Highlights
- दुबई में 18 में से पिछले 16 T20I मैच टॉस जीतकर बाद में खेलने वाली टीम जीती
- भारत ने पिछले मुकाबले में यहां पाकिस्तान को 5 विकेट से दी थी मात
- टी20 वर्ल्ड कप 2021 में पाकिस्तान ने दुबई में ही भारत को हराया था
IND vs PAK Asia Cup 2022: भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप 2022 के सुपर-4 में होने वाले हाईवोल्टेज मुकाबले के शुरू होने में बस कुछ ही मिनट बाकी रह गए हैं। उससे पहले टॉस को लेकर कई आंकड़ों पर भी काफी चर्चा हो रही है। खासतौर से जब मैच दुबई में हो तो टॉस जीतने वाली टीम आधा मैच तब ही समझो जीत जाती है। इस मुकाबले में भी टॉस की अहम भूमिका हो सकती है और उसका कारण हैं दुबई के हालिया आंकड़े। यह मुकाबला दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा। इसी मैदान पर टूर्नामेंट की पहली भिड़ंत में पिछले रविवार को भारत ने टॉस जीतकर पाकिस्तान को 5 विकेट से मात दी थी।
उससे पहले 24 अक्टूबर 2021 को जब दोनों टीमें आमने-सामने थीं तो मुकाबला इसी मैदान पर खेला गया था। उस मैच में पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी थी। पाकिस्तान ने बिना कोई विकेट गंवाए ही लक्ष्य हासिल कर लिया था। इसी के साथ वर्ल्ड कप में पहली बार टीम इंडिया को पाकिस्तान से हार झेलनी पड़ी थी। दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में शाम को शुरू होने वाले मुकाबलों में पहले गेंदबाजी करने वाली टीम को थोड़ी मदद मिलती है। ऐसे में आज के मैच में भी टॉस अहम होने वाला है।
दुबई में Toss बनेगा बॉस!
दुबई के इस मैदान के आंकड़े पर नजर डालें तो यहां खेले गए पिछले 18 टी20 इंटरनेशनल मैचों में से 16 मैच बाद में बल्लेबाजी करने वाली टीम ने जीते हैं। एक और खास बात यह सभी जीत 5 या इससे ज्यादा विकेट की रही हैं। वहीं इनमें 11 जीत तो 7 या उससे ज्यादा विकेट से मिली हैं। इसी में भारत की एक 10 विकेट से हार भी शामिल है जो पाकिस्तान से टी20 वर्ल्ड कप में पिछले साल मिली थी। इसलिए इस मैदान पर टॉस जीतो-मैच जीतो वाली बात एकदम सटीक बैठती है।
कैसा रहता है दुबई की पिच का मिजाज?
दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में होने वाले शाम के मैचों में अक्सर पहले गेंदबाजी करने वाली टीम को मदद मिलती है। यहां शुरुआत में तेज गेंदबाजों को स्विंग और बाद में स्पिनर्स को भी टर्न मिलता है। लेकिन मैच जैसे-जैसे आगे बढ़ता है, यहां ओस का प्रभाव बढ़ जाता है। ओस आने के बाद गेंदबाजों को बॉल पर ग्रिप बनाने में दिक्कत होती है। ऐसे में दूसरी पारी में यहां गेंदबाजी करने वाली टीम को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और बल्लेबाजी आसान हो जाती है। इसी कारण यहां चेज करने वाली टीम को आसानी होती है जिसके गवाह ऊपर दिए गए आंकड़े हैं।