Highlights
- भारत और जिम्बाब्वे के बीच खेली जाएगी वनडे सीरीज
- दोनों टीमों के बीच होंगे तीन मैच
- 18 से 22 अगस्त तक होंगे मुकाबले
IND vs ZIM: भारत और जिम्बाब्वे के बीच 18 अगस्त से तीन मैचों की वनडे सीरीज की शुरूआत हो रही है। इसके लिए टीम इंडिया हरारे पहुंचकर प्रैक्टिस शुरू कर चुकी है। जिम्बाब्वे की टीम तुलनात्मक तौर पर टीम इंडिया से कमजोर है लेकिन उनके बांग्लादेश के खिलाफ हालिया प्रदर्शन को देखते हुए कोई भी उन्हें हलके में लेने की गलती नहीं करना चाहेगा। भारत के उपकप्तान और अनुभवी सलामी बल्लेबाज शिखर धवन भी इस बात को ध्यान में रखते हुए मेजबान टीम के लिए किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतना चाहते हैं।
जिम्बाब्वे को हलके में नहीं लेंगे
36 साल के बाएं हाथ के बल्लेबाज ने पहले वनडे से दो दिन पहले आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कई मुद्दों पर बात की और अपना पक्ष रखा। इस दौरान उन्होंने जिम्बाब्वे क्रिकेट की बात करते हुए उनके ऑलराउंडर सिकंदर रजा की जमकर तारीफ की। बांग्लादेश के खिलाफ जिम्बाब्वे के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए धवन ने कहा कि वह इस टीम को हलके में नहीं लेंगे। दिल्ली के इस बल्लेबाज ने कहा, “उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ जीत हासिल की है। वे अच्छा क्रिकेट खेल रहे हैं। यह हमारे लिए अच्छा है और हम किसी भी चीज को हलके में नहीं ले सकते। यह प्रक्रिया के बारे में है।’’
सिकंदर रजा के खिलाफ बनाएंगे योजना
धवन ने शानदार लय में चल रहे जिम्बाब्वे के सीनियर बल्लेबाज सिकंदर रजा की तारीफ करते हुए कहा कि भारतीय गेंदबाजों को उनके खिलाफ चतुराई से गेंदबाजी करनी होगी। धवन ने कहा, ‘‘वह बहुत अच्छा खिलाड़ी है। वह लंबे समय से जिम्बाब्वे के लिए खेल रहा है। मुझे यकीन है कि हमारे गेंदबाज उसके खिलाफ बेहतर योजना के साथ मैदान पर उतरेंगे।’’
केएल राहुल को सीरीज से मिलेगा फायदा
भारतीय ओपनर ने केएल राहुल की टीम में वापसी पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत अच्छी खबर है कि केएल (राहुल) वापस आ गया है और टीम की अगुआई भी करेगा। वह इस भारतीय टीम के मुख्य खिलाड़ियों में से एक है। एशिया कप शुरू होने से पहले यह उसके लिए एक अच्छी तैयारी होगी। मुझे यकीन है कि उसे इस दौरे से काफी फायदा होगा।
युवाओं की मदद के लिए तैयार धवन
लोकेश राहुल के टीम में आने के बाद सलामी बल्लेबाज शिखर धवन को भले ही कप्तानी से हाथ धोना पड़ा लेकिन जिम्बाब्वे दौरे पर टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ी के तौर पर वह युवाओं की मदद के लिए हमेशा तैयार है। उन्होंने कहा कि मुझे टीम में युवाओं के साथ अपना अनुभव साझा करने में काफी मजा आता है। मैं पहली बार यहां 2014 (2013) में आया था, जब डंकन फ्लेचर भारतीय कोच थे। अगर वे (युवा) किसी भी सुझाव के लिए मेरे पास आते हैं, तो मैं (हमेशा) उनका जवाब देने के लिए तैयार हूं।
इनपुट: PTI