Highlights
- भारतीय पेस अटैक पिछले पांच सालों में हुआ बेहद खतरनाक
- 84 साल में 13 बार और 5 साल में 15 बार पूरी विरोधी टीम को पेसर्स ने किया आउट
- बर्मिंघम टेस्ट में भी दिखा भारतीय तेज गेंदबाजों का जलवा
भारतीय क्रिकेट टीम के टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज जहां पिछले कुछ समय से टेस्ट क्रिकेट में खास छाप नहीं छोड़ पा रहे हैं। वहीं भारतीय पेस अटैक लगातार विरोधी टीमों को परेशान करता आ रहा है। अगर कुछ दो तीन-साल में ही सीरीज याद कर लें तो ऐतिहासिक 2020-21 की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी, फिर इंग्लैंड टेस्ट सीरीज समेत कई मौकों पर भारतीय तेज गेंदबाजों ने विपक्षी बल्लेबाजों की नाक में दम कर दिया है। इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम में जारी पांचवें टेस्ट मैच में भी टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों का जलवा देखने को मिला और सभी 10 विकेट पेस बैट्री ने ही निकाले।
भारतीय तेज गेंदबाजी का स्तर पिछले 5-6 सालों में और बेहतर हो गया है, खासतौर से टेस्ट क्रिकेट में। मौजूदा समय में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज और शार्दुल ठाकुर रेड बॉल टीम का हिस्सा हैं। लेकिन बेंच पर मौजूद उमेश यादव, प्रसिद्ध कृष्णा किसी से कम नहीं हैं। इसके अलावा अनुभवी ईशांत शर्मा का भी करियर अभी जारी है। नवदीप सैनी, उमरान मलिक, अर्शदीप सिंह जैसे युवा गेंदबाज भी अपनी दावेदारी साबित करने में लगे हुए हैं। यह सभी खिलाड़ी आईपीएल की खोज हैं जो लगातार भारतीय पेस बैट्री को मजबूत करते जा रहे हैं।
84 साल में 13 बार और पिछले 5 साल में 15 बार हुआ ऐसा
भारतीय तेज गेंदबाजी का ग्राफ कितना तेजी से बढ़ा है उसका अंदाजा इस आंकड़े से लगाया जा सकता है; 1932 से 2022 तक 28 बार भारतीय क्रिकेट टीम ने ऐसा किया है जब विरोधी टीम के सभी 10 विकेट तेज गेंदबाजों ने अपने नाम किए हों। इसको अगर ब्रेक कर दें तो कपिल देव, रोजर बिनी, मदन लाल, वेंकटेश प्रसाद, जवागल श्रीनाथ, जहीर खान जैसे दिग्गजों के युग में 1932 से 2016 तक सिर्फ 13 बार ऐसा हुआ था। जबकि 2017 से 2022 में अभी तक भारतीय तेज गेंदबाज टेस्ट मैच में 15 बार विपक्षी टीम के सभी 10 विकेट ले चुके हैं।
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मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह ने दी ताकत
जहीर खान और आशीष नेहरा जैसे स्टार गेंदबाजों के बाद भारतीय टीम के सामने बेहतर पेस अटैक तैयार करने की चुनौती थी। ईशांत शर्मा अकेले पड़ गए थे और उनके साथ उमेश यादव स्थिर प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे। तभी मोहम्मद शमी ने 2013 और जसप्रीत बुमराह ने 2016 में भारतीय क्रिकेट में एंट्री की। उसके बाद से धीरे-धीरे यह जोड़ी विरोधी बल्लेबाजों के लिए मुसीबत बनती गई। सिराज जैसे युवाओं ने आकर इसे और मजबूत किया। आज उसका परिणाम है कि भारतीय गेंदबाजी आक्रमण टेस्ट क्रिकेट में अच्छी से अच्छी टीमों की बखिया उढेड़ने का माद्दा रखता है।