IND vs BAN: भारत और बांग्लादेश के बीच 14 दिसंबर से दो मैचों की टेस्ट सीरीज की शुरुआत होने जा रही है। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के तहत होने वाली यह सीरीज दोनों टीमों खासकर भारतीय टीम के लिहाज से बेहद अहम है। टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल की रेस में बने रहने के लिए टीम इंडिया को सीरीज क्लीन स्वीप करनी होगी। सीरीज का पहला मुकाबला चटोग्राम में खेला जाएगा, जहां भारत का रिकॉर्ड शानदार रहा है।
भारत ने हालांकि चटोग्राम टेस्ट से तीन दिन पहले अपने स्क्वॉड में कई अहम बदलाव किए। रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में जहां केएल राहुल को पहले टेस्ट के लिए कप्तान बनाया गया तो वहीं मोहम्मद शमी और ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा के सीरीज से बाहर होने की घोषणा की गई। बीसीसीआई ने इन दोनों खिलाड़ियों के रिप्लेसमेंट का भी ऐलान किया। शमी की जगह नवदीप सैनी तो वहीं जडेजा की जगह 29 साल के सौरभ कुमार को जोड़ा गया।
सौरभ को डेब्यू का इंतजार
सौरभ कुमार की बात करें तो उन्हें इसी साल श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए भी स्क्वॉड में रखा गया था, लेकिन वहां उन्हें डेब्यू का मौका नहीं मिल पाया था। उत्तर प्रदेश के बाएं हाथ से स्पिन गेंदबाजी ऑलराउंडर सौरभ को अब एक बार फिर से टीम इंडिया से बुलावा आया है और उम्मीद है कि यहां उन्हें किस्मत का साथ मिलेगा।
क्रिकेट के लिए छोड़ी एयरफोर्स की नौकरी
29 साल के सौरभ ने हाल ही में बांग्लादेश दौरे पर इंडिया ए के लिए गेंद और बल्ले दोनों से शानदार प्रदर्शन किया था और यही वजह है कि उन्हें रवींद्र जडेजा का रिप्लेसमेंट बनाया गया। सौरभ के लिए हालांकि बाघपत के एक छोटे से जिले से निकलकर टीम इंडिया में शामिल होना इतना आसान नहीं रहा। इसके लिए उन्हें न चाहते हुए भी भारतीय वायुसेना की अपनी नौकरी को छोड़ना पड़ा।
एयरफोर्स छोड़ने का फैसला मुश्किल
सौरभ के लिए एक वक्त ऐसा था कि उन्हें ट्रेनिंग के लिए रोजाना 7 घंटों का सफर करना पड़ता था। करीब 8 साल पहले सौरभ कुमार को करियर को लेकर हुई दुविधा का सामना करना पड़ा था कि वह अपने जुनून को चुनें या फिर अपना भविष्य सुरक्षित करें। सौरभ तब खेल कोटे पर भारतीय वायुसेना में कार्यरत थे और काफी दुविधा में थे। उन्हें सभी भत्तों के साथ केंद्र सरकार की नौकरी मिल गयी थी। लेकिन उनके दिल ने उन्हें प्रेरित किया कि वह पेशेवर क्रिकेट खेलें और भारतीय टीम में जगह हासिल करने की ओर बढ़ें। बायें हाथ के स्पिनर सौरभ ने पीटीआई को दिये एक साक्षात्कार में कहा था कि जिंदगी में ऐसा समय भी आता है जब आपको एक फैसला करना पड़ता है और जो भी हो, लेना ही पड़ता है। इस क्रिकेटर ने कहा था कि सेना के लिए रणजी ट्रॉफी खेलना छोड़ने का फैसला करना बहुत मुश्किल था। मुझे भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना का हिस्सा होना पसंद था। लेकिन अंदर ही अंदर मैं कड़ी मेहनत करके भारत के लिये खेलना चाहता था। बाद में उन्होंने सपने को पूरा करने के लिए वायुसेना का साथ छोड़ने का फैसला किया और इस फैसले में उनके माता-पिता ने भी उनका साथ दिया।
सौरभ का घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले सौरभ कुमार ने अब तक कुल 54 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं और इस दौरान उन्होंने 23.93 की औसत से 237 विकेट चटकाए हैं। इसमें वह 19 बार 5 विकेट और 6 बार 10 विकेट लेने का कारनामा कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने बल्ले से 29.60 की औसत से 1776 रन भी बनाए हैं। यहां उन्होंने 2 शतक और 11 अर्धशतक भी लगाए हैं।