मुंबई टेस्ट का पहला दिन मेहमान न्यूजीलैंड के नाम रहा। टॉस जीतकर न्यूजीलैंड की टीम भले ही 235 रनों पर सिमट गई लेकिन फिर उसके गेंदबाजों ने पहला दिन का खेल खत्म होने तक भारत के 86 रन के भीतर 4 विकेट गिरा दिए। एक समय भारतीय टीम ने 1 विकेट खोकर 78 रन बना लिए थे लेकिन फिर एजाज पटेल ने यशस्वी जायसवाल को आउट कर अपनी टीम को बड़ी सफलता दिलाई। इसके बाद तो जैसे विकटों की झड़ी लग गई। अगली गेंद पर नाइटवॉचमैन के रूप में आए मोहम्मद सिराज सिर्फ 1 गेंद खेल सके और एलबीडब्लू आउट होने के बाद पवेलियन लौट गए। सिराज अंपायर के फैसले से नाखुश थे जिसके बाद डीआरएस का सहारा लिया। हालांकि डीआरएस से भी साफ हो गया कि सिराज आउट हैं।
सिराज का विकेट टीम इंडिया के लिए पहले दिन टर्निंग पाइंट साबित हुआ क्योंकि लगातार 2 गेंदों पर 2 विकेट गिरने से टीम प्रेशर में आ गई जिसका नतीजा ये हुआ कि विराट कोहली दिन का खेल खत्म होने से कुछ देर पहले ही रन चुराने की कोशिश में रनआउट हो गए। इस तरह टीम इंडिया ने 100 रन से पहले ही अपने 4 विकेट खो दिए।
सिराज को भेजने का फैसला गलत
पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर साइमन डूल का बड़ा बयान सामने आया जिसमें उन्होंने भारतीय मैनेजमेंट की जमकर आलोचना की। उन्होंने पहले दिन का खेल खत्म होने से पहले मोहम्मद सिराज को नाइट वॉचमैन के रूप में भेजने के फैसले को गलत करार दिया। सिराज उस समय बल्लेबाजी करने आए जब दिन का खेल खत्म होने में सिर्फ कुछ ओवर का ही खेल बाकी था। सिराज पहली ही गेंद पर पवेलियन लौट गए जिस पर साइमन डूल ने कहा कि ऐसे समय में रविचंद्रन अश्विन को मैदान पर भेजा जाना चाहिए था।
उन्होंने एक ऐसे खिलाड़ी को भेजने के महत्व पर जोर दिया जो स्पिन के खतरे को झेल सकता था और दूसरे दिन फिर से खेल सकता था। साइमन डूल स्पोर्ट्स18 पर कहा कि उन्हें नाइट वॉचमैन शब्द पसंद नहीं है। रविचंद्रन अश्विन क्यों नहीं? आप खेलने के लिए किसी गेंदबाज को वहां नहीं भेज सकते। अगर कोई खिलाड़ी वहां होना था तो अश्विन को होना चाहिए था क्योंकि वह वास्तव में बल्लेबाजी कर सकता है। वह रात भर खेलेगा और फिर कल आकर आपके लिए रन बनाएगा क्योंकि वह ऐसा करने में सक्षम है।
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