Highlights
- डेथ ओवर्स में लगातार नाकाम हो रहे हैं भुवनेश्वर कुमार
- भुवनेश्वर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 19वें ओवर में दिए 16 रन
- एशिया कप में भुवी की 19वें ओवर की नाकामी पड़ी भारी
Bhuvneshwar Kumar IND vs AUS: भुवनेश्वर कुमार को टी20 फॉर्मेट का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज माना जाता रहा है। चाहे पावरप्ले हो या फिर डेथ ओवर्स वे लगातार कई वर्षों से अपनी सटीक गेंदबाजी से टीम इंडिया को बेहतर स्थिति में पहुंचाते रहे। अब हालात पूरी तरह से सिर के बल खड़े हो गए हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले मैच में भारत को शिकस्त मिली। ऑस्ट्रेलिया ने आखिरी चार ओवर में जीत के लिए जरूरी 55 रन को सिर्फ 20 गेंदों में हासिल कर लिया। इस हार में भुवनेश्वर की गेंदबाजी भी बराबर की हिस्सेदार रही। वे लगातार नाकाम हो रहे हैं और भारतीय टीम को हार का दीदार करना पड़ रहा है। एशिया कप से अब तक, खासकर 19वें ओवर में भुवी की गेंदबाजी पर ग्रहण लग रहा है।
प्रयोगों के भंवरजाल में फंसा भुवनेश्वर का 19वां ओवर
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहाली टी20 के 19वें ओवर में भुवनेश्वर ने 16 रन लुटाए। इसके बाद इस मैच में जीत दर्ज करना ऑस्ट्रेलिया के लिए महज एक औपचारिकता भर बनकर रह गया। भुवनेश्वर ने इस ओवर की पहली गेंद को वाइड डाला तो दूसरी, तीसरी और चौथी लीगल डिलीवरी को ऑफ स्टंप से काफी बाहर रखा। उन्होंने ऑफ स्टंप से बाहर यॉर्कर लेंथ को हिट करने के चक्कर में लगातार 2 फुलटॉस गेंदें डाली। इसके बाद पांचवीं और छठी बॉल को शॉर्ट लेंथ पर डाला और बाद की अपनी तीनों डिलीवरी पर बाउंड्री लगवा बैठे।
अपनी पुरानी राह भूले भुवनेश्वर
इस तरह के प्रयोग कभी से भुवनेश्वर की नहीं रहे हैं। वे पारंपरिक गेंदबाज रहे हैं, जिनकी ताकत स्विंग और सही लाइन लेंथ पर विकेट टू विकेट डिलीवरी रही है। उन्होंने इसी हुनर से अपनी खास पहचान बनाई है। भुवनेश्वर अपनी इन्हीं विशेषताओं के साथ खेल के सबसे छोटे फॉर्मेट के सबसे प्रभावी गेंदबाजों में से एक बने हैं। ऐसे में, इतने सारे मुकाम हासिल करने के बाद वे प्रयोगों के भंवरजाल में क्यों फंस रहे हैं, समझना मुश्किल है।
एशिया कप से जारी है 19वें ओवर का ग्रहण
भुवी की ये दिक्कत एशिया कप से ही चल रही है। भारत ग्रुप स्टेज के दोनों मुकाबले जीतकर एशिया कप के सुपर फोर राउंड में पहुंचा था जहां पहले मैच में उसका सामना आर्चराइवल्स पाकिस्तान से हुआ। पाकिस्तान को आखिरी दो ओवर्स में जीत के लिए 26 रनों की दरकार थी। भुवनेश्वर ने 19वें ओवर में 19 रन देकर एक ओवर पहले ही मैच को लगभग खत्म कर दिया। दूसरे करो या मरो के मुकाबले में भारत को आखिरी दो ओवर्स में श्रीलंका को 21 रन बनाने से रोकना था। 19वां ओवर डालने की जिम्मेदारी भुवनेश्वर को दी गई। भुवी ने अपनी 6 गेंदों पर 14 रन दे डाले जिसके बाद मैच महज एक औपचारिकता भर बनकर रह गया। भारत मैच हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गया।
एशिया कप के इन दोनों ही मैचों में भुवनेश्वर ने 19वें ओवर में अपनी ज्यादातर गेंदें ऑफ स्टंप के बाहर यॉर्कर लेंथ पर डालने की कोशिश की, जिस चक्कर में उन्होंने फुलटॉस गेंदें फेंकी और बाउंड्री खा बैठे।
भुवी की गलती के लिए कोच भी जिम्मेदार!
ऐसी स्थिति में ही कोच का रोल अहम हो जाता है। हेड कोच राहुल द्रविड़ की लंबी चौड़ी टीम है। पारस महाम्ब्रे बॉलिंग कोच हैं। टीम में मेंटल कंडिशनिंग के लिए पैडी अप्टॉन जैसे विशेषज्ञ हैं। इसके बावजूद भुवनेश्वर कुमार जैसे अनुभवी गेंदबाज की एक ही गलती को बार बार दोहराने की बात को समझना थोड़ा मुश्किल है।