IND vs BAN Dhaka Test: भारत और बांग्लादेश के बीच ढाका में खेले जा रहे दो मैचों की सीरीज के दूसरे मुकाबले के पहले दिन भारतीय टीम का दबदबा देखने को मिला है। बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और यह फैसला गलत साबित हुआ। भारतीय गेंदबाजों ने कमाल का प्रदर्शन किया और उमेश यादव, रविचंद्रन अश्विन और जयदेव उनादकट की तिकड़ी के आगे बांग्लादेश की पूरी टीम 227 रनों पर ढेर हो गई। जवाब में भारत की शुरुआत सधी हुई रही और बिना किसी विकेट के दिन का खेल खत्म होने तक 19 रन बना लिए।
भारत के लिए इस पारी में उमेश यादव और रविचंद्रन अश्विन ने चार-चार विकेट अपने नाम किए। वहीं 12 साल बाद टेस्ट क्रिकेट में वापसी करने वाले जयदेव उनादकट ने 50 रन देकर दो विकेट लिए। बांग्लादेश के लिए मोमिनुल हक ने 157 गेंदों पर 84 रन बनाए जिसमें 12 चौके और एक छक्का शामिल है। बांग्लादेश ने अपने आखिरी पांच विकेट 14 रन के अंदर गंवा दिए। भारत के लिए 12 ओवर फेंकने वाले अक्षर पटेल और 9 ओवर फेंक कर गए मोहम्मद सिराज को एक भी सफलता नहीं मिली।
केएल राहुल को मिले जीवनदान
जब टीम इंडिया की बल्लेबाजी शुरू हई तो भारत के कार्यवाहक कप्तान केएल राहुल का क्रीज पर संघर्ष जारी रहा। उन्हें दो मौकों पर डीआरएस के कारण जीवनदान मिला। पहली बार बांग्लादेश ने विकेट के पीछे कैच के लिए विश्वसनीय अपील पर तीसरे अंपायर की मदद ली जबकि दूसरी बार शाकिब अल हसन की गेंद पर अंपायर ने उन्हें LBW आउट दे दिया था लेकिन इस बार भी भाग्य राहुल के साथ रहा और गेंद मिस कर रही थी। पहले दिन का खेल खत्म होने के समय राहुल 30 गेंदों पर तीन रन बनाकर खेल रहे थे जबकि शुभमन गिल ने 20 गेंदों पर नाबाद 14 रन बनाए थे। भारत अभी बांग्लादेश से 208 रन पीछे है।
12 साल बाद लौटे उनादकट ने किया प्रभावित
बांग्लादेश की पारी में भारतीय गेंदबाजों ने नियमित अंतराल में विकेट लेकर बांग्लादेश के बल्लेबाजों को लंबी साझेदारी नहीं निभाने दी। बांग्लादेश ने पहले सत्र में दो विकेट खोकर 82 रन बनाए जबकि दूसरे सत्र में उसने तीन विकेट खोए और इस बीच 102 रन जोड़े। साउथ अफ्रीका के खिलाफ दिसंबर 2010 में सेंचुरियन में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने के बाद अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे बाएं हाथ के तेज गेंदबाज उनादकट ने दो मैचों के बीच 118 मैच में बाहर रहने का नया भारतीय रिकॉर्ड बनाया। उनादकट ने बांग्लादेश के बल्लेबाजों को परेशानी में रखा और पहले टेस्ट मैच में शतक जड़ने वाले जाकिर हसन (15) का विकेट लिया। उन्होंने दूसरे सत्र में भी प्रभावशाली प्रदर्शन करके अनुभवी मुशफिकुर रहीम (26) को पवेलियन का रास्ता दिखाया।