Highlights
- भारत और साउथ अफ्रीका के बीच टेस्ट सीरीज 26 दिसंबर से शुरू होनी है
- वसीम जाफर का कहना है कि कगिसो रबाडा इस सीरीज में भारतीय बल्लेबाजों को परेशान कर सकते हैं
- रबाडा ने 2018 में भारत के खिलाफ 15 विकेट लिए थे
भारत और साउथ अफ्रीका के बीच तीन मैच की टेस्ट सीरीज का आगाज 26 दिसंबर से होने जा रहा है। पूर्व क्रिकेटर वसीम जाफर को लगता है कि इस सीरीज में कगिसो रबाडा भारतीय बल्लेबाजों को चुनौती दे सकते हैं। 2018 में जब भारत ने साउथ अफ्रीका का दौरा किया था तब रबाडा सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ियों की सूची में 15 विकेट के साथ टॉप पर थे। वह सीरीज मेजबानों ने 2-1 से जीती थी।
जाफर ने कहा "रबाडा बल्लेबाजों को अपनी गेंदबाजी से परेशानी में डाल सकते हैं, इसलिए भारतीय बल्लेबाजों को उनका सामना करते समय चौकस रहने की जरूरत है। दक्षिण अफ्रीका टीम में कई तेज गेंदबाज शामिल हैं जिसमें रबाडा सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक हैं। उनकी तेज गेंदबाजी निश्चित तौर पर भारत को चुनौती देगी।
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भारतीय गेंदबाज भी अपनी गेंदबाजी से टीम को सफलता दिला सकती है, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी एक अनुभवी गेंदबाज है, वे भारतीय टीम को खेल में बनाए रखेंगे। बहरहाल, यह भारत के लिए एक चुनौतीपूर्ण दौरा होगा।
जाफर ने कहा "भारत के लिए 400 से अधिक का स्कोर करना अनिवार्य है, तभी वे जीत के साथ सीरीज की शुरुआत कर सकेंगे।"
जाफर का मानना है भारतीय गेंदबाजों में दिक्कत नहीं है लेकिन बल्लेबाजों को थोड़ा मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ सकता है। अगर भारत 400 से अधिक का स्कोर बनाता है, तो इस बात की अधिक संभावना है कि वह मैच जीतेगा।"
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उन्होंने कहा "2018 में कप्तान विराट कोहली 47.66 के औसत से 286 रन बनाकर टॉप पर थे। भारत के पास संतुलित बल्लेबाजी क्रम है और वे अब पूरी तरह से अपने कप्तान पर निर्भर नहीं हैं। उन्होंने कहा, "2018 में, विराट ही अकेले थे जिन्होंने रन बनाए। अब, भारत की बल्लेबाजी संतुलित है। ऋषभ पंत खेल को बदल सकते हैं अगर वह एक या डेढ़ घंटे तक क्रीज पर बल्लेबाजी करेंगे।"
उन्होंने कहा "दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाज हमेशा क्रीज पर अपनी गेंदबाजी से बल्लेबाजों को मुश्किल में रखते हैं। इस तरह से वे अपनी गेंदबाजी करते हैं। वर्नोन फिलेंडर टीम के ऑलराउंडर खिलाड़ी हैं। वे जब भी गेंदबाजी करने के लिए क्रीज पर उतरते हैं तो गेंद को स्विंग कराते है। उनके पास गेंद कराने की गति है, वे लाइन और लेंथ के साथ गेंद को फेंकते हैं। ऐसे में जब बल्लेबाजों को रन बनाने में समस्या होती है तो टीम एक लक्ष्य स्कोर के साथ रन नहीं बना पाती है।"
(With IANS Inputs)