IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का रोमांच और भी ज्यादा बढ़ गया है क्योंकि दोनों टीमें 1-1 मैच जीतकर सीरीज में बराबरी पर हैं। पर्थ में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से करारी शिकस्त देकर सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल की थी। इसके बाद एडिलेड में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने जबरदस्त पलटवार करते हुए टीम इंडिया को 10 विकेट से हरा दिया। इस तरह सीरीज 1-1 से बराबर हो गई। अब सीरीज का तीसरा मुकाबला ब्रिसबेन के गाबा में खेला जाएगा जहां दोनों टीमें सीरीज में एक-दूसरे आगे निकलना चाहेंगी।
गाबा में तेज गेंदबाजों को मिलेगी मदद
गाबा में खेले जाने वाले तीसरे टेस्ट मैच का 14 दिसंबर से आगाज होगा जिसमें गेंदबाजों को पिच से पारंपरिक गति और उछाल मिलने की उम्मीद है। भारत ने अपने पिछले दौरे पर गाबा में शानदार जीत दर्ज की थी। ऋषभ पंत की शानदार पारी की बदौलत भारत ने ऑस्ट्रेलिया में लगातार दूसरी सीरीज जीती। यह 1988 के बाद से मेजबान टीम की इस मैदान पर यह पहली हार थी। तब से ऑस्ट्रेलिया अपने ‘गढ़’ में वेस्टइंडीज से भी हार चुका है।
‘क्रिकेट.कॉम.एयू’ ने शनिवार से शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट से पहले गाबा के क्यूरेटर डेविड सैंडर्सकी के हवाले से कहा कि साल के अलग-अलग समय निश्चित रूप से इसे अलग बनाते हैं, यह थोड़ी अलग पिच हो सकती है। उन्होंने कहा कि सेशन के आखिर में पिचों में थोड़ी अधिक टूट-फूट हो सकती है। सेशन की शुरुआत में पिचें आमतौर पर थोड़ी नई होती हैं और उनमें थोड़ी अधिक गति और उछाल होती है।
पिच में सभी के लिए कुछ ना कुछ होगा
सैंडर्सकी ने कहा कि आम तौर पर हम अब भी पिच को हर बार ठीक उसी तरह से तैयार करते हैं ताकि हम वह अच्छी गति और उछाल प्राप्त कर सकें जिसके लिए गाबा को जाना जाता है। हम बस हर साल की तरह गाबा का पारंपरिक विकेट बनाने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले महीने घरेलू गुलाबी गेंद के मैच के पहले दिन गाबा में 15 विकेट गिरे थे और क्यूरेटर ने कहा कि सतह वैसी ही होगी। सैंडर्सकी ने कहा कि हमारा लक्ष्य उसी तरह का विकेट बनाना है जहां बल्ले और गेंद के बीच अच्छा संतुलन था। उम्मीद है कि इसमें सभी के लिए कुछ ना कुछ होगा।
(Inputs- PTI)