IND vs AUS: भारतीय टीम ने बुधवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट के पहले दिन बेहद खराब बल्लेबाज का नजारा पेश किया। लिहाजा पूरी टीम 33.2 ओवर खेलकर 109 रनों पर सिमट गई। ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर मैट कुहनमैन और नाथन लायन की फिरकी में भारतीय बल्लेबाज बुरी तरह फंसते हुए नजर आए। इसी कारण उस इंदौर की पिच पर जहां टीम इंडिया की बादशाहत थी वहां वह पूरे दो सेशन भी नहीं खेल सकी। इस 109 रन के स्कोर से टीम इंडिया ने होल्कर स्टेडियम में अनचाहा रिकॉर्ड तो बनाया, साथ ही अपने घरेलू टेस्ट क्रिकेट के पिछले 15 साल में चौथी बार ऐसा किया जो शायद फैंस नहीं देखना चाहेंगे।
दरअसल टीम इंडिया का 109 रनों का स्कोर घरेलू मैदान पर पिछले 15 साल में चौथा सबसे कम स्कोर है। इससे पहले टीम इंडिया 2008 में अहमदाबाद में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 76 रनों पर सिमटी थी। यह इन 15 सालों में घर पर टीम इंडिया का सबसे कम स्कोर है। वहीं दूसरा और तीसरा सबसे कम स्कोर है टीम का क्रमश: 105 और 107 जब ऑस्ट्रेलिया ही सामने थी और यह मुकाबला 2017 में पुणे में खेला गया था। अब एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया ही थी और टीम इंडिया 109 रन बनाकर इंदौर के मैदान पर सिमट गई। इस मैदान पर भी टीम इंडिया का यह सबसे कम स्कोर है। इससे पहले यहां हुए पिछले दोनों टेस्ट में टीम ने शानदार जीत दर्ज की थी।
ओवरऑल यह टेस्ट क्रिकेट की पहली पारी में भारत का 11वां सबसे कम स्कोर है। वहीं अगर सबसे कम स्कोर की बात करें तो टीम इंडिया 2020-21 बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट में एडिलेड के ग्राउंड पर महज 36 रन पर सिमट गई थी। इंदौर टेस्ट में पहली पारी में भारत ने जहां मात्र 109 रन का स्कोर खड़ा किया, वहीं पहले दिन के अंत तक मेहमान ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 156 रन बनाकर 47 रनों की लीड ले ली थी। इस खतरनाक टर्निंग ट्रैक पर अगर यहां से ऑस्ट्रेलिया 100 से ऊपर की बढ़त ले लेती है तो टीम इंडिया के लिए वापसी करना बेहद मुश्किल हो जाएगा।
पहले दिन गिरे 14 विकेट
अगर पहले दिन के खेल की संक्षिप्त में बात कर लें तो टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम बुरी तरह बिखर गई। पूरी टीम ताश के पत्तों की तरह ढह गई। 45 पर आधी टीम आउट हो चुकी थी। अंत में उमेश यादव की 17 रनों की महत्वपूर्ण पारी की बदौलत स्कोर 100 पार पहुंचा। जवाब में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज उतनी मुश्किल में नहीं दिखे। उस्मान ख्वाजा ने 60 रनों की पारी खेली और दूसरे विकेट के लिए लाबुशेन के साथ 96 रन जोड़े। यही कारण रहा कि उन्होंने 47 रनों की लीड बना ली है और उनके 6 विकेट शेष हैं। भारत के लिए चारों विकेट अभी तक रवींद्र जडेजा ने ही लिए हैं।