Highlights
- रूडी कर्टजन का मंगलवार को हार हादसे में हो गया निधन
- साल 1990 से लेकर 2010 तक क्रिकेट मैचों में की शानदार अंपायरिंग
- वीरेंद्र सहवान ने शोक व्यक्त करते हुए बताया, क्या बात हुई थी
Rudi Koertzen passes away : क्रिकेट जगत को मंगलवार को एक बड़ा झटका लगा। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व अंतरराष्ट्रीय अंपायर रूडी कर्टजन का एक कार दुर्घटना में निधन हो गया। रूडी कर्टजन करीब 73 साल के थे। उनके निधन पर देश और दुनिया के दिग्गजों ने शोक व्यक्त किया है और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की है। टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने भी उनके निधन पर एक ट्वीट किया है और शोक संवेदना व्यक्त की है। रूडी कर्टजन के परिवार में पत्नी और चार बच्चे हैं।
दुनिया के सम्मानित अंपायरों में से एक थे रूडी कर्टजन
रूडी कर्टजन 1990 के दशक से 2010 तक क्रिकेट दुनिया के सबसे सम्मानित अंपायरों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करीब 400 मैचों में अंपायरिंग की है। एलगोवा एफएम न्यूज की खबर के मुताबिक मंगलवार सुबह रिवरडेल के पास आमने.सामने की टक्कर में पूर्व अंपायर रूडी कर्टजन और तीन अन्य लोगों की मौत हो गई। रूडी कर्टजन सप्ताहांत गोल्फ खेलने के बाद केप टाउन से घर नेल्सन मंडेला बे लौट रहे थे। इस पूर्व अंपायर के बेटे जूनियर रूडी कर्टजन ने इस खबर की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि वह कुछ दोस्तों के साथ गोल्फ प्रतियोगिता में भाग लेने गए थे। उन्हें सोमवार को लौटना था लेकिन उन्होंने फिर एक और दौर का मैच खेलने का फैसला किया।
इतने इंटरनेशनल मैचों में की रूडी कर्टजन ने अंपायरिंग
कर्टजन 2002 में आईसीसी के एलीट पैनल के अंपायर बने थे और आठ वर्षों तक इसका हिस्सा रहे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान 397 मैचों में मैदानी और तीसरे अंपायर की भूमिका निभाई। उन्होंने 128 टेस्ट, रिकॉर्ड 250 एकदिवसीय और 19 टी20 अंतरराष्ट्रीय में अंपायरिंग की है। वह इस दौरान विवादों में भी घिरे। उन्होंने नियमों की गलत व्याख्या कर ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच 2007 में खेले गए क्रिकेट विश्व कप के फाइनल मैच को कम रोशनी में भी जारी रखा। आईसीसी ने इसके बाद उन्हें टी20 विश्व कप के पहले सत्र में अंपायर नहीं रखा था। इस विश्व कप को उनके देश में ही खेला गया था। वीरेंद्र सहवाग ने रूडी कर्टजन के निधन पर लिखा है कि उनके परिवार के प्रति संवेदना। सहवाग ने कहा कि उसके साथ बहुत अच्छे संबंध थे। जब भी मैं तेजतर्रार शॉट खेलता था तो वह मुझे यह कहते हुए डांटते थे, समझदारी से खेलो, मैं तुम्हारी बल्लेबाजी देखना चाहता हूं। वीरेंद्र सहवाग ने लिखा है कि वे अपने बेटे के लिए एक खास ब्रांड का क्रिकेट पैड खरीदना चाहते थे और मुझसे इसके बारे में पूछा। मैंने उसे उपहार में दिया और वह बहुत आभारी थे। एक सज्जन और बहुत ही शानदार इंसान। रूडी तुम्हारी याद आएगी। शांति।