IND vs AUS, Border Gavaskar Trophy 2023: ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत दौरे पर 9 फरवरी से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तहत चार मैचों की टेस्ट सीरीज खेलेगी। पहला टेस्ट नागपुर में खेला जाएगा। उससे पूर्व कंगारू टीम को एक खास सलाह मिली है। भारत दौरे से पहले ऑस्ट्रेलिया के ही पूर्व स्पिनर स्टीव ओ'कीफ ने सभी फॉर्मेट के लिए अलग-अलग कोच रखने की वकालत की है। गौरतलब है कि इससे पहले इंग्लैंड यह फॉर्मूला अपना चुका है और सफल भी हुआ है। इसलिए हम कह रहे हैं कि ऑस्ट्रेलियाई टीम को अब इंग्लिश कॉकटेल आजमाने की सलाह दी जा रही है।
टी20 वर्ल्ड कप 2022 में भारत की हार के बाद भी यह मुद्दा काफी चर्चा में था। कई क्रिकेट पंडितों ने टीम इंडिया के लिए भी ऐसा करने की सलाह दी थी। इसके अलावा स्प्लिट कैप्टेंसी, स्प्लिट कोच और अलग-अलग टीम कॉम्बिनेशन बनाने पर भी काफी चर्चाएं हुई थीं। ऐसा ही कुछ अब ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के लिए भी कहा जा रहा है। दरअसल पूर्व स्पिनर ओ कीफ ने कंगारी टीम को स्प्लिट कोचिंग का फॉर्मूला अपनाने की सलाह दी है। इकी वकालत करते हुए ओ कीफ ने कहा कि, इससे एक व्यक्ति पर दबाव कम करने में मदद मिलेगी। आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत के दौरे पर चार टेस्ट और तीन मैचों की वनडे सीरीज खेलेगी।
एंड्रयू मैकडॉनल्ड वर्तमान में सभी फॉर्मेट में ऑस्ट्रेलिया के कोच है। उन्होंने पिछले साल पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज से पहले जस्टिन लैंगर की जगह ली थी। ऑस्ट्रेलिया के लिए नौ टेस्ट और सात टी20 अंतरराष्ट्रीय खेलने वाले ओ'कीफ का मानना है कि, अगर दो कोच वाला तरीका इंग्लैंड के लिए कारगर हो सकता है, तो कोई कारण नहीं है कि यह ऑस्ट्रेलिया के लिए काम नहीं करेगा। इंग्लैंड ने टेस्ट और व्हाइट बॉल फॉर्मेट में अलग-अलग कोच रखने के बाद अच्छा प्रदर्शन किया है।
न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर ब्रेंडन मैकुलम के इंग्लैंड की टेस्ट टीम के कोच बनते ही टीम ने 10 में से नौ टेस्ट जीते हैं। जबकि मैथ्यू मॉट के नेतृत्व में इंग्लैंड ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप भी अपने नाम किया था। वनडे फॉर्मेट में इंग्लैंड की टीम मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन पहले से ही है। ऐसे में यही फॉर्मूला अब अन्य क्रिकेट प्लेइंग नेशन भी अडॉप्ट करने पर विचार करने लगे हैं। उन्हीं में से एक है ऑस्ट्रेलिया। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के लिए यह साल काफी व्यस्त रहेगा। इसमें टीम को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी, एशेज और भारत में एकदिवसीय विश्व कप जैसे अहम टूर्नामेंट खेलने हैं।
ओ'कीफ का मानना है कि अगल कोच रखने का यह सही समय है। पूर्व स्पिनर ने शनिवार को ‘एसईएन रेडियो’ से बात करते हुए कहा कि, मुझे लगता है कि इंग्लैंड के तरीके का पालन करना कारगर होगा। टीम के कोच पर यात्रा करने का बहुत दबाव होता है, वे साल में कभी-कभी 300 दिन घर से दूर रहते हैं। ऑस्ट्रेलिया को आने वाले समय में भारत और इंग्लैंड का सामना करना है। यह काफी दबाव वाला टूर्नामेंट होता है। मुझे लगता है कि टी20, एकदिवसीय और टेस्ट के लिए कोच का एक पूल तैयार कर इस बोझ को कम किया जा सकता है।
ओ'कीफ ने आगे यह भी कहा कि, अलग-अलग कोच समय की जरूरत थी क्योंकि अलग-अलग फॉर्मेट में क्रिकेट अलग-अलग तरीके से विकसित हुआ था। उन्होने यह भी कहा कि, अब हर प्रारूप एक-दूसरे से काफी अलग है। मैं एंड्रयू मैकडॉनल्ड की काबिलियत पर शक नहीं कर रहा हूं। वह एक शानदार कोच हैं, लेकिन मुझे लगता है कि भविष्य में अगर हमारे पास सफेद गेंद और लाल गेंद प्रारूप में अलग कोच होते है तो यह आगे बढ़ने का सही तरीका होगा। मैकडॉनल्ड की कोचिंग में ऑस्ट्रेलिया ने टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया है। मौजूदा वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में टीम लगातार टॉप पर है और लगभग फाइनल में पहुंच भी चुकी है।