Hardik Pandya vs Rohit Sharma: भारतीय टीम के कप्तान के रूप में हार्दिक पंड्या का रिकॉर्ड 100 प्रतिशत सफलता हासिल करने वाला है। उन्होंने टीम इंडिया की कप्तानी करते हुए कभी कोई मैच नहीं गंवाया। पंड्या ने विदेशी जमीन पर खेली दोनों सीरीज को भी जीता। इससे पहले वह पहली बार कप्तानी करते हुए आईपीएल 2022 में डेब्यू करने वाली टीम गुजरात जायंट्स को भी चैंपियन बना चुके हैं। इन तमाम खूबियों ने उन्हें भारतीय टी20 टीम के नए कप्तान चुने जाने की संभावना को लगभग पक्का कर दिया है। लेकिन उनके रेग्यूलर कैप्टन के तौर पर नियुक्त होने से पहले उन्हें चयन से जुड़े विवाद का भी सामना करना पड़ा।
सेलेक्शन की पुरानी प्लानिंग पर कायम रहे पंड्या
न्यूजीलैंड दौरे पर हुई टी20 सीरीज में पंड्या कप्तान थे। तीन मैच की इस सीरीज को भारत ने 1-0 से जीता। इस जीत के बावजूद प्लेइंग इलेवन के सेलेक्शन को लेकर थोड़ी कंट्रोवर्सी हुई। इस सीरीज में उन्होंने एक्सप्रेस बॉलर उमरान मलिक और लगातार रन बनाकर अपनी दावेदारी पेश कर रहे विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन को मौका नहीं दिया। भारत के कार्यवाहक कप्तान इस सीरीज में सेलेक्शन को लेकर पुरानी योजना पर कायम रहे।
टीम इंडिया का नया कप्तान, पुराना अंदाज
अपने फैसले के बारे में पूछे जाने पर, हार्दिक ने कहा, "यह मेरी टीम है। अगर हम उस टीम का चयन करते हैं जो कोच और मुझे लगता है कि सही है, तो यह फैसला ज्यादा मुश्किल नहीं है। अभी काफी समय है, सभी को मौका मिलेगा और जब उन्हें मौका मिलेगा तो पूरा मौका मिलेगा।"
प्लेइंग XI के सेलेक्शन में रोहित की तरह डिफेंसिव दिखे पंड्या
हार्दिक आईपीएल चैंपियन गुजरात टाइटंस के भी कप्तान हैं। रोहित शर्मा की अगुवाई में टी20 वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल में भारत की हार के बाद उन्हें कप्तान बनाया गया था। हालांकि अभी यह क्लियर नहीं है कि हार्दिक कप्तान बने रहेंगे या नहीं, लेकिन उन्हें एक आक्रामक और सुलझा हुआ कप्तान माना जाता है। उनसे यह उम्मीद की जाती है कि वह टीम की कप्तानी डिफेंसिव अंदाज में नहीं करेंगे। लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में वह प्लेइंग इलेवन सेलेक्ट करने के दौरान डिफेंसिव दिखे। कप्तान रोहित शर्मा एशिया कप और टी20 वर्ल्ड कप में उप-कप्तान केएल राहुल को ढोते रहे और पंड्या पिछली सीरीज में उप-कप्तान बने पंत को मौके पर मौके देते रहे। ऋषभ पंत लगातार दो मैच में बतौर ओपनर नाकाम हुए लेकिन ओपनिंग का शानदार अनुभव रखने वाले सैमसन को वह मैदान में उतारने की हिम्मत नहीं दिखा सके। इसके जवाब में उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया है कि खिलाड़ियों को लंबे समय तक मौका देना उनका तरीका है।
पंड्या का तर्क उलझन पैदा करने वाला
हार्दिक ने कहा, "अगर यह बड़ी सीरीज होती या ज्यादा मैच होते तो उन्हें मौके मिल सकते थे लेकिन एक छोटी सीरीज में मैं बहुत ज्यादा बदलाव करने में विश्वास नहीं करता और भविष्य में भी नहीं करूंगा। यह एक आसान फैसला था। हमने टीम की जरूरत के अनुसार फैसला किया। उदाहरण के लिए मुझे छठा गेंदबाजी विकल्प चाहिए था और यह इस दौरे में उपयोगी रहा, जैसा कि दीपक हुडा ने किया। टी20 क्रिकेट में इस उम्र में आपको काफी मौके मिल सकते हैं। अगर किसी को खेलने का मौका नहीं मिल रहा है तो आप विपक्षी बल्लेबाज को देखकर उन्हें चौंका सकते हैं और इस तरह से हावी हो सकते हैं।"
क्या अगली सीरीज में पंत की जगह सैमसन को मिलेगा मौका?
हार्दिक की यह बातें सुनने में भले अच्छी लगे लेकिन सच तो यह है कि रोहित और उनकी कप्तानी में ज्यादा फर्क नजर नहीं आता। आमतौर पर टी20 सीरीज तीन मैच से ज्यादा की नहीं होती। ऐसे में लंबी सीरीज और बड़ा मौका का तर्क समझना मुश्किल है। पंत पिछली सीरीज में फेल हुए, तो क्या यह मान लिया जाए कि अगली सीरीज में उनकी सजह सैमसन टीम का हिस्सा होंगे, देखना दिलचस्प होगा।