Highlights
- ऋषभ पंत की कप्तानी में दिल्ली कैपिटल्स ने IPL 2022 में 14 में से 7 मैच जीते थे और 7 हारे थे
- हार्दिक पंड्या ने IPL 2022 में पहली बार कप्तानी की और टीम को चैंपियन बनाया
- हार्दिक पंड्या ने कप्तानी के साथ बल्लेबाजी और गेंदबाजी में भी किया था प्रभावित
भारतीय टीम साउथ अफ्रीका के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज के शुरुआती दोनों मुकाबले हार चुकी है। इस कारण टीम के ऊपर सात साल बाद अपने घर में साउथ अफ्रीका से वह तीन साल में पहली बार घर पर टी20 सीरीज हारने का खतरा मंडराने लगा है। इन सबके बीच केएल राहुल के चोटिल होने के बाद कप्तान बनाए ऋषभ पंत लगातार सवालों के घेरे में हैं। कहा यह भी जा रहा है कि कहीं बोर्ड मैनेजमेंट से यह गलती तो नहीं हो गई कि उन्होंने आईपीएल चैंपियन हार्दिक पंड्या को कप्तान ना बनाकर पंत को यह जिम्मेदारी सौंप दी।
इसी को लेकर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर ब्रैड हॉग ने भी एक बयान दिया है और पंत को कप्तान बनाने पर असहमति जाहिर की है। उनका मानना है कि ऋषभ की जगह हार्दिक पंड्या को टीम का कप्तान बनाना चाहिए था। गौरतलब है कि पंड्या ने हाल ही में अपनी शानदार कप्तानी और ऑलराउंड प्रदर्शन से गुजरात टाइटंस को IPL 2022 का चैंपियन भी बनाया था। इस पूरे सीजन में उनका बतौर कप्तान और खिलाड़ी दोनों रूप में प्रदर्शन शानदार था वहीं पंत कुछ खास नहीं कर पाए थे।
क्या बोले ब्रैड हॉग?
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व लेग स्पिनर ब्रैड हॉग ने कहा कि, 'हार्दिक पंड्या को केएल राहुल के बाद इस सीरीज में कप्तान होना चाहिए था। आईपीएल में उन्होंने अपनी काबिलियत साबित भी की थी। हार्दिक कठिन हालात में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, चाहे वह बल्ले से हो या फिर गेंद से। वह इस समय वर्ल्ड क्रिकेट में सबसे अहम टी20 क्रिकेटर हैं। पहले टी20 में वह आखिरी के ओवरों में बल्लेबाजी के लिए आए थे और पहली गेंद से ही बाउंड्री लगानी शुरू कर दी थी। अगर टीम शुरुआत में जल्दी विकेट गंवा देती है तो हार्दिक ऊपर जाकर पारी को संभाल भी सकते हैं। बहुत से लोग ऐसा नहीं कर सकते हैं।'
IPL 2022 में कैसा रहा पंत और पंड्या का प्रदर्शन
कहीं ना कहीं यह बात कई मायनों में सही है हार्दिक पंड्या ने बतौर कप्तान और कप्तान के रूप में बल्लेबाजी व गेंदबाजी दोनों विभाग में काफी प्रभावित किया था। आईपीएल 2022 में उन्होंने 15 मैचों में 487 रन बनाने के साथ-साथ 8 विकेट भी लिए थे। दूसरी तरफ ऋषभ पंत 30 की औसत से 14 मैचों में सिर्फ 340 रन ही बना पाए थे। कप्तान के तौर पर भी पूरे सीजन में उनके निर्णय चर्चा का विषय रहे। शुरुआती दो टी20 मैचों में भी ऐसा ही देखने को मिला था।
गौरतलब है कि भारतीय टीम पांच मैचों की सीरीज में दो मुकाबले हार चुकी है। ऐसे में विशाखापट्टनमन में खेला जाने वाला तीसरा मुकाबला टीम के लिए करो या मरो का होगा। इस मैच में अगर टीम हारती है तो उसे पिछली 8 घरेलू सीरीज के बाद स्वदेश में टी20 सीरीज में हार का स्वाद चखना पड़ेगा। आखिरी बार भारत को 2019 फरवरी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2-0 से घरेलू टी20 सीरीज में हार मिली थी।