भारतीय क्रिकेट टीम ने 10 साल से कोई भी आईसीसी खिताब नहीं जीता है। टीम साल 2013 में आखिरी बार आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में विजेता बनी थी। उसके बाद से अभी तक टीम चार बार आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में टीम इंडिया को हार झेलनी पड़ी है। इस दौरान जितने भी मौकों पर टीम इंडिया हारी है हर बार भारत को तीन आईसीसी ट्रॉफी जिताने वाले कप्तान एमएस धोनी को याद किया गया। रविवार 11 जून 2023 को भी जब भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल हारी तो धोनी फैंस एक्टिव हो गए और अपने चहेते पूर्व कप्तान को याद करने लगे। इसी पर हरभजन सिंह भड़क उठे और उन्होंने ट्विटर पर एक फैन के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए भड़ास निकाली।
हरभजन सिंह ने एक फैन का ट्वीट देखा जिसमें लिखा था कि, महज 48 दिन हुए थे कैप्टेंसी मिले हुए कोई कप्तानी का अनुभव नहीं था। टीम के पास कोई कोच नहीं था, कोई मेंटोर नहीं था और सभी युवा खिलाड़ी थे। उस समय ऑस्ट्रेलिया की मजबूत टीम को सेमीफाइनल में भारत ने हराया था। फिर टी20 वर्ल्ड कप भी अपने नाम किया था। फैन के इस ट्वीट को हरभजन सिंह ने रिट्वीट किया और खुलकर भड़ास निकाल दी। उनका इशारा इस ओर था कि सिर्फ धोनी ने ही सब किया तो बाकी 10 खिलाड़ी कहां थे। गौरतलब है कि हरभजन भी 2007 की उस वर्ल्ड चैंपियन टीम का हिस्सा थे। उन्होंने टूर्नामेंट की 6 पारियों में करीब 7.9 की इकॉनमी से 7 विकेट झटके थे। इसके अलावा 2011 में वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम में भी हरभजन एक सीनियर खिलाड़ी थे।
बुरी तरह भड़क गए हरभजन सिंह
हरभजन सिंह उस फैन के ट्वीट को देखकर बुरी तरह भड़क गए। उन्होंने गुस्से में अपने ट्वीट में लिखा कि, हां जब यह मैच 2007 वर्ल्ड कप के हुए थे तो धोनी अकेले ही इंडिया के लिए खेल रहे थे। उन्होंने अकेले ही वर्ल्ड कप की ट्रॉफी जीत ली थीं बाकी 10 खिलाड़ी तो टीम में थे नहीं। यह हमारे देश की विडंबना है कि ऑस्ट्रेलिया या कोई और देश जब जीतता है तो कहते हैं कि वो देश जीता। लेकिन जब इंडिया जीतती है तो लोग कहते हैं कैप्टन जीत रहे हैं। यह एक टीम गेम है। जीत साथ होनी चाहिए और हार भी साथ होनी चाहिए।
यह पहला मौका नहीं है जब हरभजन सिंह ने धोनी को लेकर बयान दिया हो। इससे पहले भी वह कई टीवी इंटरव्यूज में अपनी टीम से जगह जाने। 2011 की वर्ल्ड चैंपियन टीम के खिलाड़ियों के दोबारा साथ ना खेलने जैसे मुद्दों को उठाते आए हैं। जबकि आईपीएल में हरभजन सिंह आखिरी बार चेन्नई सुपर किंग्स का ही हिस्सा रहे थे, लेकिन क्रिकेट जितना फील्ड पर अनिश्चितताओं का खेल है उतना ही मैदान के बाहर भी खिलाड़ियों को लेकर कई अनिश्चितताएं रहती हैं। ऐसे में कब कहां विवाद पैदा हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। इसके कई उदाहरण रहे हैं, जैसे कोहली-कुंबले विवाद, कोहली-गंभीर, कोहली-गांगुली आदि।
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