Indian Cricket Team: भारत में क्रिकेट बहुत ही लोकप्रिय खेल है। यहां पर क्रिकेट को एक धर्म माना जाता है। फैंस यहां पर क्रिकेटर्स की एक झलक पाने के लिए तैयार रहते हैं। भारत ने दुनिया को सुनील गावस्कर, कपिल देव, सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी और मॉर्डन क्रिकेट के किंग विराट कोहली जैसे प्लेयर्स दिए हैं। इन खिलाड़ियों ने देश और दुनिया के हर मैदान पर अपना लोहा मनवाया है और विरोधी टीमों को धूल चटाई है। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में 25 जून की तारीख बहुत ही अहम है। इस दिन से ही भारत में क्रिकेट के फेमस होने की नींव रखी गई थी।
कपिल देव की कप्तानी में जीता था वनडे वर्ल्ड कप का खिताब
वनडे वर्ल्ड कप 1983 के फाइनल में भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज जैसी मजबूत टीम को हराया था और कमजोर समझने जाने वाली टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था। उस मैच में भारत के लिए क्रिस श्रीकांत, मोहिंदर अमरनाथ और मदन लाल ने दमदार प्रदर्शन किया है। भारतीय टीम ने पहले बैटिंग करते हुए कुल 183 रन बनाए। टीम के लिए क्रिस श्रीकांत ने सबसे ज्यादा 38 रनों का योगदान दिया। मोहिंदर अमरनाथ ने 26 रन बनाए। इसके बाद जब वेस्टइंडीज की टीम बैटिंग करने उतरी, तो सभी को लगा कि वेस्टइंडीज की टीम आसानी से ये टारगेट चेज कर लेगी, क्योंकि वेस्टइंडीज की टीम में क्लाइव लॉयड, विवियन रिचर्ड्स और गॉर्डन ग्रीनिज जैसे प्लेयर्स शामिल थे, जो विरोधी टीम के गेंदबाजों की बखिया उधेड़ने के लिए जाने जाते थे।
मोहिंदर अमरनाथ बने थे प्लेयर ऑफ द मैच
लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने सभी की उम्मीदों के उलट मैच में दमदार प्रदर्शन किया। टीम के लिए मोहिंदर अमरनाथ और मदन लाल ने तीन-तीन विकेट अपने नाम किए। बलविंदर संधू ने दो विकेट झटके। कपिल देव और रोजर बिन्नी के खाते में एक-एक विकेट गया। इन प्लेयर्स की वजह से ही टीम इंडिया खिताब जीतने में सफल रही है। वेस्टइंडीज की टीम फाइनल में भारत के खिलाफ 140 रनों पर ऑलआउट हो गई। इस तरह भारतीय टीम ने 43 रनों से मुकाबला जीत लिया। जबकि वेस्टइंडीज ने इससे पहले हुए दोनों वर्ल्ड कप जीते थे। फाइनल मैच में ऑलराउंड प्रदर्शन करने के लिए मोहिंदर अमरनाथ को प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड दिया गया।
कपिल देव भारत के लिए वर्ल्ड कप का खिताब जीतने वाले पहले कप्तान बने। वर्ल्ड जीतते ही भारत में क्रिकेट का प्रचार-प्रसार हुआ है और युवा प्लेयर्स कपिल देव और सुनील गावस्कर को लीजेंड मानकर क्रिकेट खेलने की प्रेरणा लेने लगे। इससे क्रिकेट भारत में लोकप्रिय खेल बन गया। फिर भारतीय टीम में सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ जैसे प्लेयर्स का आगमन हुआ। इससे क्रिकेट नई ऊंचाई पर पहुंचा। भारतवासियों में क्रिकेट को लेकर एक अलग ही जुनून पैदा हो गया। 28 साल बाद भारत ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टी20 वर्ल्ड कप 2011 का खिताब भी जीता।
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