IND vs NZ: ईशान किशन भारतीय टीम की पिछली वनडे सीरीज में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं बन सके। डबल सेंचुरी बनाने वाले इस बल्लेबाज को मिली इस ट्रीटमेंट पर भारतीय क्रिकेट में खूब हो-हल्ला हुआ। इन तमाम सरगर्मियों के बीच न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के पहले मैच में उन्हें मैदान पर उतारा गया। किशन हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम में पहली पारी में बल्लेबाजी करने के लिए उतरे। उन्होंने अपनी पारी को जिस तरह से आगे बढ़ाया और उसका अंत किया, वह इस साल होने वाले वर्ल्ड कप से पहले टीम में उनकी जगह पर सवालिया निशान लगा सकता है।
दोहरा शतक लगाने के बाद हुए नाकाम
ईशान किशन ने पिछले साल हुए टीम इंडिया के बांग्लादेश दौरे पर सीरीज के आखिरी वनडे में दोहरा शतक लगाया। वह 169 गेंदों में 210 रन की पारी खेलकर सबसे कम उम्र में डबल सेंचुरी लगाने वाले बल्लेबाज बन गए। 24 साल के ईशान ने सबसे तेज दोहरा शतक भी लगाया। इस एक पारी से उन्होंने कई नए रिकॉर्ड बनाए लेकिन इसके बाद श्रीलंका के खिलाफ हुई वनडे सीरीज में वह प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं बना सके। इसके लिए टीम मैनेजमेंट की तीखी आलोचना हुई। श्रीलंका का 3-0 से व्हाइट वॉश करने के बाद भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज का आगाज किया गया। हैदराबाद में पहले वनडे में किशन को प्लेइंग इलेवन में जगह मिली। वह चोटिल श्रेयस अय्यर की जगह नंबर चार पर बल्लेबाजी करने के लिए उतरे और महज पांच रन पर ही पवेलियन भी लौट गए।
ईशान को ये नाकामी पड़ सकती है भारी!
वर्ल्ड कप से नौ महीने पहले ये असफल पारी उन्हें भारी पड़ सकती है। जिस बल्लेबाज को दोहरा शतक लगाने के बावजूद मैदान पर उतरने के लिए इंतजार करना पड़े, उसे खराब पारी के बाद टीम मैनेजमेंट बिना वक्त गंवाए अपनी योजनाओं और रणनीतियों से अलग कर सकता है। इसे कई फैंस भारतीय क्रिकेट में जारी एक विडंबना कह सकते हैं, पर ये एक सच्चाई है जो सबके सामने है।
ईशान ने टीम मैनेजमेंट को आसान दांव खेलने का दिया मौका
न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज के दूसरे मैच के लिए बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन के विकल्प के तौर पर टीम में श्रीकर भरत मौजूद हैं। भरत किसी भी तरह से वर्ल्ड कप के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश करने की स्थिति में फिलहाल नहीं हैं लिहाजा उन्हें अगले मैच में मैदान में उतारकर टीम मैनेजमेंट एक आसान और सुरक्षित दांव खेल सकता है। ईशान जिस एक्स फैक्टर के साथ खेलते हैं, उनके आगे सफल होने पर कप्तान, कोच किसी के भी पास इतना आसान और सुरक्षित दांव खेलने का मौका नहीं होगा।