हनुमा विहारी ने इंदौर में मध्य प्रदेश के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच के दूसरे दिन जो किया उसके लिए जिगर चाहिए। उनके एक हाथ पर हमला हुआ, उसने साथ छोड़ा तो दूसरे हाथ से बागडोर संभाल ली। आंध्र प्रदेश के कप्तान ने होल्कर स्टेडियम में अपने प्रदर्शन से दो साल पहले सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में किए अपने कारनामे की याद ताजा करा दी। उन्होंने मैच की पहली पारी में कलाई के टूटने के बाद बाएं हाथ से बल्लेबाजी की और इनिंग को आगे बढ़ाया।
हनुमा विहारी ने फिर दिखाई बहादुरी
उनके इस कारनामे की तुलना जनवरी 2021 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच को बचाने के दौरान किए उनके प्रदर्शन से की जा रही है। उस मैच में विहारी ने हैमस्ट्रिंग के मुड़ जाने के बावजूद लंबे वक्त तक रविचंद्रन अश्विन के साथ मिलकर बल्लेबाजी की थी। वहीं इस मुकाबले में आंध्रा के इस खिलाड़ी को बाईं कलाई के टूटने के कारण मैदान से बाहर जाना पड़ा। उन्हें यह चोट आवेश खान की एक बाउंसर पर लगी। वह वापस लौटकर मैदान में आए और बाईं कलाई को बचाने के लिए लेफ्ट हैंड से बैटिंग की।
स्कैन से कलाई में फ्रैक्चर का चला पता
हनुमा विहारी को जब चोट लगी तब वह 37 गेंदों में 16 रन बना चुके थे। चोट लगने के बाद उन्हें स्कैन कराने के लिए जाना पड़ा। एक्स-रे रिपोर्ट ने बताया कि उनकी कलाई टूट गई है। उन्हें मैदान से पांच से छह हफ्ते तक दूर रहने की सलाह दी गई। टीम मैनेजमेंट ने फैसला लिया कि अगर जरूरत पड़ी तभी विहारी खेल में हिस्सा लेंगे।
इस मैच में खेल का पहला दिन पूरी तरह से आंध्रा के नाम रहा। चौथे और पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले रिकी भुई और करन शिंदे ने 149 और 110 रन की पारियां खेली जिससे विहारी को मैदान से दूर रहने का मौका मिला। खेल के दूसरे दिन पहले घंटे के खेल के बाद भुई और शिंदे एक के बाद एक आउट हुए और फिर टीम तेजी से लड़खड़ा गई। आंध्र प्रदेश की टीम अचानक 328/4 से 353/9 पर आ गई।
कलाई टूटने के बाद हनुमा का करामात
ठीक इस वक्त पर हनुमा विहारी टूटी हुई कलाई के साथ बाएं हाथ के बल्लेबाज के रूप में क्रीज पर कमान संभला। उनके बाएं हाथ पर ढेर सारी पट्टियां लगी थी जिसे बचाते हुए उन्होंने गेंदों को एक हाथ से ही खेलना शुरू किया। उन्होंने लंच तक नंबर 9 बल्लेबाज ललित मोहन के साथ कुल स्कोर में 26 रन का इजाफा किया और आंध्रा को 379/9 तक पहुंचा दिया। लंच के बाद पहली गेंद पर सारांश जैन ने विहारी को एलबीडब्ल्यू आउट किया। उन्होंने अपनी इस साहसिक पारी में 57 गेंदों पर 5 चौकों की मदद से 27 रन बनाए।