भारत के साथ सामान्य रिश्तों की बुनियाद को पाकिस्तान सालों पहले खोखला कर चुका है। रिश्ते की खटास राजनीति तक ही सीमित नहीं है, यह क्रिकेट के मैदान पर भी नजर आता है। पाकिस्तान के नापाक हरकतों के चलते भारत ने लगभग ढेढ़ दशक पहले बाइलेटरल सीरीज खेलना बंद कर दिया। भारतीय टीम ने पाकिस्तान का पिछला दौरा 2006 में किया था। हालात पूरी तरह से बिगड़े हुए हैं। किसी टूर्नामेंट के लिए भी भारत कभी पाकिस्तान का दौरा नहीं करता। भारत अगले साल पाकिस्तान में होने वाले एशिया कप के लिए दौरा करने से मना कर दिया। भारत की गौरमौजूदगी इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए एक बड़ा झटका होता, लिहाजा एशियन क्रिकेट काउंसिल इस टूर्नामेंट को फिलहाल पाकिस्तान से बाहर किसी न्यूट्रल वेन्यू पर कराने पर विचार कर रहा है। हालांकि यह पाकिस्तान के लिए एक झटका से कम नहीं है, लेकिन उसे पता है कि वह भारत के साथ तल्ख रिश्ते के साथ क्रिकेट में आगे नहीं बढ़ सकता। यही वजह है कि इन तमाम उथल-पुथल के बीच, पाकिस्तानी टीम वर्ल्ड कप के लिए भारत का दौरा करने पर राजी हो गई।
पाकिस्तान टीम वर्ल्ड कप के लिए नहीं कर सकेगी भारत दौरा
भारत में होने वाले वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, श्रीलंका और बांग्लादेश की टीमें मौजूद हैं। पाकिस्तान पहले ही आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं के कारण इंटरनेशनल स्टेज पर अलग थलग पड़ चुका है लिहाजा उसके लिए इस मौके को गंवाना मुनासिब नहीं था। पाकिस्तानी टीम वक्त गंवाए बिना भारत दौरे के लिए वीजा के लाइन में खड़ी भी हो गई।
पाकिस्तान टीम को नहीं मिला भारत का वीजा
दरअसल भारत 5 से 17 दिसंबर तक तीसरे ब्लाइंड टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहा है। पाकिस्तानी टीम को इस टूर्नामेंट में खेलने के लिए वीजा मिलने की संभावना बनती नजर भी आ रही थी। पाकिस्तान ब्लाइंड क्रिकेट काउंसिल की मानें तो भारत ने आखिरी वक्त में उसकी टीम को वीजा देने से मना कर दिया। पाकिस्तानी काउंसिल ने बाकायदा मीडिया रिलीज के जरिए इसकी जानकारी साझा की है। हालांकि उसका यह ट्विटर हैंडल वेरिफाइड नहीं है पर उसने खुद को वर्ल्ड कप का बड़ा दावेदार बताते हुए वीजा नहीं मिलने की खबर दी है। बता दें कि भारत लगातार दूसरी बार इस टूर्नामेंट का आयोजन कर रहा है जिसके तमाम मुकाबले फरीदाबाद, दिल्ली, मुंबई, इंदौर और बेंगलुरू में खेले जा रहे हैं।