भारतीय टीम को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के लगातार दो संस्करण के फाइनल मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में सिर्फ व्हाइट बॉल ही नहीं टीम मैनेजमेंट के ऊपर रेड बॉल क्रिकेट में भी कुछ जरूरी बदलाव करने का प्रेशर आ गया है। रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा जैसे खिलाड़ी बढ़ती उम्र के साथ टीम के लिए बड़ा सिरदर्द बनते जा रहे हैं। वहीं एक ऐसे कप्तान की भी टीम के पास कमी है जो अपने विजन से सालों तक टीम को आगे ले जा पाए। बेन स्टोक्स ने जिस तरह से इंग्लैंड टीम का हुलिया बदला ठीक उसी तरह भारत को भी एक ऐसे खिलाड़ी और कप्तान की जरूरत है। ऐसे में सबसे बड़ा नाम निकलकर आता है हार्दिक पांड्या का। इस धाकड़ ऑलराउंडर को व्हाइट बॉल फॉर्मेट में पहले से ही रोहित शर्मा के विकल्प के तौर पर तैयार किया जा रहा है। वहीं अब बारी है रेड बॉल क्रिकेट की भी।
दरअसल कई मीडिया रिपोर्ट में यह खबर सामने आ रही है कि बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने बताया है कि, टीम के सेलेक्टर्स हार्दिक पांड्या को टेस्ट टीम में वापस लाना चाहते हैं। हाल ही में बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली ने भी हार्दिक को टेस्ट क्रिकेट खेलते देखने की गहन इच्छा जताई थी। पर क्या खुद हार्दिक इसके लिए तैयार हैं? क्या उनकी फिटनेस इस लेवल पर है कि वह तीनों फॉर्मेट खेल सकें? यह कई सवाल हैं जो इस पर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं। कुछ वक्त पहले हार्दिक ने खुद भी कहा था कि, अभी वह टेस्ट के लिए तैयार नहीं हैं। अगर उन्हें वापसी करनी है तो वह खुद अपनी जगह कमाएंगे। किसी डिजर्विंग खिलाड़ी की जगह वह नहीं खाना चाहते।
हार्दिक बनेंगे टीम इंडिया के 'स्टोक्स'
आपको बता दें कि पिछले साल एशेज में हार और फिर वेस्टइंडीज से भी टेस्ट सीरीज हारने के बाद इंग्लैंड की टेस्ट टीम का बुरा हाल था। जो रूट ने इसके बाद कप्तानी छोड़ दी। कोच सिल्वरवुड भी हटा दिए गए। इसके बाद ब्रेंडन मैकुल्लम को कोच बनाया गया और बेन स्टोक्स बने टेस्ट टीम के कप्तान। स्टोक्स और हार्दिक का करियर काफी समानताओं से भरा है। स्टोक्स भी फिटनेस की समस्याओं से जूझते रहते हैं। वह भी एक फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडर हैं। ऐसे में उन्होंने टीम को संभाला और अब यह आलम है तब से इंग्लैंड की टीम 13 में से 11 टेस्ट मैच जीत चुकी है। उन्होंने टीम के अंदर Bazball तकनीक को उत्पन्न किया। यही विजन अब टीम इंडिया के मैनेजमेंट को भी टेस्ट क्रिकेट में आगे ले जा सकता है। हार्दिक पांड्या ने अभी तक व्हाइट बॉल क्रिकेट में अपनी कप्तानी से प्रभावित किया है। आने वाले एक दो साल में वह फुल टाइम व्हाइट बॉल कैप्टन भी बन सकते हैं।
क्या हार्दिक संभालेंगे टेस्ट टीम का जिम्मा?
सबसे पहले तो हार्दिक पांड्या को खुद टेस्ट क्रिकेट में वापसी करनी होगी। अगर वह सफल रहते हैं तो उनकी लीडरशिप क्वालिटी फिलहाल जगजाहिर हो चुकी है। वह एक अच्छे और चालाक कप्तान हैं। रोहित शर्मा की बढ़ती उम्र और उनके फॉर्म को देखते हुए नहीं लगता कि लंबे समय तक वह टीम का साथ दे पाएंगे। वहीं हार्दिक अभी भी युवा ही हैं। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया एक लंबा सफर तय कर सकती है। फिर हमेशा से भारतीय क्रिकेट में हर फॉर्मेट में एक कप्तान की रीति रही है। तो यह देखते हुए कहना गलत नहीं होगा और ना ही हैरान करने वाला होगा कि हार्दिक की रेड बॉल टीम में वापसी हो और वह कुछ वक्त में ही तीनों फॉर्मेट की कमान संभाल सकते हैं। पर इसके लिए उन्हें अपनी फिटनेस पर कठिन परिश्रम करना होगा। हार्दिक पांड्या के आने से टीम इंडिया WTC के तीसरे संस्करण में कुछ अलग करने पर जोर दे सकती है।
साल 2018 में हार्दिक ने खेला था आखिरी टेस्ट
हार्दिक ने 11 टेस्ट मैच साल 2017 में डेब्यू के बाद खेले जिसमें एक शतक और 4 अर्धशतक के साथ उन्होंने 532 रन बनाए और 17 विकेट भी अपने नाम किए। अपने करियर में कई बार चोटों से जूझते आए पांड्या ने आखिरी टेस्ट सितंबर 2018 में खेला था। अब भारतीय टीम वेस्टइंडीज सीरीज से अपने WTC के तीसरे साइकिल की शुरुआत करेगी। इसके बाद वर्ल्ड कप तक टीम को कोई भी टेस्ट मैच नहीं खेलने हैं। वेस्टइंडीज दौरे पर पहला टेस्ट 12 से 16 जुलाई तक डोमिनिका में होगा। वहीं 20 जुलाई से दूसरा टेस्ट त्रिनिदाद में खेला जाएगा। अभी इस सीरीज के लिए भारतीय टीम का चयन नहीं हुआ है। इसके लिए कई अटकलें लगना शुरू हो चुकी हैं। पुजारा की जगह पर जहां खतरा है, तो युवा यशस्वी जायसवाल के चयन की चर्चा है। सिराज और शमी को आराम देने की भी बात चल रही है। इसी बीच हार्दिक पांड्या का एंगल नया होने के साथ-साथ काफी दिलचस्प भी है।