IND vs BAN: भारत के कार्यवाहक कप्तान केएल राहुल के नेतृत्व में भारत ने बांग्लादेश को दो मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-0 से हराया जरूर, लेकिन उनकी खुद की फॉर्म और कुलदीप यादव को बाहर करने के फैसले से वह सवालों के घेरे में रहे। मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल ने रविवार को यह स्वीकार किया कि, मीरपुर टेस्ट की दूसरी पारी में उन्हें कुलदीप यादव की कमी खली लेकिन उन्होंने चाइनामैन गेंदबाज को बाहर करने के अपने फैसले पर बिल्कुल भी खेद नहीं जताया। साथ ही अपनी इस सीरीज में खराब बल्लेबाजी का ठीकरा उन्होंने एक फॉर्मेट से दूसरे फॉर्मेट में सामंजस्य बिठाने की बात पर फोड़ दिया।
आपको बता दें कि भारत की चटोग्राम टेस्ट में बांग्लादेश पर 188 रन की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले प्लेयर ऑफ द मैच कुलदीप यादव को मीरपुर टेस्ट में नहीं खिलाया गया। उनकी जगह एक अतिरिक्त तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट को जगह मिली। पहले टेस्ट में 8 विकेट और बल्ले से महत्वपूर्ण 40 रनों की पारी खेलकर भी बाहर हुए कुलदीप को ना खिलाने पर सुनील गावस्कर सहित कई पूर्व खिलाड़ियों ने भारतीय कप्तान और कोच की आलोचना भी की थी, लेकिन राहुल के दो टूक जवाब ने इस पर साफ कर दिया कि, वह अपने फैसले पर अभी भी डटे हैं।
राहुल ने अपने फैसले को बताया सही
राहुल ने मैच के बाद अपने फैसले का बचाव करते हुए मीडिया से कहा कि, मुझे अपने फैसले पर खेद नहीं है। यह सही फैसला था। अगर आप विकेट को देखते तो हमारे तेज गेंदबाजों ने भी काफी विकेट हासिल किए और उन्हें पिच से मदद मिल रही थी। विकेट में काफी असमान उछाल था। हमने वनडे में यहां खेलने के अपने अनुभव के आधार पर यह फैसला किया। हमने देखा कि यहां तेज और स्पिन गेंदबाजों को मदद मिल रही है। यह एक संतुलित टीम की और मुझे लगता है कि हमारा फैसला सही था। भारतीय टीम 145 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए एक समय सात विकेट पर 74 रन खो चुकी थी। इसके बाद रविचंद्रन अश्विन (42 नाबाद) और श्रेयस अय्यर (29 नाबाद) ने आठवें विकेट के लिए 71 रनों की अटूट साझेदारी करके टीम को जीत दिलाई।
राहुल को जब खली कुलदीप यादव की कमी?
कुलदीप यादव ने 22 महीने बाद शानदार वापसी करके पहले टेस्ट मैच में आठ विकेट लेने के अलावा 40 रन की जुझारू पारी भी खेली थी। उन्हें उस टेस्ट में प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया था। राहुल ने हालांकि उनको इस मैच से बाहर करने के फैसले को मुश्किल बताया और कहा कि, यह मुश्किल फैसला था विशेषकर तब जबकि उसने पहले टेस्ट मैच में अच्छा प्रदर्शन किया था। लेकिन मैच से एक दिन पहले पिच को देखने के बाद हमें लगा कि इससे तेज गेंदबाजों को मदद मिलेगी और इसलिए हमने सर्वश्रेष्ठ और संतुलित टीम उतारने का फैसला किया। भारतीय टीम को विशेषकर दूसरी पारी में कुलदीप की कमी खली। बांग्लादेश का स्कोर एक समय चार विकेट पर 70 रन था लेकिन आखिर में वह 231 रन बनाने में सफल रहा। राहुल ने कहा कि, अगर टेस्ट मैचों में इम्पैक्ट प्लेयर रूल होता तो वह दूसरी पारी में कुलदीप को उतारना पसंद करते। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2023 में यह नियम लागू होने वाला है।
खराब बल्लेबाजी पर क्या बोले राहुल?
भारत के कार्यवाहक कप्तान केएल राहुल लगातार अपनी खराब बल्लेबाजी को लेकर सवालों के घेरे में हैं। टी20 वर्ल्ड कप में भी उनके ऊपर काफी निशाना साधा गया था। अब बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भी सिर्फ 57 रन के साथ उनका बेहद निराशाजनक प्रदर्शन देखने को मिला। इसके सवाल पर कार्यवाहक कप्तान ने अपना बचाव किया और लिमिटेड ओवर सीरीज के तुरंत बाद टेस्ट मैच रखने के फैसले पर ठीकरा फोड़ दिया। उन्होंने कहा कि, जब आप तीनों फॉर्मेट खेलते हैं तो एक फॉर्मेट से दूसरे फॉर्मेट में सामंजस्य बिठाना मुश्किल होता है। निजी तौर पर मेरा मानना है कि इसमें थोड़ा समय लगता है।