Highlights
- दीप्ति के रन आउट के बाद सोशल मीडिया पर बवाल
- आईसीसी के नियमों के हिसाब से कुछ नहीं गलत
- कप्तान हरमनप्रीत ने भी किया सपोर्ट
Deepti Sharma Run Out: मांकडिंग. क्रिकेट के मैदान पर जब भी इस टर्म का यूज किया गया है हमेशा बवाल मचा ही है। शनिवार को भारतीय महिला क्रिकेट टीम और इंग्लैंड के बीच खेले गए तीन मैचों की सीरीज के आखिरी वनडे के बाद भी ये शब्द हचक कर सोशल मीडिया पर छाया रहा। इस मैच को वैसे तो महान तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी के आखिरी मैच के तौर पर याद किया जाना चाहिए था, लेकिन अंत में एक विवादित रन आउट ने सभी का ध्यान कहीं और ही लगा दिया।
क्या था पूरा मामला
भारत की महिला टीम इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे वनडे में 170 रन का बचाव कर रही थी। इंग्लैंड की टीम इस छोटे से टारगेट को चेज करने में सिर्फ 118 रन पर अपने 9 विकेट खो चुकी थी। ऐसा लग रहा था कि भारत आसानी से अब इस मैच को जीत लेगा और इंग्लैंड का क्लीन स्वीप पक्का है। लेकिन तभी आखिरी विकेट के लिए चार्ली डीन और फ्रेया डेविस के बीच एक शानदार साझेदारी हुई और धीरे-धीरे भारत के हाथ से ये मैच फिसलने लगा। इंग्लैंड की टीम इस मैच को जीतने से सिर्फ 17 रन दूर थी और अभी भी 6 ओवर से ज्यादा का खेल बाकी था। चार्ली 47 रन बनाकर खेल रही थीं और डेविस 10 रन बनाकर सिर्फ उन्हें स्ट्राइक देने का काम कर रही थीं। तभी इस मैच का 44वां ओवर फेंकने आई दीप्ति शर्मा ने एक झटके में भारत को मैच जिता दिया और वो खुद भी विवाद का एक नया मैटर बन गईं।
दरअसल हुआ यूं कि दीप्ति अपने ओवर की चौथी गेंद फेंकने के लिए तैयार ही थीं कि कप्तान हरमनप्रीत कौर ने उनकी ओर एक इशारा करते हुए चार्ली डीन को नॉन स्ट्राइकिंग एंड पर रन आउट करने को कहा। फिर क्या था जैसे ही गेंद फेंकने से पहले चार्ली ने अपनी क्रीज छोड़ी तभी दीप्ति ने मौके पर विकेट उड़ा दीं। दीप्ति ने एक छोटी सी अपील की और मैदानी अंपायर ने मामले को थर्ड अंपायर पर छोड़ दिया। थर्ड अंपायर ने ज्यादा समय ना लेते हुए रीप्ले देखते ही चार्ली को रन आउट दे दिया। और यहीं से शुरू हो गया बवाल का एक नया दौर।
दिया जाने लगा 'Spirit of Cricket' का ज्ञान
देखते ही देखते सोशल मीडिया पर 'Spirit of Cricket' का ज्ञान देने वाले कुछ इंग्लिश फैंस ने दीप्ति को हौंकना शुरू कर दिया। और ऐसा होता भी क्यों ना उन्होंने 21 साल की चार्ली डीन को इस मैच की हार के बाद रोता जो देख लिया था। अब भई अपने खिलाड़ियों के साथ तो सभी को हमदर्दी होती ही है। लेकिन हम आपको बताना चाहते हैं कि ये वही इंग्लिश फैंस हैं जिन्हें दूसरे टीम के खिलाड़ियों की भावनाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता। 2019 वर्ल्ड कप फाइनल दो बार ड्रॉ होने के बाद यही लोग पूरी दुनिया को गला फाड़-फाड़ के क्रिकेट के रूल समझा रहे थे। उसी मैच के आखिरी ओवर में जब रन चुराने की कोशिश में गेंद बेन स्टोक्स के बल्ले से लगकर चौके पर चली गई थी तो इंग्लैंड के फैंस ने ही सबसे ज्यादा तालियां बजाई थीं।
तो दीप्ति ने तो फिर भी जो किया वो आईसीसी के रूल्स के अंडर ही किया। इसलिए इंग्लैंड के इन फैंस और वहां के कुछ दिग्गजों को हम वैसे ही इग्नोर करते हैं जैसे विराट कोहली अबतक अपने हेटर्स को करते आए हैं। इंग्लिश में कहें तो 'वी डोंट केयर'.
क्या कहता है आईसीसी का रूल?
अब जब बात इतनी बढ़ ही गई है तो ये जान लेना भी बहुत जरूरी है कि इस मामले में आईसीसी के रूल्स क्या कहते हैं। बता दें कि आईसीसी के अंडर आने वाली गवर्निंग बॉडी एमसीसी के नियमों के हिसाब से दीप्ति का रन आउट या फिर मांकडिंग पूरी तरह लीगल है। एमसीसी के नियम 41.16.1 के अनुसार "यदि बल्लेबाज नॉन स्ट्राइकिंग एंड पर गेंद के प्ले में आने से पहले या फिर जबतक गेंदबाज के सामान्य रूप से गेंद छोड़ने की अपेक्षा से पहले अपनी क्रीज छोड़ता है तो गेंदबाज को उसे रन आउट करने का पूरा अधिकार है। इस परिस्थिती में नॉन स्ट्राइकिंग पर खड़ा बल्लेबाज आउट माना जाएगा भले ही गेंद फेंकी ही नहीं गई हो।'' इससे एक बात साफ है कि दीप्ति ने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे इस खेल की भावना पर कुछ फर्क पड़ेगा।
हरमनप्रीत ने प्रेसेंटर को सही सुना दिया
दीप्ति ने जैसे ही चार्ली को रन आउट किया तभी कमेंट्री कर रहे दिग्गज क्रिकेटर नासिर हुसैन इस बात से थोड़े नाखुश नजर आए। वैसा ही कुछ रिएक्शन इंग्लैंड के कुछ दिग्गज खिलाड़ियों का भी था। वहीं मैच की सेरेमनी में प्रेसेंटर लगातार कप्तान हरमनप्रीत को उस रन आउट को लेकर घेरने की कोशिश कर रहा था। हालांकि हरमन ने भी नहले पर दहला फेंकते हुए उस सवाल का अंदाज बेहतरीन अंदाज में दिया। रन आउट के बारे में पूछने पर भारतीय कप्तान ने कहा, 'मुझे लगा आप मुझसे बाकी 9 विकेट के बारे में भी पूछेंगे, उन्हें हासिल करना भी इतना आसान नहीं था। यह नियम के अनुसार है। यह दिखाता है आप कितने जागरूक हैं और मैं हमेशा अपने खिलाड़ी का समर्थन करूंगी। उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया जो नियम के खिलाफ हो।"
जी हां, कुछ भी नियम के खिलाफ नहीं था और इस पूरे विवाद के बाद भारतीय फैंस को इंग्लैंड फैंस के लिए उतना ही बुरा लगना चाहिए जितना कि उन्हें 2019 वर्ल्ड कप के बाद न्यूजीलैंड फैंस के लिए लगा होगा।