भारतीय क्रिकेट टीम इस साल एशियन गेम्स में हिस्सा ले रही है। जहां पुरुष और महिला टीम के पास गोल्ड जीतने का शानदार मौका है। इस टूर्नामेंट के लिए टीम इंडिया ने अपने स्क्वॉड का ऐलान कर दिया है। इसी बीच भारत के दृष्टिबाधित टीम के पास भी गोल्ड जीतने का मौका है। अंतरराष्ट्रीय दृष्टिबाधित खेल महासंघ वर्ल्ड गेम्स में भारत की दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम भी हिस्सा लेने जा रही है।
पहली बार टीम इंडिया लेगी हिस्सा
भारतीय दृष्टिबाधित क्रिकेट संघ (सीएबीआई) ने संगठन को नैतिक समर्थन देने के लिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की सराहना करते हुए कहा कि देश में खेल के स्तर को सुधारने के लिए उसे वित्तीय मदद की जरूरत है। सीएबीआई ने सोमवार को घोषणा की कि वह 19 अगस्त को बर्मिंघम में शुरू होने वाले आईबीएसए (अंतरराष्ट्रीय दृष्टिबाधित खेल महासंघ) विश्व खेलों के लिए अपनी पुरुष और महिला टीमें भेजेगा। हर चार साल में होने वाले आईबीएसए विश्व खेलों में क्रिकेट को पहली बार शामिल किया गया है।
सीएबीआई को उम्मीद है कि वैश्विक आयोजन में उसकी टीमों की सफलता से देश में दृष्टिबाधित क्रिकेट को नई ऊंचाई मिलेगी। सीएबीआई के अध्यक्ष जीके महंतेश ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ‘‘बीसीसीआई ने हमसे डीसीसीआई (डिफरेंटली एबल्ड क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया) का गठन करने के लिए कहा था, जो हमने किया। हमें हालांकि बीसीसीआई से वित्तीय सहायता नहीं मिल रही है। हमें उनका नैतिक समर्थन प्राप्त है और वे हमारे मैचों के लिए स्थानों की व्यवस्था करके हमारी सहायता करते हैं।’’
क्या बोले CABI के अध्यक्ष
सीएबीआई के अध्यक्ष ने आगे कहा कि हमारी क्रिकेट टीमों ने टी20 वर्ल्ड कप को तीन और वनडे वर्ल्ड कप को दो बार जीते है। हमें 2022 टी20 दृष्टिबाधित वर्ल्ड कप के बाद खेल मंत्री से भी मदद का भरोसा मिला था लेकिन इस मामले में अब तक कुछ नहीं हुआ। आईबीएसए विश्व खेलों में अजय कुमार रेड्डे पुरुष जबकि वर्षा महिला भारतीय टीम का नेतृत्व करेगी। इसी बीच इन खिलाड़ियों के रिटायरमेंट के बाद के भविष्य को लेकर किए गए सवाल पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वह भारत सरकार से इस मुद्दे को लेकर बात कर रहे हैं और वह चाहते हैं कि खिलाड़ियों को रियायरमेंट के बाद सरकारी नौकरी में आरक्षण दिया जाए।