भारतीय टीम इस वक्त वेस्टइंडीज में वेस्टइंडीज के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेल रही है। इसका पहला मुकाबला टीम इंडिया ने पारी और 141 रनों से जीत लिया था। इस सीरीज के लिए भारतीय टीम बदले हुए अंदाज में नजर आ रही है। चेतेश्वर पुजारा, सूर्यकुमार यादव को इस सीरीज के लिए टीम में जगह नहीं मिली थी। वहीं सरफराज खान को जगह नहीं मिलने पर खासा बवाल भी मचा था। इसके बाद इन तीनों खिलाड़ी के पास दलीप ट्रॉफी में खुद को साबित करने का सुनहरा अवसर था। पर पुजारा के सेमीफाइनल में एक शतक के अलावा उनकी सभी पारियां बेकार रहीं। वहीं सूर्यकुमार यादव और सरफराज खान भी फ्लॉप साबित हुए।
इन तीनों खिलाड़ियों पर एक ऐसा खिलाड़ी भारी पड़ा जिसे पिछले एक साल से ज्यादा से टीम इंडिया में जगह नहीं मिली है। हम बात कर रहे हैं हनुमा विहारी की जिन्होंने पिछले साल जुलाई के बाद से कोई भी टेस्ट मैच नहीं खेला है। पर डोमेस्टिक सर्किट में उनका शानदार प्रदर्शन जारी है। दलीप ट्रॉफी में भी उन्होंने अपनी कप्तानी में साउथ जोन की टीम को चैंपियन बनाया। साउथ जोन ने फाइनल में पृथ्वी शॉ, चेतेश्वर पुजारा, सूर्यकुमार यादव जैसे इंटरनेशनल खिलाड़ियों से सजी वेस्ट जोन की टीम को 75 रनों से हराया और खिताब जीता।
हनुमा विहारी तीन पर अकेले भारी
हनुमा विहारी ने दलीप ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में 63 और 42 रनों की उपयोगी पारियां खेलीं। वहीं सरफराज खान जिनके सेलेक्ट नहीं होने पर काफी बवाल मच रहा था। वह दलीप ट्रॉफी में कुछ खास नहीं कर पाए। सरफराज पहली पारी में खाता भी नहीं खोल पाए थे वहीं दूसरी पारी में उन्होंने 48 रन बनाए थे। चेतेश्वर पुजारा ने पिछले मुकाबले में शतक लगाया था लेकिन एक बार फिर बड़े मुकाबले फाइनल में जहां उनकी वेस्ट जोन को जरूरत थी वह फ्लॉप रहे। उन्होंने सिर्फ 9 और 15 रनों की पारी खेली। सूर्यकुमार यादव इस मैच में सिर्फ 8 और 4 रन बना पाए। यानी विहारी का प्रदर्शन इन तीनों पर भारी पड़ा।
हनुमा विहारी का करियर रिकॉर्ड
हनुमा विहारी ने भारत के लिए साल 2018 में टेस्ट डेब्यू किया था। उनके नाम 16 टेस्ट मैचों में 839 रन और पांच विकेट दर्ज हैं। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में एक शतक और पांच अर्धशतक लगाए हैं। उन्होंने टीम इंडिया के लिए आखिरी टेस्ट पिछले साल जुलाई में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। उस मैच में उन्हें चेतेश्वर पुजारा की जगह नंबर तीन पर खेलने का मौका मिला था। वह सिर्फ 20 और 11 रनों की पारी खेल पाए थे। उसके बाद से उन्हें टीम इंडिया के टेस्ट स्क्वॉड में जगह नहीं मिली।