Highlights
- भारत और जिम्बाब्वे के बीच सीरीज का पहला मैच
- भारतीय गेंदबाजों को जिम्बाब्वे के पुछल्ले बल्लेबाजों ने किया परेशान
- भारतीय गेंदबाजों की विरोधी टेलएंडर्स के खिलाफ 'पारंपरिक' दिक्कत
IND vs ZIM: भारतीय गेंदबाजों ने जिम्बाब्वे के खिलाफ सीरीज के पहले वनडे मैच में बेहतरीन प्रदर्शन किया। गेंदबाजों ने हरारे स्पोर्ट्स क्लब में 110 रन पर मेजबानों के आठ बल्लेबाजों को चलता कर दिया। दीपक चाहर की अगुवाई में टीम इंडिया के अटैक ने जिम्बाब्वे के टॉप ऑर्डर यानी शुरुआती चार बल्लेबाजों को तो सिर्फ 31 रन पर पेवेलियन पहुंचा दिया। बॉलर्स ने मिडिल ऑर्डर को भी नहीं टिकने दिया। 100 के पार पहुंचते ही जिम्बाब्वे के टेलएंडर्स क्रीज पर आ चुके थे। और यहीं से भारतीय गेंदबाजों की पुरानी बीमारी शुरू हो गई।
जिम्बाब्वे के पुछल्ले बल्लेबाजों ने किया परेशान
तीन वनडे की सीरीज के पहले मैच में भारतीय गेंदबाजों ने अपने तमाम वैसे रंग दिखाए जिससे फैंस पहले से ही अच्छी तरह से वाकिफ हैं। 110 पर आठवें विकेट के गिरने के बाद जिम्बाब्वे के दो पुछल्ले बल्लेबाज ब्रैड इवांस और रिचर्ड नगवारा क्रीज पर आए। इन दोनों ने मिलकर अब तक खतरनाक दिख रहे तमाम भारतीय गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। क्या मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा जैसे तेज गेंदबाज और क्या कुलदीप यादव और अक्षर पटेल जैसे स्पिनर्स, इन दोनों टेलएंडर्स ने मिलकर सबकी धुनाई की।
पुछल्ले बल्लेबाजों को आउट करने में छूटे पसीने
इवांस और नगवारा ने मिलकर नौवें विकेट के लिए 65 गेंदों पर 70 रन की तेज तर्रार साझेदारी कर फैंस के मुंह का स्वाद बिगाड़ दिया। एक वक्त इवांस ने 29 गेंदों पर तीन चौके और एक छक्का की मदद से 33 रन बनाए जबकि 10वें नंबर के बल्लेबाज नगवारा ने 42 गेंदों पर 34 रन बनाए जिसमें 3 चौके के साथ एक छक्का भी शामिल था। नतीजतन एक वक्त पर 120-125 तक मुश्किल से पहुंचती दिख रही जिम्बाब्वे की टीम ने अपने टोटल को 189 तक पहुंचा दिया।
टेलएंडर्स के खिलाफ भारतीय गेंदबाजों की पुरानी दिक्कत
2018 से जून 2021 टेस्ट मैचों के आंकड़ों से इसे समझा जा सकता है। इस पीरियड में विरोधी टेलएंडर्स (नंबर 8 से नंबर 11 तक के बल्लेबाज) ने भारत के खिलाफ 15.19 की औसत से 2766 रन बनाए जिसमें 6 अर्धशतकीय पारियां शामिल थीं। भारतीय फैंस के लिए ज्यादा परेशानी की बात ये है कि ये रन तेज गति से बने। इस दौरान भारत के खिलाफ पुछल्ले बल्लेबाजों ने 48 छक्के भी लगाए जबकि किसी भी दूसरी टीम के खिलाफ साढ़े तीन साल के इस काल खंड में 40 से ज्यादा छक्के नहीं लगे।