IND vs SA: भारतीय टीम को साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी20 वर्ल्ड कप 2022 की पहली हार झेलनी पड़ी। सुपर 12 में लगातार दो जीत के बाद मिली यह हार टीम इंडिया के लिए एक आई ओपनर यानी आंखें खोलने वाली है। इस मैच में भारतीय बल्लेबाज (सूर्यकुमार यादव को छोड़कर) पूरी तरह फ्लॉप साबित हुए। वहीं फील्डर्स ने भी कई आसान मौके गंवाकर मैच गंवा दिया। गेंदबाजों ने भरपूर कोशिश की लेकिन बीच के ओवरों में हार्दिक और अश्विन ने कुछ रन भी खाए। ऐसे कई बड़े कारण रहे जिनके कारण टीम इंडिया को प्रोटियाज से करारी हार झेलनी पड़ी।
आइए जानते हैं एक-एक करके टीम इंडिया की इस बड़ी हार के 5 बड़े कारण:-
टॉस जीतकर चुनी बैटिंग
- पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में इस टूर्नामेंट के पांच मुकाबले खेले जा चुके हैं और चार मौकों पर बाद में खेलने वाली टीम को जीत मिली है। वहीं पहली पारी में यहां का औसत स्कोर (125) भी बेहद खराब है। कप्तान रोहित शर्मा इस मैदान पर सात बल्लेबाजों के साथ उतरे और टॉस जीतकर पहले खेलने का फैसला ले लिया। जबकि यह जानते हुए भी कि ऑस्ट्रेलिया में मौजूदा कंडीशन के हिसाब से शुरुआत में अफ्रीकी पेस अटैक को मदद मिल सकती है। देर शाम हवा का प्रभाव कम होता है तो तेज गेंदबाज भी कम असरदार हो जाते हैं। यानी अगर टॉस जीतकर उन्हें बॉलिंग चुनी होती तो शायद नतीजा कुछ और हो सकता था।
फ्लॉप ओपनिंग और पॉवरप्ले में विकेट
- पिछले कुछ समय से टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा लगातार एग्रेसिव अप्रोच की बात करते आए हैं। लेकिन इस मैच में या फिर अभी तक इस टूर्नामेंट में ऐसा देखने को नहीं मिला है। साउथ अफ्रीका के खिलाफ केएल राहुल ने पहला ओवर मेडन निकाल दिया। जिसके बाद प्रेशर आना लाजिमी था। फिर आप 14 गेंदें खेलकर सिर्फ 9 रन बना पाए और आउट भी हो गए। रोहित शर्मा ने एक बार फिर पॉवरप्ले में अपना विकेट गंवाया। पिछले कुछ दिनों से ऐसा देखने को मिल रहा है कि टीम पॉवरप्ले में कम से कम एक या दो विकेट गंवा देती है। ऐसे में आप बड़ा लक्ष्य देने की उम्मीद हमेशा नहीं कर सकते।
दीपक हुड्डा को लेना कितना सही?
- कप्तान रोहित शर्मा ने इस मैच में टीम के एकमात्र बाएं हाथ के बल्लेबाज अक्षर पटेल को बाहर कर दीपक हुड्डा के रूप में अतिरिक्त बल्लेबाज खिलाया। लेकिन यह फैसला कितना सही रहा वो आपने खुद भी देख लिया। हुड्डा खाता भी नहीं खोल पाए। अगर बैटिंग कोलैप्स हो रहा है तो जो काम 6 बल्लेबाज नहीं कर सकते तो उसकी 7वें बल्लेबाज से भी उम्मीद नहीं कर सकते थे। पर्थ का विकेट तेज गेंदबाजों का मददगार रहता है। ऐसे में आप यहां हर्षल पटेल के रूप में अपनी गेंदबाजी को और मजबूत कर सकते थे। जिसकी कमी तब खली जब हार्दिक बेअसर साबित हुए।
हार्दिक पंड्या और अश्विन ने लुटाए रन
- रविचंद्रन अश्विन और हार्दिक पंड्या के जो बीच के ओवर रहे कहीं ना कहीं वो भी इस हार का बड़ा कारण रहे। हार्दिक ने आखिरी ओवर अच्छा फेंका और विकेट भी लिया लेकिन तीसरे ओवर में जो 17 करीब रन दिए वो महंगे पड़े। उन्होंने अपनी क्षमता के मुताबिक टीम को जब विकेट की जरूरत थी तो वो भी निकाल कर नहीं दिए। इसके अलावा अश्विन की गेंद पर मारक्रम का कैच जरूर छूटा लेकिन 4 ओवर में 43 रन उनकी करियर इकॉनमी और उनकी इमेज को शोभा नहीं देते। खासतौर से जब आप 133 का स्कोर डिफेंड कर रहे हो तब आप अश्विन जैसे अनुभवी स्पिनर से ऐसी उम्मीद नहीं करते।
फील्डर्स ने गंवाए एक के बाद एक कई मौके
- बल्लेबाजों और कुछ गेंदबाजों की विफलता के बाद सबसे बड़ा कारण जो रहा टीम इंडिया की इस मैच में फील्डिंग। वहीं साउथ अफ्रीका ने जहां अपनी फील्डिंग से मैच को अपनी गिरफ्त में बनाए रखा तो भारतीय टीम की लचर फील्डिंग के कारण मैच हाथों से निकल गया। विराट कोहली ने ऐडेन मारक्रम का आसान कैच उस समय छोड़ा जब टीम को विकेट की सख्त जरूरत थी। इसके अलावा रोहित शर्मा ने विकेट के नजदीक होते हुए भी एक आसान रनआउट छोड़ दिया। इसके अलावा मांकडिंग को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले अश्विन ने जब यह आईसीसी द्वारा ऑफिशियल रनआउट बना दिया गया तो इसका मौका छोड़ा और मिलर को आउट नहीं किया। यही सब कारण रहे जिसकी वजह से टीम इंडिया को साउथ अफ्रीका ने इस मुकाबले में 5 विकेट से मात दी।