Ishan Kishan vs KL Rahul IND vs SL: ये टीम इंडिया की अजीब दास्तां है कि तमाम नाकामियों के बावजूद केएल राहुल प्लेइंग इलेवन में जगह बनाने में कामयाब हो जाते हैं। विडंबना देखिए, केएल राहुल को मैदान में उतारने के लिए भारतीय कप्तान और मैनेजमेंट एक बड़ी कीमत अदा करते हैं और वह एकबार फिर से नाकाम हो जाते हैं। श्रीलंका के खिलाफ तीन मैच की सीरीज के पहले वनडे में यही हुआ। मैच की पूर्वसंध्या पर कप्तान रोहित ने जब केएल राहुल के खेलने की सूचना दी तब भारत के ज्यादातर फैंस के लिए यह सूचना हैरान परेशान करने वाली थी। फैसला लेने का अधिकार जिसके हाथ में था उसने लिया और तमाम दिग्गज और फैंस राहुल को गुवाहाटी के बरसाबारा स्टेडियम में क्रीज पर आते और पैवेलियन लौटते भर देखते रहे।
किशन की जगह राहुल को टीम में जगह देने पर बड़ा सवाल
टीम इंडिया ने इस मुकाबले में राहुल को जगह देने के लिए जितनी कीमतें चुकाई उस पर चर्चा जरूर होगी। बांग्लादेश के खिलाफ टीम इंडिया के पिछले वनडे मैच में इशान किशन ने दोहरा शतक लगाया था। किशन ने 131 गेंदों में 210 रन की पारी खेली और वनडे का फास्टेस्ट डबल सेंचुरी लगाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। इसके बावजूद उन्हें अगले मैच में श्रीलंका के खिलाफ टीम में जगह नहीं दी गई। उन्हें जिस खिलाड़ी के लिए प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा गया वह है केएल राहुल, जिन्होंने पिछली पारी में 10 गेंदों में 8 और उससे पहले की पारी में 28 गेंदों में 14 रन बनाए थे। टीम के इस फैसले को किसी भी तर्क के सहारे से समझना से लगभग नामुमकिन है।
स्पेशलिस्ट कीपर की जगह पार्टटाइमर पर टीम को भरोसा!
दुनिया की कोई भी टीम इंटरनेशनल क्रिकेट में मैदान पर एक स्पेशलिस्ट विकेटकीपर के साथ ही उतरना चाहती है। शायद कप्तान रोहित की इकलौती टीम है जो स्पेशलिस्ट विकेटकीपर के स्क्वॉड में मौजूद होने के बावजूद एक पार्ट टाइम कीपर को प्लेइंग इलेवन में जगह देती है। घरेलू क्रिकेट में इशान किशन की पहचान विकेटकीपर बल्लेबाज की रही है जबकि राहुल एक ऐसे बल्लेबाज हैं जो जरूरत पड़ने पर, या यूं कहें कि मजबूरी में विकेटकीपिंग कर लेते हैं।
वर्ल्ड कप की ये कैसी तैयारी?
वनडे वर्ल्ड कप के शुरू होने में अब महज 10 महीने के आसपास का वक्त बाकी है। वक्त कम है और टीम इंडिया को अपनी तैयारियों को अमलीजामा पहनाना है। अगर इसे अंतिम रूप देने का रास्ता डबल सेंचुरी लगाने वाले युवा बल्लेबाज इशान किशन को बायपास करके राहुल की ओर जाता है तो इस योजना और रणनीति पर सवाल जरूर खड़े होंगे।