Hardik Pandya, Test Cricket: साल 2022 में ब्रेक के बाद वापस लौटे हार्दिक पंड्या ने बतौर खिलाड़ी तो जलवा बिखेरा ही था। वहीं बतौर लीडर भी उनका एक नया अवतार दुनिया को देखने को मिला था। उनकी कप्तानी में जहां गुजरात टाइटंस ने पहले ही सीजन में आईपीएल का खिताब अपने नाम कर लिया था। वहीं टीम इंडिया के लिए भी हार्दिक ने टी20 फॉर्मेट में लगातार चार सीरीज जीत ली हैं। अब पहली बार वह वनडे क्रिकेट में भी टीम की कमान संभालने जा रहे हैं। ब्रेक के बाद लौटे हार्दिक पंड्या अपनी पुरानी लय में ही दिख रहे हैं। वह एक बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों की भूमिका शानदार तरीके से निभा रहे हैं। यहीं पर एक सवाल लगातार उठ रहा है कि, अगर हार्दिक पूरी तरह लय में लौट आए हैं तो टेस्ट क्रिकेट से क्यों दूर हैं?
टेस्ट में कब लौटेंगे हार्दिक?
इस सवाल का जवाब हार्दिक पंड्या ने खुद दिया है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुंबई में होने वाले वनडे सीरीज के पहले मुकाबले की पूर्व संध्या पर भारतीय ऑलराउंडर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इस पर खुलकर बोले। हार्दिक ने कहा कि, मैं एथिकली काफी स्ट्रॉन्ग हूं लेकिन टेस्ट क्रिकेट में वापसी के लिए अभी मैंने 10 पर्सेंट भी लय नहीं पाई है। मैं यहां तक कि एक पर्सेंट भी नहीं हूं। ऐसे में मैं टेस्ट टीम में आउं और किसी ऐसे कि जगह लूं जो ज्यादा डिजर्व करता है तो सही नहीं होगा। अगर मुझे टेस्ट क्रिकेट खेलना है तो मुझे और मेहनत करनी होगी और अपनी जगह खुद बनानी होगी। इसलिए आगामी WTC फाइनल और भविष्य की टेस्ट सीरीज के लिए मैं मौजूद नहीं रहूंगा। ऐसा तब तक रहेगा जब तक मैं खुद अपनी जगह नहीं बनाता।
आपको बता दें कि हार्दिक पंड्या ने भारत के लिए अभी तक कुल 11 टेस्ट मैच ही खेले हैं। 18 पारियों में उनके नाम एक शतक और चार अर्धशतक के साथ कुल 532 रन दर्ज हैं। वहीं 19 पारियों में 17 विकेट भी उन्होंने झटके हैं। जुलाई 2017 में श्रीलंका के खिलाफ हार्दिक ने रेड बॉल क्रिकेट में इंटरनेशनल डेब्यू किया था। पर आखिरी बार वह सफेद जर्सी में अगस्त 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ नजर आए थे। तकरीबन पांच साल बाद भी वह टेस्ट क्रिकेट में वापसी के लिए तैयार नहीं हैं। एक ऐसे स्टार खिलाड़ी के होते हुए भी उसका इस फॉर्मेट में नहीं होना टीम इंडिया के लिए चिंता की बात है।
वर्कलोड मैनेजमेंट पर हार्दिक का बयान
इसके बाद वर्कलोड को लेकर भी हार्दिक पंड्या ने बातचीत की और कहा कि, हमें अपनी ताकत और कंडीशनिंग कोच पर भरोसा रखना होगा। मैं वो इनसान हूं जो कंडीशनिंग टीम पर विश्वास रखता हूं। इसलिए वर्कलोड के हिसाब से कब कौन खेलेगा और कौन नहीं खेलेगा, इसका पूरा फैसला प्रोफेशनल लोगों (कंडीशनिंग टीम) पर ही होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि, अगर कोई वर्कलोड के कारण बाहर होता है तो इस टीम में किसी को भी दिक्कत नहीं होगी। वो हमारी टीम का आत्मविश्वास है। टीम इंडिया का मैनेजमेंट अक्सर खिलाड़ियों में विश्वास दिखाता है। यही कारण है कि जो भी प्लेयर इस कारण बाहर जाता है वो दोबारा और ज्यादा सुरक्षा के साथ मैदान पर उतरता है।