भारत और वेस्टइंडीज के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज का पहला मुकाबला गुरुवार को खेला गया। इस मुकाबले को टीम इंडिया ने 5 विकेट से जीत लिया। इस लो स्कोरिंग मुकाबले में टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा कुछ अलग करने की कोशिश करते नजर आए। रोहित शर्मा इस साल होने वाले वनडे वर्ल्ड कप से पहले अपने खिलाड़ियों को ट्राई करना चाहते हैं। यही कराण है कि रोहित वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए पहले वनडे मुकाबले में ओपन करने के लिए मैदान पर नहीं आए। उन्होंने युवा खिलाड़ी ईशान किशन और शुभमन गिल को ओपन करने के लिए भेजा। रोहित इस मुकाबले में खुद 7वें नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए उतरे। इसके अलावा 5 विकेट गिरने के बाद भी विराट कोहली मैदान पर बल्लेबाजी करने के लिए नहीं उतरे।
क्या बोले टीम इंडिया के कप्तान
कप्तान खुद सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए और उन्होंने इस पर कहा कि इससे उन्हें पुरानी यादों में खो जाने का मौका मिला जब वह नए खिलाड़ी के तौर पर इस नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आते थे। रोहित ने कहा कि जब उन्होंने भारत के लिए डेब्यू किया था तब वह सातवें नंबर पर ही बल्लेबाजी किया करते थे। उन्हें उन दिनों की याद आ गई। आपको बता दें कि रोहित शर्मा ने अपने डेब्यू करने के कई सालों तक मीडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी की थी। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी ने आगे चल कर उन्हें ओपन करने का मौका दिया जहां वह एक सफल बल्लेबाज के रूप में उभर कर सामने आए। उन्होंने ओपन करते हुए कई बड़े रिकॉर्ड भी बनाए हैं।
कैसा रहा मैच का हाल
भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेले गए मुकाबले के बारे में बात करें तो टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने इस मैच में टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया था। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करने उतरी वेस्टइंडीज की टीम 23 ओवर में 114 के स्कोर पर ऑलआउट हो गई। इस दौरान टीम इंडिया के स्पिन गेंदबाजों ने कमाल का प्रदर्शन किया। कुलदीप यादव ने 3 ओवर में सिर्फ 6 रन देकर 4 विकेट झटके, वहीं रवींद्र जडेजा ने एक बार फिर से कमाल करते हुए इस मैच में 6 ओवर में 37 रन देकर 3 विकेट अपने नाम किया।
मैच की दूसरी पारी पर एक नजर डालें तो टीम इंडिया 50 ओवर के गेम में 115 रन के लो स्कोर को चेज कर रही थी। इस दौरान भारत की बल्लेबाजी क्रम को पूरी तरह से कप्तान रोहित शर्मा ने बदला। सिर्फ 115 के स्कोर को चेज कर रही टीम इंडिया इस दौरान काफी दिक्कत में नजर आई। भारत ने एक लो स्कोरिंग मुकाबले में भी 5 विकेट गंवा डाले। हालांकि अंत में यह मुकाबला टीम इंडिया के नाम रहा। लेकिन अगर ये टारगेट 200 से ज्यादा का रहता तो टीम इंडिया मुश्किल में फंस सकती थी।