IND vs BAN: भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज का पहला वनडे मैच गंवा दिया है। ढाका में खेले गए इस मैच में केएल राहुल (73 रन) को छोड़कर सभी भारतीय बल्लेबाजों ने निराश किया था। इसी कारण पूरी टीम महज 186 रनों पर ऑलआउट हो गई थी। भारतीय गेंदबाजों ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए टीम को जीत के दरवाजे तक पहुंचाया था लेकिन फील्डर्स ने मैच को यहां से भी गंवा दिया। मोहम्मद सिराज ने शानदार गेंदबाजी की और 10 ओवर में 32 रन देकर 3 विकेट लिए। भारत के लिए इस मैच में सबसे बड़ी मुश्किल बनकर उभरे मेहदी हसन मिराज जिन्होंने नाबाद 38 रनों की पारी खेलकर टीम को हारी हुई बाजी जिता दी।
फील्डर्स ने हराई जीती हुई बाजी
आपको बता दें कि इस मैच में 187 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी बांग्लादेश की शुरुआत ही बेहद खराब थी। पारी की पहली गेंद पर ही दीपक चाहर ने नजमुल हसन शंटो को वापस पवेलियन भेज दिया था। इसके बाद कप्तान लिटन दास ने एक छोर संभाले रखा और 41 रनों की पारी खेली। उसके बाद शाकिब अल हसन और मुशफिकुर रहीम भी मैच में भारत की जीत के बीच बाधा बनकर खड़े रहे। लेकिन शार्दुल ठाकुर ने बीच के ओवरों में किफायती गेंदबाजी की और फिर महमूदुल्लाह का अहम विकेट लेकर मैच को रोमांचक बनाया।
इसके बाद मोहम्मद सिराज ने आते ही मुशफिकुर रहीम को क्लीन बोल्ड कर दिया। यहां से भारत की जीत की उम्मीदें पक्की होने लगी थीं। फिर जल्द ही इस मैच में अपना पहला विकेट लेते हुए कुलदीप सेन ने अफीफ हुसैन को भी पवेलियन भेज दिया। इसके बाद इसी ओवर में इबादत हुसैन हिट विकेट होकर आउट हो गए। हालांकि, फिर कुछ हद तक मेहदी हसन ने भारत की धड़कनें बढ़ाईं और कुलदीप सेन पर एक ही ओवर में दो छक्के लगा दिए। यहां से फिर भारत को 10वां विकेट ही नहीं मिल पाया और मेहदी हसन व मुस्तफिजुर ने आखिरी विकेट के लिए 51 रनों की नाबाद मैच विनिंग साझेदारी की।
ये रहे हार के प्रमुख कारण
भारत की इस हार के प्रमुख कारण रहे उसकी फील्डिंग। खासतौर से आखिरी विकेट जब चाहिए था तो केएल राहुल द्वारा मेहदी हसन का कैच छोड़ना। उसके बाद वाशिंगटन सुंदर ने एक कैच अटेम्प्ट ही नहीं किया और वह कैच लेने ही नहीं गए। उन्होंने फील्डिंग में दो चौके भी छोड़े जो इस टाइट मुकाबले में बेहद अहम रहे। इसके अलावा दीपक चाहर की आखिरी के दो ओवरों में पिटाई जिस तरह हुई वो भी टीम इंडिया को जीते हुए मुकाबले में हार तक ले गई। मोहम्मद सिराज जो सबसे सफल गेंदबाज थे उनके ओवर खत्म हो गए थे। यही कारण रहा कि मेहदी हसन को सेट होने का मौका मिल गया। अब सीरीज का दूसरा मुकाबला इसी मैदान पर 7 दिसंबर को खेला जाएगा जो टीम इंडिया के लिए करो या मरो का होगा।