IND vs SL: टीम इंडिया को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए सीरीज के पहले टी20 इंटरनेशनल मैच में बमुश्किल जीत मिली। इस जीत की परिस्थितियों को देखने के बाद गुरुवार को पुणे में होने वाले सीरीज के दूसरे टी20 मैच में भारत की जीत की संभावना पर बल देना खतरे से खाली नहीं है। हार्दिक पंड्या की कप्तानी में भारतीय टीम ने पिछले मुकाबले को रोमांचक अंदाज में आखिरी गेंद पर 2 रनों से जीता।
फेवटेर हंटिंग ग्राउंड में मुश्किल से मिली जीत
हालांकि वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ लिमिटेड ओवर फॉर्मेट में भारतीय टीम के रिकॉर्ड बेहतरीन रहे हैं। इस मैच से पहले तक वनडे और टी20 मिलाकर मुंबई के इस मैदान में श्रीलंका के खिलाफ खेले गए 4 मैचों में से भारत ने 3 में जीत दर्ज की थी। ये आंकड़े भारत की बड़ी और आसान जीत के संकेत दे रहे थे पर मंगलवार को उसे काफी मशक्कत के बाद और कुछ हद तक किस्मत के सहारे जीत मिली। इस मुकाबले में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 162 रन बनाए और जवाब में श्रीलंका ने 160 रन कूटे। उसे आखिरी गेंद पर जीत के लिए 4 रनों की जरूरत थी लेकिन उनकी गाड़ी 1 रन बनाकर रुक गई।
पुणे में बराबरी का मामला
वानखेड़े स्टेडियम हमेशा से टीम इंडिया का फेवरेट हंटिंग ग्राउंड रहा है इसके बावजूद उसे जीत के लिए परेशानी का सामना करना पड़ा। भारत और श्रीलंका के बीच सीरीज का दूसरा टी20 मैच पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में होना है और यहां की तस्वीर वानखेड़े से काफी अलग है। पुणे के एमसीए स्टेडियम में भारत और श्रीलंका के बीच खेल बिल्कुल बराबरी का है। भारत ने श्रीलंका के खिलाफ यहां 2 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं जिसमें से 1 में उसे जीत मिली है और 1 में हार का सामना करना पड़ा है।
पुणे के मैदान पर टॉस पर भरोसा करना खतरनाक
श्रीलंका ने 2016 में हुए पहले टी20 में भारत को 5 विकेट से हराया था। महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया 18.5 ओवर में सिर्फ 101 रन बनाकर ऑलआउट हो गई थी। लंका ने 102 के लक्ष्य को 18 ओवर में 5 विकेट गंवाकर हासिल कर लिया था।
साल 2020 में हुए दूसरे टी20 में भारत ने विराट कोहली की कप्तानी में पहले बल्लेबाजी करते हुए 201 रन का बड़ा टोटल खड़ा किया जिसके जवाब में श्रीलंकाई टीम 15.5 ओवर में सिर्फ 123 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। भारत ने इस मैच को 78 रन से जीतकर पिछली हार का हिसाब बराबर किया। लब्बोलुबाब ये कि इस मैदान पर पहले या बाद में बल्लेबाजी करने का कोई फर्क अब तक नहीं देखा गया है। अगले मैच को जीतने के लिए टॉस नहीं बाजुओं में दम की दरकार होगी।