Chennai Pitch: क्रिकेट मुकाबले में पिच का काफी ज्यादा महत्व होता है। कभी पिच तेज गेंदबाजों के लिए मददगार होती है तो कभी स्पिनर्स के लिए। हालांकि ज्यादातर देखा जाता है कि बल्लेबाजों के मुफीद पिच होती है और बल्लेबाज जमकर रन भी बनाते हैं। पिच मैच के दौरान कैसा व्यवहार करेगी, यानी कैसा खेलेगी, ये काफी हद तक पिच पर इस्तेमाल की गई मिट्टी का रंग भी तय करता है। अब भारत बनाम बांग्लादेश सीरीज के पहले मैच से पहले एक बार फिर से पिच चर्चा में है। सवाल ये है कि काली मिट्टी की पिच और लाल मिट्टी की पिच में क्या अंतर होता है। तो चलिए जरा आपको इस बारे में समझाते हैं।
चेन्नई में लाल मिट्टी की पिच पर हो सकता है मुकाबला
अब तक जो तस्वीरें सामने आई हैं, उससे पता चलता है कि चेन्नई में होने वाला टेस्ट मैच लाल मिट्टी की पिच पर खेला जाएगा। ऐसी पिच पर उछाल एक समान रहता है और शुरू में तेज गेंदबाजों को मदद मिल सकती है। हालांकि, धीरे-धीरे पिच स्पिन के अनुकूल भी होती जाती है। अगर चेन्नई में लाल मिट्टी की पिच पर मैच हुआ तो पहले दिन तेज गेंदबाज हावी रह सकते हैं, लेकिन तीसरे दिन से स्पिनर्स का जलवा देखने के लिए मिल सकता है। क्रिकेट में ज्यादातर लाल और काली मिट्टी की पिच तैयार की जाती है।
लाल और काली मिट्टी की पिच में अंतर
आम तौर पर पिच मिट्टी, स्लिट और रेत के मिश्रण से बनी होती है। इनको पिच क्यूरेटर की ओर से मैच की आवश्यकताओं और उसके फॉर्मेट के आधार पर तैयार किया जा सकता है। लाल मिट्टी की पिच अन्य पिच की तुलना में कम पानी सोखती है और इसी कारण जल्दी सूखने भी लगती है। यही कारण है कि मैच के तीन से चार सीजन के बाद पिच में बड़ी-बड़ी दरार पैदा हो जाती हैं। इस पिच पर मैच की शुरुआत में तेज गेंदबाजों को काफी उछाल मिलता है। एक समान उछाल के कारण बल्लेबाजों को भी सेट होने के बाद खेलने में आसानी होती है। मगर जैसे-जैसे मिट्टी में दरार आने लगती है वैसे-वैसे स्पिन गेंदबाजों का पलड़ा भारी होता जाता है और खेल बल्लेबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
काली मिट्टी की पिच में क्ले ज्यादा होता है
जिस काली मिट्टी की पिच में क्ले की मात्रा अधिक होती है, वह पानी को बेहतर तरीके से सोखती है। इससे पिच अधिक समय तक बिना दरार के बनी रह सकती है। हालांकि इससे असमान उछाल पैदा होता है और बल्लेबाजों को टिकने के लिए समय लेना पड़ता है। खासकर जब ऐसी पिचें टूट जाती हैं तब बल्लेबाजों को काफी दिक्कतें आती हैं। काली मिट्टी की पिच को तैयार करते हुए चिकनी मिट्टी की मात्रा अधिक इस्तेमाल होती है। लाल मिट्टी की तुलना में यह पिच अधिक पानी सोखती है। जिस कारण पिच में कम दरार पड़ती है और स्पिन गेंदबाजों को बढ़िया ग्रिप मिलती है। इस तरह की पिचें स्पिन गेंदबाजी के अनुकूल होती हैं और बल्लेबाजों के सामने फिरकी गेंदबाजी की चुनौती पेश कर सकती हैं।
रोचक हो सकता है भारत बनाम बांग्लादेश टेस्ट सीरीज का पहला मैच
बांग्लादेश क्रिकेट टीम अभी हाल में ही पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट में बेहतर प्रदर्शन करके आई है। वहां बांग्लादेश के पेसर्स और स्पिनर्स ने अच्छा खेल दिखाया था। ऐसे में भारत के लिए ये सीरीज किसी चुनौती से कम नहीं होगी। हालांकि भारत के पास भी पेस और स्पिनर्स का बेहतीन संयोजन है और ऐसे में बांग्लादेश की टीम अगर पाकिस्तान वाला प्रदर्शन दोहराने की कोशिश करेगी तो उनके लिए भी ये आसान काम नहीं होगा। लेकिन कुल मिलाकर माना ये जान सकता है कि भारत और बांग्लादेश के बीच टेस्ट सीरीज काफी रोचक होगी, जिसका आनंद आप ले सकते हैं।
(ians inputs)
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