भारतीय टेस्ट टीम में इन दिनों कई बदलाव नजर आ रहे हैं। कई खिलाड़ी तगड़े कम्पटीशन के चलते टीम से बाहर हैं तो कुछ अपने फॉर्म के कारण बाहर कर दिए गए। जहां अजिंक्य रहाणे पिछली सीरीज तक टीम का हिस्सा नहीं थे वहीं वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में शानदार वापसी के बाद आगामी वेस्टइंडीज दौरे पर वह उपकप्तान बना दिए गए। चेतेश्वर पुजारा जिन्हें एक समय टीम इंडिया की मध्यक्रम की रीढ़ कहा जाता था उन्हें अपनी जगह गंवानी पड़ी। इतना कुछ होने की कड़ी में ही एक ऐसे खिलाड़ी का बयान सामने आया जिसने शायद कुछ खास गलतियां नहीं कीं लेकिन टीम बैलेंस और कम्पटीशन के चलते उन्हें टीम से बाहर होना पड़ गया।
दरअसल हम बात कर रहे हैं हनुमा विहारी की। यह वही खिलाड़ी है जिसने इंजरी के बावजूद रविचंद्रन अश्विन के साथ खड़े रहकर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2020-21 में सिडनी टेस्ट बचाया था। वहां से इस जांबाज खिलाड़ी को पूरी दुनिया ने जाना था। साल 2018 में डेब्यू के बाद से अभी तक सिर्फ 16 टेस्ट खेलने वाला यह खिलाड़ी एक साल से बाहर है। आखिरी बार विहारी पिछले साल जुलाई में इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम में खेले गए पांचवें टेस्ट में नजर आए थे। फिलहाल कम्पटीशन कितना भी तगड़ा क्यों ना हो लेकिन इस खिलाड़ी ने इस कठिन समय में भी हिम्मत नहीं हारी है। बल्कि इस 29 वर्षीय खिलाड़ी ने 35 वर्षीय अजिंक्य रहाणे की वापसी की कहाने से प्रेरणा ली है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें एक टेस्ट क्रिकेटर का टैग दे दिया गया जो कि गलत है। उन्हें व्हाइट बॉल में ज्यादा मौके नहीं मिले।
'रहाणे 35 की उम्र में आ सकते तो मैं...'
हनुमा विहारी ने पीटीआई से बात की और बताया कि, भारतीय टीम में वापसी करना बहुत मुश्किल होता है। ड्रॉप होने के बाद खिलाड़ी की मानसिकता पर असर पड़ता है। मैं भी पिछले सीजन के बाद से उससे ही गुजर रहा हूं। लेकिन आप जब तक रिटायर नहीं होते वापसी की उम्मीद और उसकी चाहत रहती है। आपने देखा अजिंक्य रहाणे ने 35 की उम्र में वापसी की, तो मैं तो अभी 29 का ही हूं। मेरे अंदर अभी भी बहुत कुछ बाकी है। मुझे लगता है कि अभी भी मुझे बहुत आगे जाना है। भारतीय टीम के लिए बहुत योगदान देना है खासतौर से टेस्ट क्रिकेट में। विहारी ने भारत के लिए 16 टेस्ट की 28 पारियों में 839 रन बनाए हैं। उनके नाम पांच अर्धशतक और एक शतक दर्ज है।
'मुझे ज्यादा मौके नहीं मिले...'
हनुमा विहारी ने आईपीएल के जरिए अपनी वापसी की राह को तो बेहद मुश्किल बताया लेकिन उन्होंने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन से वापसी की हुंकार भरी। उन्होंने कहा कि डोमेस्टिक क्रिकेट के इस सीजन का वह पूरा फायदा उठाना चाहेंगे। वहीं उन्होंने खुद के टेस्ट प्लेयर बताए जाने पर दुख जताया। उन्होंने कहा, अगर आप हमारी आईपीएल जर्नी देखें तो मैं जब 19, 20 साल का था तो मैंने अच्छा किया था। मैं एक व्हाइट बॉल क्रिकेटर के तौर पर ही बड़ा हुआ था। लेकिन मुझे ज्यादा मौके नहीं मिले। किसी खिलाड़ी को किसी टैग के साथ बांध देना गलत है। एक क्वालिटी प्लेयर तीनों फॉर्मेट खेल सकता है। आगे चलकर मैं सभी फॉर्मेट खेलना चाहता हूं।