Highlights
- चेतेश्वर पुजारा ने रणजी ट्रॉफी और काउंटी चैंपियनशिप को बताया अहम
- श्रीलंका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया से हो गए थे बाहर
- ससेक्स की तरफ से लगाए लगातार चार शतक
अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा के लिए पिछले कुछ महीने उतार-चढ़ाव भरे रहे। टीम इंडिया से बाहर होने और फिर इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच के लिए स्क्वॉड में वापसी करने तक का सफर काफी दिलचस्प रहा। साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में निराशाजनक प्रदर्शन करने के बाद पुजारा को भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया था। उन्हें मार्च में श्रीलंका के खिलाफ खेली गई दो मैचों की घरेलू टेस्ट सीरीज के लिए टीम में जगह नहीं दी गई थी। इसके बाद आईपीएल के मेगा ऑक्शन में उन्हें किसी ने नहीं खरीदा। हालांकि पुजारा ने हार नहीं मानी और इंग्लैंड जाकर काउंटी चैंपियनशिप में खेले और वहां जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए ना सिर्फ अपनी फॉर्म हासिल की बल्कि टीम इंडिया में वापसी करने में भी सफल रहे।
पुजारा ने ससेक्स के लिए खेलते हुए लगातार चार शतक लगाए और चयनकर्ताओं को उन्हें टीम में शामिल करने पर मजबूर कर दिया। वह इंग्लैंड के खिलाफ एक जुलाई से शुरू होने वाले टेस्ट मैच से पहले अभ्यास मैच खेल रहे हैं। इससे पहले उन्होंने बीसीसीआई टीवी को दिए एक इंटरव्यू में अपनी फॉर्म और वापसी पर बात की और अपनी तैयारी के बारे में बताया।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट से हुआ फायदा
चेतेश्वर पुजारा ने कहा कि रणजी ट्रॉफी और काउंटी चैंपियनशिप में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खेलने से उन्हें अपनी फॉर्म और राष्ट्रीय टीम में वापसी करने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि मेरे लिये यह अधिक से अधिक प्रथम श्रेणी मैचों में खेलने से जुड़ा था। यह अनुभव महत्वपूर्ण था। जब आप फॉर्म में वापसी करना चाहते हैं, जब आप अपनी लय हासिल करना चाहते हैं, जब आपके पास वह एकाग्रता हो तो कुछ लंबी पारियां खेलना महत्वपूर्ण होता है।
उन्होंने कहा कि इसलिए, जब मैं ससेक्स के लिये खेल रहा था तो ऐसा कर सकता था। जब मैंने डर्बीशर के खिलाफ अपनी पहली बड़ी पारी खेली तब मुझे लगा कि मैंने अपनी लय हासिल कर ली है। मेरी एकाग्रता और सब कुछ ठीक चल रहा था। मैंने ससेक्स के साथ बहुत अच्छा समय बिताया।
अच्छे प्रदर्शन का था भरोसा
पुजारा ने कहा कि उन्हें काउंटी मैचों में अच्छा प्रदर्शन करने का भरोसा था, क्योंकि वह पहले से ही रणजी ट्रॉफी में अच्छी फॉर्म में थे। उन्होंने कहा कि मैंने रणजी ट्रॉफी में सौराष्ट्र के लिये तीन मैच खेले। वहां भी मुझे लय हासिल करने में मदद मिली। मुझे पता था कि मैं अच्छी बल्लेबाजी कर रहा हूं।
काउंटी चैंपियनशिप में लगाए दो दोहरे शतक
बता दें कि 34 साल के पुजारा को इस साल के शुरू में श्रीलंका के खिलाफ भारत की घरेलू टेस्ट श्रृंखला के लिये टीम में नहीं चुना गया था। इसके बाद उन्होंने ससेक्स की तरफ से पांच मैचों में 120 की औसत से 720 रन बनाए। पुजारा ने रणजी ट्रॉफी में भी मुंबई के खिलाफ 83 गेंदों में 91 रनों की पारी खेली थी। उन्होंने दूसरी डिवीजन की काउंटी चैंपियनशिप में ससेक्स के लिये दो दोहरे शतकों सहित चार शतक लगाये।