IND vs AUS 2nd ODI: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज का दूसरा मुकाबला रविवार 19 मार्च को विशाखापट्टनम के वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा। इस मैच में टीम इंडिया की नजरें सीरीज कब्जाने पर होंगी। टीम इंडिया ने सीरीज का पहला मुकाबला मुंबई में 5 विकेट से जीतकर 1-0 की बढ़त बना ली थी। अब वाइजैग में टीम इंडिया का रिकॉर्ड कैसा है इस पर नजर डालें तो आपको बता दें कि भारतीय टीम यहां आखिरी बार 2013 में वनडे मुकाबला हारा थी। खास बात यह है कि वह हार इस मैदान पर टीम इंडिया की एकमात्र हार थी।
भारतीय टीम ने यहां कुल 9 वनडे मैच खेले हैं जिसमें से सिर्फ एक बार ही टीम को यहां हार मिली है। भारत ने उसके अलावा सात मुकाबले इस मैदान पर जीते हैं तो एक मुकाबला टाई हुआ है। टीम इंडिया को एकमात्र हार इस मैदान पर वेस्टइंडीज के खिलाफ ही मिली है। वहीं जो एक मुकाबला टाई हुआ है वो भी वेस्टइंडीज के खिलाफ ही हुआ है। इस मैदान पर भारत के शानदार रिकॉर्ड को देखते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम निश्चित ही दहशत में आ सकती है। ऑस्ट्रेलिया भी यहां दूसरी बार भारत के खिलाफ वनडे मैच खेलेगी। पिछली बार 2010 में दोनों टीमें यहां भिड़ी थीं और भारत ने 5 विकेट से वो मुकाबला अपने नाम कर लिया था।
इस मैदान पर कई भारतीय खिलाड़ियों का शानदार रिकॉर्ड रहा है। कुलदीप यादव यहां तीन मैचों में 9 विकेट अपने नाम कर चुके हैं। इसके अलावा बल्लेबाजी में विराट कोहली इस मैदान पर रन बनाने के मामले में अव्वल भारतीय बल्लेबाज हैं। उन्होंने यहां 6 मैचों में 556 रन बनाए हैं जिसमें तीन शतक शामिल हैं। उनका सर्वोच्च स्कोर यहां 157 का है। उधर कप्तान रोहित शर्मा की भी वापसी हो रही है जो यहां 6 मैचों में 342 रन बना चुके हैं जिसमें एक शतक उनके नाम दर्ज हैं। उनका बेस्ट स्कोर इस मैदान पर 159 रन है।
भारत को सुधारनी होगी गलती
पहले वनडे में टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर बुरी तरह फेल साबित हुआ था। मिचेल स्टार्क ने विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव और शुभमन गिल को वापस पवेलियन भेजकर टीम इंडिया को मुश्किल में डाल दिया था। शुक्र था कि राहुल और जडेजा ने मैच बचा लिया। अब दूसरे वनडे में टीम इंडिया को अपनी इस गलती को सुधारना होगा। अक्सर व्हाइट बॉल क्रिकेट में भारतीय बल्लेबाज बाएं हाथ के गेंदबाजों के आगे परेशानी में दिखते हैं। वाइजैग में टीम इंडिया को अपनी इस गलती से सीखना होगा। उधर कंगारू टीम को भी अपनी बल्लेबाजी में सुधार की जरूरत है। पहले मैच में मिचेल मार्श के 81 रनों के अलावा किसी ने भी खास योगदान नहीं दिया था।