IND vs AUS ODI Final 2023 : आईसीसी विश्व कप 2023 में अब तक 47 मुकाबले हो चुके हैं, इसके बाद पता चला है कि इस साल का फाइनल किन दो टीमों के बीच खेला जाएगा। भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें एक दूसरे का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। इन दोनों ही टीमों ने अब तक शानदार प्रदर्शन किया है और इन्हीं में कोई एक टीम चैंपियन बनेगी। खास बात ये है कि ये दोनों ही टीमें इससे पहले भी इस खिताब को जीत चुकी हैं और फाइनल के प्रेशर को कैसे हेंडल करना है, ये अच्छी तरह से जानती हैं। वैसे तो विश्व कप भारत में हो रहा है, इसलिए शुरू से ही उसे विजेता बनने का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा था, साथ ही फाइनल में भी जीत की दावेदारी भी भारत की ही है, लेकिन इससे पहले दो ऐसे मौके आए, जब वनडे विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को बड़ा झटका दिया था और उसकी उम्मीदों पर एक तरह से पानी फेरने का काम किया था।
साल 2003 के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने दी थी टीम इंडिया को मात
सबसे पहले बात साल 2003 की करते हैं, क्योंकि ये वही साल था, जब सौरव गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था और उसके बाद फाइनल तक का सफर तय किया था। यहां उसका मुकाबला रिकी पोंटिंग की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलिया से हो गया। उस वक्त भी टीम इंडिया को ही खिताब जीतने का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई टीम ने सारी तस्वीर बदल कर रख दी। ये करीब करीब एकतरफा टाइप का फाइनल हुआ, जिसमें टीम इंडिया को 125 रनों से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। लगातार आठ मैच जीतने के बाद भारतीय टीम खिताब जीतने से महज एक कदम की दूरी पर थी, लेकिन वो एककदम ऑस्ट्रेलिया ने पूरा नहीं होने दिया। ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल में 359 रनों का बड़ा टारगेट टीम इंडिया के सामने रखा। इस टारगेट को चेज करना आज भी आसान नहीं है और ये बात तो अब से 20 साल पहले की है, तब तो इस लक्ष्य को चेज करने के बारे में सोचना भी कठिन काम था। इस हार से न केवल टीम इंडिया, बल्कि भारतीय फैंस की उम्मीदों को भी बुरी तरह से तोड़कर रख दिया था। इस हार से उबरने में काफी ज्यादा वक्त लग गया था।
साल 2015 में ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम को सेमीफाइनल में ही हराया
साल 2011 का विश्व कप जीतने के बाद साल 2015 में भी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने ही भारतीय टीम की राह में रोड़ा अटकाया। इससे पहले मुकाबला फाइनल में हुआ था, लेकिन इस बार सेमीफाइनल में ही दोनों टीमें आमने सामने आ गईं। साल 2011 की विश्व चैंपियन बनने के बाद एमएस धोनी की कप्तानी वाली टीम इंडिया के हौसले बुलंद थे और उस मैच में जीत की दावेदार भी भारतीय टीम ही थी। यहां भी ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 329 रन का टारगेट भारत के सामने रखा, ये लक्ष्य हासिल किया जा सकता था, लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने खराब प्रदर्शन किया और पूरी टीम मिलकर केवल 233 रन ही बना सकी और हार का सामना करना पड़ा। ये भी 95 रनों की एक बड़ी हार थी। यही पर टीम इंडिया का लगातार दो बार विश्व कप जीतने का आरमान खत्म हो गया।
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