IND vs NZ: भारतीय क्रिकेट टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ 3 मैचों की वनडे सीरीज के पहले मुकाबले में 7 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। इसी के साथ कीवी टीम ने 1-0 की बढ़त भी सीरीज में ले ली है। अब अगले मैच में न्यूजीलैंड जीत हासिल कर सीरीज अपने नाम करना चाहेगी। लेकिन उससे पहले टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने एक बड़ा बयान दिया है।
अय्यर ने दिया बड़ा बयान
भारतीय बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने स्वीकार किया कि न्यूजीलैंड के खिलाफ शुरुआती वनडे में बतौर टीम कुछ चीजें उनके अनुरूप नहीं रहीं और उन्हें ‘आत्मनिरीक्षण’ करके सीरीज के बचे हुए दो मैचों में मजबूत वापसी की जरूरत है। टॉम लैथम के नाबाद 145 रन और कप्तान केन विलियमसन के नाबाद 94 रन की मदद से न्यूजीलैंड ने 17 गेंद रहते भारत का 307 रन का लक्ष्य हासिल करके 7 विकेट से जीत दर्ज की। अय्यर ने 76 गेंद में 80 रन की पारी खेली थी, उन्होंने कहा कि भारत द्वारा बनाया गया 7 विकेट पर 306 रन का स्कोर अच्छा था लेकिन लाथम और विलियमसन के बीच चौथे विकेट के लिए 221 रन की साझेदारी से मेजबान टीम ने जीत हासिल कर ली।
अच्छे स्कोर का नहीं कर पाए बचाव
मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में अय्यर ने कहा, ‘‘हम जिस स्थिति में थे और जहां से हम 307 रन तक पहुंचे थे, उसे देखते हुए यह शानदार स्कोर था। निश्चित रूप से कुछ चीजें आज हमारे अनुसार नहीं रहीं लेकिन यह सीखने की प्रक्रिया है, हम आत्ममंथन कर सकते हैं और अगले मैच में नई रणनीति से वापसी कर सकते हैं। ’’ दाएं हाथ के बल्लेबाज ने कहा कि भारत इस हार से निराश होकर नहीं बैठ सकता और टीम सकारात्मक रवैये से अगले दो मैचों में खेलने उतरेगी। उन्होंने कहा, ‘‘भारत से आकर सीधे यहां खेलना आसान नहीं है। हर जगह पर विकेट बदलता रहता है और आपको इसी चुनौती का सामना करना होता है। आपको मानसिक रूप से मजबूत होना होगा, बस परिस्थितियों के अनुकूल ढलना होगा।’’
लैथम-विलियमसन की जमकर की तारीफ
अय्यर ने लैथम और विलियमसन की पारी की तारीफ करते हुए कहा, ‘‘दोनों ने शानदार पारियां खेलीं। वे जानते थे कि किस विशेष समय पर किस गेंदबाज को निशाना बनाना है। मेरा मानना है कि उनकी भागीदारी ने मैच का रुख पूरी तरह से बदल दिया और हमारे लिए विकेट झटकने के लिए वही महत्वपूर्ण चरण था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमने एक विकेट ले लिया होता तो हम हावी हो सकते थे और हालत पूरी तरह से बदले हुए हो सकते थे। लेकिन उन्होंने लूज गेंदों को चौकों और छक्कों में तब्दील कर दिया। वे काफी निर्भीक होकर खेल रहे थे जिससे उन्हें मदद मिली।’’