सकते हैं। अगर नो बॉल की बात करें तो पैर की नो बॉल अलग चीज है जिसे कप्तान चैलेंज करने में शायद हिचकिचाएं लेकिन हाइट की नो बॉल जो कमर के ऊपर फुलटॉस होती है उसके लिहाज से यह नियम असरदार साबित हो सकता है। कुछ महीनों पहले टी20 वर्ल्ड कप में भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान विराट कोहली के खिलाफ दी गई नो बॉल पर काफी विवाद खड़ा हुआ था। उसी को ध्यान में रखते हुए यह नियम बदला गया है। वहीं वाइड बॉल के लिहाज से भी यह काफी जरूरी साबित हो सकता है।
इम्पैक्ट रूल और डीआरएस के बारे में बात हो गई है तो संक्षिप्त तौर पर टॉस वाले नियम की भी बात कर लें। दरअसल पहले यह होता था कि टॉस के वक्त जाते हुए कप्तान एक टीम शीट ले जाता था जिसमें प्लेइंग 11 होती थी। पर अब कप्तानों के पास दो शीट ले जाने का विकल्प होगा। यानी पहले गेंदबाजी या पहले बल्लेबाजी करने की रणनीति से बनाई गई दो अलग-अलग टीमे। इसके मुताबिक कप्तान टॉस के बाद प्लेइंग 11 फाइनल कर सकते हैं। यह नियम कप्तानों और टीमों को टॉस के हिसाब से अपनी रणनीति बनाने की स्वतंत्रता देगा।