India vs Australia 5th Test: भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे आखिरी टेस्ट मैच में 185 रनों का ही स्कोर खड़ा किया है। अगर आपको लगता है कि इस स्कोर के बाद टीम इंडिया ये मैच हार सकती है तो जरा इसी सीरीज के पहले मैच को याद कीजिए। उस मैच में तो भारतीय टीम ने इससे भी छोटा स्कोर बनाया था, लेकिन इसके बाद भी जीत दर्ज करने में कामयाबी हासिल थी। अगर पर्थ की कहानी सिडनी में दोहरा दी जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। आखिर कप्तान भी तो वही है।
पर्थ में 150 रन बनाकर भी टीम इंडिया ने दर्ज की थी जीत
सिडनी में खेले जा रहे पांचवें टेस्ट मुकाबले की बात हम करेंगे, लेकिन उससे पहले पर्थ टेस्ट को याद कीजिए, जो इस सीरीज का पहला मुकाबला था। रोहित शर्मा की गैरहाजिरी में उस मैच में भी जसप्रीत बुमराह ही कप्तानी कर रहे थे। इस मैच में जब टीम इंडिया पहले बल्लेबाजी के लिए उतरी तो केवल 150 रन ही बना सकी। लेकिन बाजी तब पलटी, जब ऑस्ट्रेलियाई टीम केवल 104 रन ही बना सकी। इतने छोटे से स्कोर के बाद भी भारतीय टीम ने लीड लेने में कामयाबी हासिल की थी।
दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल और विराट कोहली ने जड़ी थी सेंचुरी
पहली पारी में लीड लेकर जब टीम इंडिया दूसरी पारी में उतरी तो यशस्वी जायसवाल के 161 और विराट कोहली के 100 रनों की मदद से भारत ने 487 रनों का भारी स्कोर खड़ा कर दिया। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया की टीम केवल 238 रन ही बना सकी और टीम इंडिया ने 295 रनों के भारी अंतर से इस मुकाबले को जीत लिया था। इस मैच में जीत के कारण ही टीम इंडिया के पास मौका है कि वो आखिरी मैच भी जीतकर सीरीज को बराबरी पर खत्म करे।
ऑस्ट्रेलियाई टीम केवल 9 रन पर गवां चुकी है पहला विकेट
अब जबकि सिडनी में टीम इंडिया अपनी पहली पारी में केवल 185 रन ही बना सकी है तो हो सकता है कि आप निराश हों, लेकिन दिन का खेल खत्म होने से पहले ही कप्तान जसप्रीत बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा को पवेलियन भेज दिया है। इस वक्त ऑस्ट्रेलिया का एक विकेट गिर चुका है और केवल 9 ही रन बने हैं। अब टीम इंडिया की कोशिश होगी कि दूसरे दिन जल्द से जल्द ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम आउट की जाए और स्कोर 150 से ज्यादा का ना बन पाए। पहली पारी में भले ही भारत को छोटी लीड मिलेगी, लेकिन ये मैच पर काफी बड़ा अंतर डालने के लिए काफी होगी।
बीजीटी के साथ ही डब्ल्यूटीसी के फाइनल के लिए भी अहम है ये मैच
अगर भारतीय गेंदबाज अपना कमाल दिखाते हैं और ऑस्ट्रेलिया को जल्द आउट कर देते हैं तो फिर बल्लेबाजों की जिम्मेदारी होगी कि वे एक बार फिर से बड़ा स्कोर खड़ा करें, ताकि भारतीय टीम मैच में वापसी कर सके। भारत के लिए बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए ही नहीं, विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जाने के लिहाज से भी ये मैच जीतना काफी ज्यादा जरूरी होगा। मैच का रुख किस ओर जाएगा, ये काफी हद तक दूसरे दिन के खेल पर ही निर्भर करेगा।
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