IND vs BAN: बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज के दूसरे टेस्ट में भारत को जीत के लिए सिर्फ 145 रनों की जरूरत है। आंकड़ा छोटा है लेकिन टीम इंडिया के सामने मुसीबत काफी बड़ी है। भारतीय टीम के बल्लेबाजों ने आखिरी पारी में जिस तरह से तू चल – मैं आया का खेल खेला है उसने मुसीबत में फंसा दिया है। मीरपुर की पिच तेजी से टूट रही है और यहां फिरकी गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजों को अपनी ही तान पर नचा रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि टीम के कप्तान केएल राहुल से लेकर स्टार बल्लेबाज विराट कोहली तक, सबको पवेलियन की राह पकड़ाने वाले गेंदबाज बांग्लादेशी स्पिनर्स ही थे।
फिरकी की फांस में फंसा भारतीय टॉप ऑर्डर
टीम इंडिया के टॉप ऑर्डर में एक से एक बड़े नाम हैं, जो मीरपुर के मैदान में तीसरे दिन उतरे। केएल राहुल जैसे गिफ्टेड प्लेयर से लेकर विराट कोहली जैसे महान बल्लेबाज तक, शुभमन गिल जैसे युवा टैलेंट से लेकर भारत की नई दीवार कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा तक। छोटे टारगेट का पीछा करने उतरे इन चारों धुरंधरों को बांग्लादेशी स्पिनर्स ने खेल शुरू करने से पहले ही खत्म कर दिया।
डिफेंसिव माइंडसेट ने बिगाड़ा खेल
हर पारी की तरह इस अहम मौके पर भी केएल राहुल आउट होने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज रहे, जिन्होंने 7 गेंदों पर 1 रन बनाए। पिछले मैच में शतक बनाने वाले चेतेश्वर पुजारा 12 गेंदों में 6 रन बनाए और मेहदी हसन मिराज की गेंद पर स्टंप आउट हो गए। उनके ठीक बाद, सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल भी मिराज की ही गेंद पर स्टंप आउट हो गए।
टेस्ट क्रिकेट में एक अदद बड़ी पारी को तलाश रहे विराट कोहली तीन विकेट गिरने के बाद पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए आए। बेशक टीम मुश्किल में थी पर वह जरूरत से ज्या डिफेंसिव नजर आए। उन्होंने 20 मिनट तक बल्लेबाजी करते हुए 22 गेंदों का सामना किया और सिर्फ 1 रन बनाकर पवेलियन की तरफ लौट गए। उनका विकेट भी मेंहदी हसन मिराज ने ही चटकाया। जब कोहली के रूप में भारत का चौथा विकेट गिरा तब भारत जीत से 108 रन दूर था।
जीत से 100 रन दूर भारत
टीम इंडिया को सीरीज का दूसरा टेस्ट जीतकर बांग्लादेश का सूपड़ा साफ करने के लिए अभी 100 ओर रनों की दरकार है। भारत ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक 4 बहुमूल्य विकेट गंवाकर 45 रन बनाए। इन 45 रनों में 26 रन अकेले अक्षर पटेल के बल्ले से आए, जो बतौर नाइटवॉचमैन मैदान में आए थे। पटेल और जयदेव उनादकट की जोड़ी को खेल के चौथे दिन पॉजिटिव माइंडसेट के साथ पारी को आगे बढ़ाना होगा। कोहली-राहुल की तरह जरूरत से ज्यादा डिफेंसिव होना खतरनाक हो सकता है लिहाज बल्लेबाजों को न सिर्फ कमजोर गेंदों को सही ट्रीटमेंट देना होगा, बल्कि रन गति बढ़ाने के मौके भी बनाने होंगे।