IND vs NZ : न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली जा रही वन डे सीरीज का पहला ही मैच भारतीय टीम हार गई है। कहना गलत नहीं होगा कि भारतीय टीम ने एकतरफा मुकाबला हारा, क्योंकि न्यूजीलैंड ने 47.1 ओवर में तीन विकेट के नुकसान पर ही जरूरी 307 रन जुटा लिए और सात विकेट से मैच अपने नाम कर लिया। हालांकि टीम इंडिया ने एक बड़ा स्कोर बनाया था और शुरुआत में लग रहा था कि मैच आखिर तक भले जाए, लेकिन टीम इंडिया इसे जीत लेगी। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। रोहित शर्मा और विराट कोहली की गैरमौजूदगी में शिखर धवन के हाथ में टीम की कमान है। इस बीच अब यह जानना भी जरूरी है कि टीम इंडिया इतना बड़ा स्कोर बनाने के बाद भी आखिर क्यों हार गई।
शिखर धवन, शुभमन गिल और श्रेयस अय्यर ने की शानदार बल्लेबाजी
सीरीज के पहले मैच में टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी और शिखर धवन, शुभमन गिल और श्रेयस अय्यर की शानदार बैटिंग की बदौलत 50 ओवर में 306 रनों का अच्छा स्कोर खड़ा किया था, उस वक्त नजर आ रहा था कि टीम इंडिया इस मैच को जीत सकती है। भारत ने न्यूजीलैंड के शुरुआती विकेट भी जल्दी गिरा लिए थे। न्यूजीलैंड का पहला विकेट आठवें ओवर में ही गिर गया था, जब फिन ऐलन आउट हुए, उस वक्त टीम का स्कोर 35 रन ही था। ये विकेट शार्दुल ठाकुर ने लिया। इसके बाद गेंदबाजी के लिए आए टीम इंडिया के स्पीड स्टार उमरान मलिक। उन्होंने लगातार दो विकेट निकाले। पहले 16वें ओवर में डेवोन कॉन्वे को आउट किया और उसके बाद डेरिल मिचेल को भी चलता कर दिया। उस वक्त न्यूजीलैंड की टीम का स्कोर 88 रन ही था। 307 रनों को चेज करने वाली टीम के टॉप के तीन बल्लेबाज जब 88 रन पर आउट हो जाएं, तो टीम इंडिया की जीत की संभावना तो बढ़ ही जाती है। लेकिन इसके बाद कप्तान केन विलियमसन और टॉम लैथम ने क्रीज पर ऐसा खूंटा गाड़ा की आउट ही नहीं हुए। इन दोनों ने पहले तो धीमी बल्लेबाजी की, क्योंकि तीन विकेट पहले ही जा चुके थे, लेकिन जैसे ही चीजें समझ में आने लगी, वे अपने रंग में नजर आने लगे। खास बात ये थी कि टॉम लैथम तेजी से बल्लेबाजी कर रहे थे, इससे केन विलियमसन को तेजी से रन बनाने की जरूरत नहीं पड़ी और वे अपना ही खेल खेलते हुए दिखाई दिए। टॉम लैथम ने 145 रन की पारी खेली और आखिर तक आउट भी नहीं हुए।
बीच के ओवर में टीम इंडिया के गेंदबाज नहीं ले पाए विकेट
इस मैच को हारने में टीम इंडिया की गेंदबाजी ही कहीं न कहीं जिम्मेदार है। जो दो खिलाड़ी अपना डेब्यू मैच खेल रहे थे, यानी अर्शदीप सिंह और उमरान मलिक, उसमें से उमरान मलिक ने तो फिर भी दो विकेट निकाले। ये बात और है कि उन्होंने 66 रन खर्च किए। लेकिन अर्शदीप सिंह ने 8.1 ओवर में ही 68 रन दे दिए, यानी वे उस तरह के फार्म में नजर नहीं आए, जैसा कि वे टी20 में कर पा रहे थे। अगर बीच के ओवर में भी टीम इंडिया के गेंदबाज दो तीन विकेट निकाल चुके होते तो ये मैच भारतीय टीम के ही पक्ष में आता और टीम इंडिया इस मैच को जीत चुकी होती।