भारतीय क्रिकेट इस वक्त बदलाव के दौर से गुजर रहा है। विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज और स्टार खिलाड़ी आने वाले तीन चार साल तक ही टेस्ट मैच खेल पाएंगे, इसके बाद उन्हें जाना होगा। जो नए और युवा आ भी रहे हैं, वो अभी तक अपने आपको उस तरह से साबित नहीं कर पाए हैं, जैसे करना चाहिए। एक वक्त होता था, जब टीम इंडिया मिडल ऑर्डर में इतनी मजबूत हुआ करती थी कि टेंशन की कोई बात ही नहीं थी। ज्यादा पीछे ना जाते हुए अगर साल 2000 के बाद से ही बात करें तो भारतीय क्रिकेट इस वक्त जिस खालीपन से गुजर रहा है, वो इससे पहले कभी देखने को नहीं मिला। इसी पर आज हम इंडिया टीवी बिग स्टोरी संडे स्पेशल में बात करेंगे। साथ ही जानने की कोशिश करेंगे कि आने वाले वक्त में वे कौन से खिलाड़ी होंगे जो भारतीय क्रिकेट के लिए सुपरमैन बनने की क्षमता रखते हैं।
सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण ने टीम इंडिया को संभाला
बात अगर साल 2000 से ही करें तो उस वक्त टीम इंडिया के मिडल ऑर्डर में एक से बढ़कर एक बल्लेबाज हुआ करते थे। सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण की ऐतिहासिक टेस्ट पारियों को आखिर कौन भूल सकता है। जब तक ये खिलाड़ी रहे, पूरा भरोसा रहता था कि टीम इंडिया जीतकर ही मैदान से वापस आएगी। कई बार इन्होंने इसे साबित भी किया और फंंसे हुए मैच को विरोधी टीम के जबड़े से खींचने का काम किया। इसे भारतीय क्रिकेट की त्रिमूर्ति भी कहा जाता था। एक तरह से कहें तो ये भारतीय क्रिकेट का स्वर्णिम दौर था। सचिन तेंदुलकर साल 2013 में टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट का ऐलान कर देते हैं। राहुल द्रविड़ इससे पहले ही साल 2012 में संन्यास का ऐलान करते हैं। वहीं बात अगर वीवीएस की करें तो वे भी साल 2012 में रिटायर हो जाते हैं। लेकिन इस दौरान अच्छी बात ये रही कि विराट कोहली आ चुके होते हैं। इतना ही नहीं चेतेश्वर पुजारा ने भी साल 2010 में अपना टेस्ट डेब्यू कर लिया था। इसलिए सचिन, लक्ष्मण और द्रविड़ की ज्यादा कमी नहीं खेली। साल 2013 में अजिंक्य रहाणे का भी डेब्यू होता है। यानी खालीपन का अहसास नहीं होता और पुरानी त्रिमूर्ति की जगह नई त्रिमूर्ति ले लेती है।
चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे का दौर खत्म
अब की बात करें तो भले विराट कोहली ने अभी केवल टी20 इंटरनेशनल से ही रिटायरमेंट का ऐलान किया हो और टेस्ट क्रिकेट खेल रहे हैं, लेकिन इस त्रिमूर्ति के उनके बाकी जोड़ीदार यानी चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे टेस्ट टीम में नहीं हैं। ये बात और है कि रहाणे और पुजारा ने अभी रिटायरमेंट नहीं लिया है, लेकिन अभी के हालात देखकर ऐसा नहीं लगता कि बीसीसीआई की ओर से उनकी वापसी अब कराई जाएगी। कुछ वक्त के इंतजार के बाद हो सकता है कि पुजारा और रहाणे रिटायरमेंट का अधिकारिक ऐलान कर दें।
श्रेयस अय्यर और केएल राहुल नहीं कर पा रहे खालीपन दूर
अब सवाल यही है कि चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे की जगह लेगा कौन। इसके लिए वैसे तो अभी तक बहुत सारे प्लेयर्स को आजमाया जा चुका है। इसमें श्रेयस अय्यर और केएल राहुल के अलावा नया नाम सरफराज खान का जुड़ा है। श्रेयस अय्यर जहां फिर से टीम से बाहर हो गए हैं, वहीं केएल राहुल भले टीम में हों, लेकिन उनका प्रदर्शन उस तरह का नहीं है, जिससे संतोष किया जा सके। सरफराज ने निश्चित तौर पर शानदार डेब्यू किया है, लेकिन अभी उनका परखा जाना बाकी है। यानी उनकी परीक्षा होनी है। हो सकता है कि ऑस्ट्रेलिया सीरीज के दौरान वे टीम में शामिल हों, तभी पता चलेगा कि क्या वे भविष्य के सितारे हो सकते हैं। रजत पाटीदार और ईशान किशन को भी परखा जा चुका है, लेकिन अब वे भी टीम से बाहर हैं, यानी वे अभी तक अपने आपको साबित नहीं कर पाए हैं।
रोहित शर्मा के बाद कौन करेगा टीम इंडिया के लिए ओपनिंग
संकट इतना ही नहीं है। मामला यहां ओपनिंग पर भी फंसा है। रोहित शर्मा के बाद टीम इंडिया के लिए पारी का आगाज कौन करेगा। अभी यशस्वी जायसवाल उनके जोड़ीदार हैं। लेकिन अभी उनका भी असली टेस्ट बाकी है। भारत में तो कई बड़ी और विस्फोटक पारियां उन्होंने खेली हैं, लेकिन क्या ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका में भी वे इसी तरह से खेल पाएंगे, ये देखना काफी दिलचस्प होगा। मान लेते हैं कि वे खुद को साबित कर भी देते हैं, तो फिर उनका जोड़ीदार कौन होगा। क्योंकि हमने आपको पहले ही बताया कि रोहित शर्मा आने वाले दो तीन साल ही और खेल पाएंगे, क्योंकि उनकी भी अब उम्र हो रही है।
मयंक अग्रवाल बीती बात, रुतुराज गायकवाड और अभिमन्यु ईश्वर को करना है डेब्यू
अभी तक ओपनिंग स्लॉट के लिए मयंक अग्रवाल को अजमाया जा चुका है, उन्होंने ठीक ठाक खेल भी दिखाया, लेकिन अब वे पूरी तरह से पिक्चर से गायब हैं। वे डोमेस्टिक क्रिकेट खेल रहे हैं, लेकिन वहां भी उनके बल्ले से रन नहीं निकल रहे हैं। रुतुराज गायकवाड और अभिमन्यु ईश्वर अगले दावेदार हो सकते हैं, जो अभी तक टेस्ट डेब्यू नहीं कर पाए हैं। उनके आंकड़े आपके सामने हैं कि वे अब तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट में कैसा प्रदर्शन कर पाए हैं। लेकिन ताज्जुब की बात ये है कि इन दो तीन प्लेयर्स के अलावा दूर दूर तक कोई दिखाई तक नहीं दे रहा है। पहले इनको आजमाया जाएगा और अगर कहीं फ्लॉप रहे तो प्लान बी क्या होगा, ये अभी तक किसी को भी नहीं पता है। ये ज्यादा दिक्कत तलब बात है।
अश्विन और जडेजा की जगह भी हो सकती है खाली
ये तो रही टॉप और मिडल ऑर्डर की कहानी। लेकिन अश्विन और रवींद्र जडेजा जब जाएंगे तो कौन आएगा। यानी उनकी भरपाई कौन करेगा। अभी लाइन में अक्षर पटेल हैं, जो निश्चित तौर पर जडेजा के रिप्लेसमेंट हो सकते हैं। वहीं बात अगर वॉशिंगटन सुंदर की करें तो वे अब तक चार टेस्ट खेल चुके हैं, लेकिन वे अक्सर इंजरी से परेशान रहते हैं। यानी अश्विन जब जाएंगे, तो इतना खाली हो चुका होगा कि जिसे भर पाना कतई आसान नहीं होने वाला। बीसीसीआई और टीम इंडिया के चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर का प्लान क्या है, इसको लेकर अभी तक कुछ भी नहीं पता है।
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