Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. खेल
  3. क्रिकेट
  4. Harbhajan on Ganguly: '... तो छिन जाती गांगुली से कप्तानी', 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज जीत की कहानी

Harbhajan on Ganguly: '... तो छिन जाती गांगुली से कप्तानी', 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज जीत की कहानी

भज्जी ने कहा है कि 2001 भारत – ऑस्ट्रेलिया सीरीज में अगर टीम इंडिया आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज हार जाती तो सौरव गांगुली को कप्तानी से हटा दिया जाता। 

Written by: Ranjeet Mishra @MishraRanjeet23
Published : June 05, 2022 9:25 IST
2001 टेस्ट सीरीज में...
Image Source : GETTY 2001 टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को हराने से बची गांगुली की कप्तानी- हरभजन

Highlights

  • हरभजन सिंह ने सौरव गांगुली की कप्तानी पर किया बड़ा खुलासा
  • 2001 टेस्ट सीरीज हारने पर दादा कप्तानी से हटा दिए जाते- भज्जी
  • सौरव मेरे लिए भगवान की तरह आए- हरभजन

कहते हैं जब इंसान मुश्किल में फंसा हो तब उसका बेस्ट सामने आता है। बात जब ‘करो या मरो’ की हो तब इंसान करिश्माई नतीजे लेकर आता है। साल 2001 में, स्टीव वॉ की कप्तानी वाले ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे पर यही हुआ था। कप्तान सौरव गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया ने ऑल टाइम बेस्ट समझी जाने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम को तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच धराशाई कर दिया था। यकीनन यह भारत की सर्वकालीन महानतम टेस्ट जीतों में से एक थी। अगर ये जीत नहीं मिली होती, तो मुमकिन है दादा का नाम भारत के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में शुमार नहीं होता. इस सीरीज के कोलकाता टेस्ट में हैट्रिक लेकर कुल 32 विकेट चटकाने के बाद स्पिनर हरभजन सिंह का करियर बुलंदियों पर पहुंच गया था। हरभजन ने इस सीरीज के नतीजे के मद्देनजर गांगुली को लेकर कुछ ऐसे खुलासे किए हैं जो हैरान करने वाले हैं।

...तो गांगुली से छिन जाती कप्तानी   

भज्जी ने कहा है कि 2001 भारत – ऑस्ट्रेलिया सीरीज में अगर टीम इंडिया आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज हार जाती तो सौरव गांगुली को कप्तानी से हटा दिया जाता। उन्होंने खुलासा किया, “सौरव गांगुली की वजह से मुझे इस सीरीज में मौका मिला था। इसके बाद ही मुझे असल पहचान मिली थी। यह सब गांगुली के कारण ही मुमकिन हो पाया था। अगर भारतीय टीम आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज नहीं जीतती तो बहुत संभव है कि गांगुली कप्तान नहीं रहते। गांगुली उस सीरीज में अगर मुझ पर भरोसा नहीं जताते तो मुमकिन है मुझे मौके नहीं मिले होते। इस बात में कोई शक नहीं कि सौरव गांगुली ने मेरी मदद की। मैं इसके लिए हमेशा उनका शुक्रगुजार रहूंगा”।

इस सीरीज में कई कमाल की बातें हुईं, वर्ल्ड क्रिकेट की सुपर पावर ऑस्ट्रेलिया की अकड़ ढीली हुई, भारत ने जीत की ऐतिहासिक इबारत लिख दी, दादा की कप्तानी सलामत रही और भज्जी विश्व के महानतम स्पिनर्स की लीग में पहुंच गए। इन तमाम घटनाओं की धुरी थे सौरव गांगुली।

दादा में रब दिखता है

भज्जी ने भावुक होकर आगे कहा, “यह ऐसा है जैसे ऊपरवाले ने सौरव गांगुली को मेरे लिए भेजा, ‘इस बच्चे का हाथ पकड़े रहो।‘ उन्होंने मेरा हाथ थाम लिया और मैंने भगवान का हाथ थाम लिया। फिर मैं बस अपना काम करता रहा और अपना नाम बनाया। सौरव गांगुली ने भी बड़ी सीरीज जीती।”

चमत्कारी जीत से शुरू हुई टीम इंडिया की दादागीरी

हरभजन उस सीरीज में अपने करियर बेस्ट फॉर्म में थे। हालांकि, पहले टेस्ट में उन्हें सिर्फ चार विकेट मिले थे, लेकिन दूसरे और तीसरे टेस्ट में उन्होंने तमाम कंगारू बल्लेबाबाजों को सिर के बल खड़ा कर दिया। भज्जी ने दूसरे टेस्ट की पहली पारी में रिकी पोंटिंग, एडम गिलक्रिस्ट और शेन वॉर्न को लगातार गेंद पर आउट करके करियर का पहला हैट्रिक लिया। इस मैच की पहली पारी में उन्होंने 7 और दूसरी पारी में छह विकेट चटकाए थे। भारत ने फॉलोऑन खेलने के बाद कोलकाता टेस्ट को 171 रन ने जीतकर चमत्कार कर दिया था।

 

Latest Cricket News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Cricket News in Hindi के लिए क्लिक करें खेल सेक्‍शन

Advertisement

लाइव स्कोरकार्ड

Advertisement
Advertisement