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IPL के बीच भारतीय क्रिकेट के लिए दुखद खबर, पूर्व ओपनर का हुआ निधन; BCCI ने जताया शोक

भारतीय क्रिकेट जगत ने एक हफ्ते के अंदर अपने दो पूर्व क्रिकेटरों को खो दिया है। पहले सलीम दुर्रानी का निधन हुआ और अब पूर्व ओपनर ने दुनिया को अलविदा कहे दिया है।

Written By: India TV Sports Desk
Updated on: April 06, 2023 12:43 IST
Sudhir Naik- India TV Hindi
Image Source : TWITTER Sudhir Naik

भारत में इन दिनों क्रिकेट लीग आईपीएल की धूम है तो उसी बीच भारतीय क्रिकेट के लिए एक हफ्ते के अंदर दो बुरी खबर सामने आ चुकी हैं। पिछले हफ्ते के अंत में जहां सलीम दुर्रानी का निधन होने की खबर आई थी। वहीं अब भारतीय क्रिकेट टीम के एक और पूर्व ओपनर का निधन होने की खबर सामने आई है। दरअसल भारत के लिए 1974 में तीन टेस्ट मैच व तीन वनडे खेलने वाले पूर्व सलामी बल्लेबाज सुधीर नाईक का बुधवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के सूत्रों ने उनके निधन की पुष्टि की है। 

वह 78 वर्ष के थे और उन्होंने मुंबई के एक अस्पताल में ही अंतिम सांस ली। जानकारी के मुताबिक उनके घर में उनकी एक बेटी है। नियमित रूप से उनके स्वास्थ्य पर नजर रखने वाले एमसीए के एक सूत्र ने पीटीआई से बताया कि, हाल ही में वह बाथरूम के फर्श पर गिरे थे और उनके सिर में चोट लग गई थी जिसके बाद उन्हें मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह कोमा में चले गए और फिर कभी ठीक नहीं हुए। गौरतलब है कि हाल ही में दिग्गज ऑलराउंडर सलीम दुर्रानी का कैंसर से निधन हो गया था। एक हफ्ते के अंदर भारतीय क्रिकेट जगत से यह दूसरी दुखद खबर मिली है।

कैसा रहा नाइक का सफर?

नाईक मुंबई क्रिकेट जगत में एक बेहद सम्मानित व्यक्ति और रणजी ट्रॉफी विजेता कप्तान थे। उनके नेतृत्व में टीम ने 1970-71 सत्र में रणजी खिताब जीता था। नाईक के नेतृत्व की काफी सराहना की गई क्योंकि मुंबई ने उस सत्र में सुनील गावस्कर, अजीत वाडेकर, दिलीप सरदेसाई और अशोक मांकड़ जैसे सितारों के बिना रणजी ट्रॉफी जीती थी। जब 1972 का रणजी सत्र शुरू हुआ तो नाईक को अंतिम एकादश से बाहर कर दिया गया क्योंकि टीम में मुख्य बल्लेबाज वापस आ गए थे। 

फिर उन्होंने 1974 में इंग्लैंड दौरे पर बर्मिंघम टेस्ट में डेब्यू किया जहां उन्होंने दूसरी पारी में हार के दौरान अपना एकमात्र अर्धशतक बनाते हुए 77 रन की पारी खेली। उन्होंने 85 प्रथम श्रेणी मैच खेले और 35 से अधिक के औसत से 4376 जिसमें एक दोहरा शतक सहित सात शतक शामिल रहे। नाईक ने कोच के रूप में सक्रिय भूमिका निभाई। जहीर खान के करियर में उनकी बड़ी भूमिका रही क्योंकि वह उन्हें मुंबई में क्रिकेट खेलने के लिए लाए और उन्हें अपेक्षित अनुभव प्रदान किया। वह मुंबई चयन समिति के अध्यक्ष भी थे। बाद के वर्षों में उन्होंने नि:शुल्क वानखेड़े स्टेडियम के क्यूरेटर के रूप में काम किया।

BCCI ने जताया शोक

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने गुरुवार को पूर्व सलामी बल्लेबाज के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि, उनके क्रिकेट के प्रति जुनून के कारण कई क्रिकेटरों का करियर बना और वह आगे भी भावी क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे। बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी के हवाले से जारी रिलीज में कहा गया कि, सुधीर नाइक के निधन से हमें गहरा दुख हुआ है। खेल के प्रति दशकों में उनका योगदान उन सभी को प्रेरित करेगा जो इस खेल को अपनाना चाहते हैं। वहीं बीसीसीआई सचिव जय शाह ने कहा कि, सुधीर नाइक के निधन की खबर सुनकर बेहद दुखी हूं। यह बहुत बड़ा नुकसान है। मैं उनके परिवार, मित्रों और मुंबई क्रिकेट संघ में प्रत्येक के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। नाइक वास्तव में क्रिकेट के प्रति जुनूनी थे और उन्होंने एक क्रिकेटर, कोच, क्यूरेटर और प्रशासक के रूप में इस खेल की सेवा की। किसी खिलाड़ी की प्रतिभा पर उनकी पैनी नजर रहती थी और उन्होंने कई क्रिकेटरों का करियर संवारा।

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