विश्व क्रिकेट में पिच के विश्लेषण को लेकर एक पुरानी मान्यता और समझ है कि अगर किसी विकेट पर दोनों ही टीमें संघर्ष करती है तो उसमें गड़बड़ है। अगर सिर्फ एक टीम मुश्किलों का सामना करती है, तो खोट पिच में नहीं बल्कि उस टीम में है। वर्षों की यह समझ इस बात पर मुहर लगाती है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए सीरीज के पहले टेस्ट मैच के लिए उपयोग में लाई गई नागपुर की पिच खेल के लिए दुरुस्त थी। विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम की इस पिच पर भारत ने बाद में बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 400 रन बनाए। इसी सतह पर कंगारू टीम ने अपनी दोनों पारियों को मिलाकर महज 268 रन जोड़े और उसे पारी और 132 रन से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। दिग्गज ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर इयान चैपल का मानना है कि नागपुर टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को मिली शर्मनाक हार ने टर्निग पिचों पर अच्छी स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ उनकी कमजोरियों की पोल खोल दी है।
ऑस्ट्रेलियाई टीम की कमजोरी हुई जगजाहिर
चैपल ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को चेतावनी दी है कि दौरे के अन्य मैचों में बेहतर करने के लिए उन्हें परिस्थितियों से तालमेल बिठाना होगा। उन्होंने कहा, “पहले टेस्ट ने टर्निग पिचों पर अच्छी स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की कमजोरी को उजागर कर दिया है। अगर वे इस झटके को भुला कर आगे बढ़ते हैं तो उन्हें अच्छा परिणाम मिलेगा और यह उन्हें सीरीज में बनाए रखेगा। अगर वे डगमगाते हैं, तो वे बड़ी मुसीबत में पड़ जाएंगे।”
सीरीज में बने रहने के लिए तालमेल बिठाना जरूरी- चैपल
चैपल ने रविवार को ईएसपीएन क्रिकइन्फो से कहा, “असलियत यह है कि भारत दुनिया भर में एक बहुत मजबूत टीम के रूप में विकसित हुआ है। वे घर में बहुत मजबूत हैं। अगर ऑस्ट्रेलियाई टीम, जिसकी भारत में स्पिन के खिलाफ कमजोरी है जगजाहिर, जल्दी से परिस्थितियों के अनुकूल खुद को नहीं ढालती, तो उन्हें आगे के मैचों में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
यह एक सामान्य लाल मिट्टी की पिच थी- चैपल
हालांकि नागपुर टेस्ट के शुरू होने से पहले पिच से छेड़छाड़ के बड़े अतार्किक आरोप भी लगे थे। महज ढाई दिनों में मैच गंवाने के बाद कंगारू कप्तान पैट कमिंस ने कहा था कि पिच मुश्किल लेकिन खेलने के लायक थी। अगले दिन चैपल ने कहा कि पिच ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलने के लिए मुश्किल नहीं थी। पिच के मामले में बेहजह ही गलत शोर मचाया गया। इसमें कुछ भी अविश्वसनीय नहीं था, यह पहले दिन से ही भारतीय लाल मिट्टी की विकेट से ज्यादा कुछ नहीं थी।